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मनरेगा में भ्रष्टाचार की गूंज: स्वीकृत राशि के लिए संघर्षरत किसान

  • सावली पंचायत में किसानों की समस्या, मनरेगा भुगतान में देरी से बढ़ी परेशानियां

खकनार। खकनार जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत सावली में मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत कुआं निर्माण पूरा करने के बाद भी किसान किसन मोहन को स्वीकृत राशि का पूरा भुगतान नहीं मिला है। मार्च 2021 में शुरू किए गए इस निर्माण के लिए 2.60 लाख की स्वीकृति मिली थी, लेकिन अब तक किसान को केवल 90,000 (खुदाई) और 36,000 रु. (बंधाई) का भुगतान किया गया है।
किसान किसन मोहन ने बताया कि उन्होंने बाजार से पैसे उधार लेकर कुआं निर्माण कार्य पूरा कर लिया, लेकिन अभी तक 1.20 लाख की शेष राशि नहीं मिली है। किसान ने ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत कार्यालय में कई बार संपर्क किया, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। किसान का कहना है कि पंचायत सचिव और रोजगार सहायक अक्सर कार्यालय में अनुपस्थित रहते हैं और फोन कॉल्स का भी जवाब नहीं देते।
सावली गांव में केवल किसन मोहन ही नहीं, बल्कि 4-5 अन्य किसानों के कुएं अधूरे पड़े हैं। आधे-अधूरे निर्माण कार्यों के कारण कुएं अब धूल फांक रहे हैं। किसानों को मनरेगा के तहत स्वीकृत राशि समय पर न मिलने से उनकी वित्तीय समस्याएं बढ़ रही हैं।
सचिव और रोजगार सहायक का “आजकल” कहकर मामले को टालना, योजना के क्रियान्वयन पर सवाल खड़े करता है। किसानों को उनकी स्वीकृत राशि देने में हो रही देरी ने मनरेगा योजना की पारदर्शिता और प्रभावशीलता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

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