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नगर निगम ने दे रखी है फायर एनओसी, मंगलवार को हॉस्पिटल में हुई थी प्रसूता की मौत
बुरहानपुर। इंदौर-इच्छापुर रोड़ स्थित गुड हॉस्पिटल में पिछले दिनों एक प्रसूता की मौत पर जमकर हंगामा भी हुआ था। बताया जा रहा है एक रेस्टारेंट के उपर संचालित इस हॉस्पिटल को नगर निगम से फायर एनओसी भी दे रखी है। नियम विरुद्ध संचालित इस हॉस्पिटल में आए दिन हादसे हो रहे हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार अफसर राजनीतिक दबाव में कार्रवाई करने से बचता नजर आ रहा है।
नगर निगम अफसरों का कहना है कि फायर एनओसी है। इसलिए हमारी ओर से कोई कार्रवाई का दायित्व नहीं बन रहा है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई करना चाहिए। वहीं स्वास्थ्य विभाग हमेशा की तरह पल्ला झाड़ रहा है। कार्रवाई करने की बजाए जिला प्रशासन के हस्तक्षेप का इंतजार किया जा रहा है। जबकि इस तरह के किसी हादसे के बाद स्वास्थ्य विभाग को खुद मामला संज्ञान में लेना चाहिए। इंदौर इच्छापुर हाईवे पर संचालित गुड हॉस्पिटल में आए दिन विवाद की स्थिति बन रही है। खास बात है कि जो डॉक्टर रजिस्टर्ड नहीं है उसे भी बुलाकर मरीज का ऑपरेशन कराया जाता है।
प्रसूता की मौत के मामले की जांच करेगी स्वास्थ्य और जिला प्रशासन की सयुंक्त टीम
इंदौर इच्छापुर हाईवे स्थित गुड हॉस्पिटल में मंगलवार को एक प्रसूता की मौत के मामले की जांच स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की सयुंक्त टीम करेगी। सीएमएचओ डॉ राजेश सिसौदिया के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम गठित हो चुकी है। अभी कलेक्टर भव्या मित्तल अवकाश पर है। एक दो दिन में उनके अवकाश से लौटने पर जिला प्रशासन की ओर से भी टीम में अफसरों को शामिल कर सयुंक्त टीम जांच शुरू की जाएगी। इधर, महिला की मौत के बाद पोस्टमार्टम में उसके पेट में खून के थक्के मिले हैं। मौत के बाद अस्पताल की लापरवाही को लेकर परिजनों ने जमकर हंगामा किया था। इसके बाद पुलिस-प्रशासन मौके पर पहुंचा था और महिला के शव को पीएम के लिए भेजा था। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने पूरे मामले की जांच के लिए टीम बनाई है, लेकिन इस टीम ने अभी जांच शुरू नहीं की है। टीम में कलेक्टर की ओर से जिला प्रशासन के अफसरों को भी शामिल किया जाएगा। इसके बाद जांच होगी।
फोपनार निवासी महिला की हुई थी मौत
दरअसल सोमवार रात फोफनार की रहने वाले हसीना बी को गंभीर हालत होने के बावजूद बुरहानपुर जिला अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया था। गुड हॉस्पिटल में भर्ती करने के बाद सीजर किया गया। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ती गई और सुबह उसकी मौत हो गई। इसके बाद जमकर हंगामा हुआ था। हंगामे के बाद महिला के शव का जिला अस्पताल में पीएम हुआ। इसमें उसके पेट में खून के थक्के मिले हैं। आमतौर पर सीजर के समय खून का रिसाव होता है। महिला में खून की कमी होने पर इस तरह की स्थिति बनती है। हालांकि यह सारी बातें जांच का विषय है और पीएम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। परिवार ने लापरवाही, शव को बाहर ले जाकर रखने और रुपए लेने के आरोप लगाए थे। इसकी जांच स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अफसरों की टीम सयुंक्त रूप से करेगी। वहीं मामले में गुड हॉस्पिटल के संचालक ने सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। तब उनक कहना था कि हमने मरीज के परिजन से पैसा ही नहीं लिया। वहीं पास से ब्लड का पैसा स्टाफ द्वारा दिए जाने की बात कही गई थी। अब इन सभी तथ्यों की बारीकी से जांच होगी।