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अब पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज लधवे भी जिलाध्यक्ष की दौड़ में, सांसद समर्थक भोपाल में जमे, जल्द जारी हो सकती है सूची
बुरहानपुर। भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए रस्साकसी का दौर जारी है। बुरहानपुर जिलाध्यक्ष पद के लिए किसी एक नाम पर आम सहमति नहीं बन पा रही है। वहीं कहा जा रहा है कि अगर जिलाध्यक्ष पद के लिए सांसद-विधायक के बीच सहमति नहीं बनी तो संगठन स्तर से भी एक नाम तय हो सकता है इसलिए अब जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे भी शामिल हो गए हैं।
गौरतलब है कि संगठन पर्व के दूसरे चरण में रायशुमारी के बाद नाम प्रदेश भाजपा कार्यालय भेजे गए। जहां मंथन का दौर जारी है। सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल अपने समर्थकों में किसी एक को जिलाध्यक्ष बनवाना चाहते हें ताकि अपना वर्चस्व बढ़ा सकें तो वहीं बुरहानपुर विधायक अर्चना चिटनिस ने भी वर्तमान जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज माने, विरेंद्र तिवारी में से किसी एक को जिलाध्यक्ष बनवाने के लिए प्रयास किए है। आपसी रस्साकसी का दौर जारी है और अभी तक किसी भी एक नाम पर सहमति नहीं बनी है। सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और नेपानगर विधायक मंजू दादू की ओर से जिलाध्यक्ष पद के लिए उनके समर्थक संजय जाधव, राहुल जाधव का नाम है तो वहीं बुरहानपुर की विधायक अर्चना चिटनिस की ओर से डॉ. मनोज माने और विरेद्र तिवारी का नाम दिया गया है। राजनीतिक सूत्रों की मानें तो तीसरा नाम संगठन से भी तय हो सकता है और वह पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज लधवे भी हो सकते है, क्योंकि उनके कार्यकाल में संगठन में काफी काम भी हुए हैं। उनके कार्यकाल में भाजपा कार्यालय खुला। यह अभी किराये के भवन में चल रहा है। बाद में उन्होंने कार्यालय के लिए स्थान चयनित कराया गया और काम शुरू हुआ, लेकिन वर्तमान जिलाध्यक्ष के कार्यकाल में कार्यालय का कोई काम नहीं हुआ। इसी तरह लधवे के कार्यकाल में अटल स्मृति स्थल बनाया जो देश में केवल दिल्ली के बाद मप्र के बुरहानपुर में ही है। इसलिए संगठनात्मक क्षमता अगर देखी गई तो मनोज लधवे एक बार फिर भाजपा जिलाध्यक्ष बन सकते हैं।
मनोज माने पर कईं बार लगे आरोप
वर्तमान जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज माने पर कईं बार संगठन के पदाधिकारियों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चला। सांसद समर्थकों ने कईं बार आरोप लगाए कि एक तरफा संगठन चलाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ सांसद समर्थक इन दिनों भोपाल में ही मोर्चा संभालकर बैठे हैं। वर्तमान जिलाध्यक्ष विधायक अर्चना चिटनिस के समर्थक हैं जबकि सांसद अपने समर्थक को जिलाध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। अगर सहमति नहीं बनी तो मनोज लधवे का नाम फाइनल हो सकता है। अब लिस्ट का इंतजार है। बताया जा रहा है कि आपसी समन्वय बनाने के लिए यह नाम सामने आया है और संगठन इसमें हस्तक्षेप कर निर्णय भी कर सकता है, लेकिन यह सब सूची जारी होने के बाद स्पष्ट होगा।