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Monday, March 3, 2025
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पर्यावरण बचाने की होली: 50 स्थानों पर जलेंगी गोबर के कंडों की होलिकाएं

  • सांसद-विधायक ने गोबर के कंडे बनाकर किया अभियान का शुभारम्भ

बुरहानपुर। स्वामी विवेकानंद गणेश उत्सव समिति, राजपुरा रोड द्वारा पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से गोबर के कंडों से होलिका दहन करने की परंपरा को इस वर्ष भी जारी रखा गया है। राजपुरा स्थित ज्ञानवर्धनी सभा गृह में समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल एवं विधायक मंजू दादू ने गोबर के कंडे बनाकर किया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य वृक्षों की अनावश्यक कटाई रोकना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना है। समिति अध्यक्ष अमोल भगत ने बताया कि पिछले 11 वर्षों से समिति द्वारा गोबर के कंडों से होलिका दहन किया जा रहा है। इस वर्ष बुरहानपुर जिले में 50 स्थानों पर यह अभियान चलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सोशल मीडिया (व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम) के माध्यम से जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
पर्यावरण संरक्षण और गोवंश रक्षा का संकल्प
इस अवसर पर सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा कि हमें प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे ऑक्सीजन की कमी और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि लकड़ी की बजाय गोबर के कंडों का उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण में सहयोग दें।
समाज के गणमान्य लोग भी हुए शामिल
इस अभियान में विधायक मंजू दादू, समिति संरक्षक दिलीप श्रॉफ, मुकेश शाह, बंटी नागोरी, सुभाष यादव भाजपा युवा नेता गजेंद्र पाटिल, पार्षद नितेश दलाल, भरत मराठे, भारत इंगले, सोनू खुराना, रविंद्र अग्रवाल, देवा नन्नौरे, विजय वारूड़े, महेन्द्र कामले, कमलेश दलाल, मनीष भगत, मोनू नवग्रहे, भीमा महाजन, हितेन सराफ, प्रशांत आप्टे, अंकित व्यास, गज्जू मराठा, राम निकम, चेतन शाह, महेंद्र महाजन, हितेश भगवे, शुभम चोपड़ा सहित अन्य गणमान्य एवं समाजसेवी मौजूद रहे।
पेड़ों की कटाई रोकने की जरूरत
समिति अध्यक्ष अमोल भगत ने कहा कि हर साल हजारों पेड़ों की बलि दी जाती है, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान होता है। यदि इस पर अभी ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में ऑक्सीजन संकट का सामना करना पड़ेगा। बुरहानपुर की यह पहल पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन सकती है। यदि हर शहर इस दिशा में कदम बढ़ाए, तो हम पर्यावरण को काफी हद तक सुरक्षित रख सकते हैं।

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