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महिला ने लिखित में दी शिकायत, राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते कार्रवाई में देरी
बुरहानपुर। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं के सम्मान और अधिकारों की बात की जाती है, लेकिन इसी दिन मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में कांग्रेस नेता हेमंत पाटिल पर एक महिला ने गाली-गलौच और मारपीट करने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ग्राम लोनी की निवासी है और उसने इस संबंध में लालबाग थाने में लिखित शिकायत दी है। हालांकि, अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, जिससे राजनीतिक हस्तक्षेप की अटकलें तेज हो गई हैं।
क्या है पूरा मामला?
ग्राम लोनी की रहने वाली पीड़िता ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि 7 मार्च को उनके घर कोटवार (गांव का चौकीदार) भेजा गया, जिसके बाद वह पंचायत कार्यालय पहुंची। वहां उनकी मुलाकात ग्राम पंचायत के सरपंच पति हेमंत पाटिल से हुई। महिला का कहना है कि उसने सरपंच पति से अपनी सरकारी सहायता राशि के बारे में पूछा, लेकिन हेमंत पाटिल ने गाली-गलौच की और उनके साथ मारपीट भी की।
पीड़िता का दावा है कि इस दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने इस घटना को देखा और सुना भी। महिला ने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई की जाए।
महिला ने उसी दिन दर्ज कराई थी शिकायत, फिर भी नहीं हुई कार्रवाई
पीड़िता ने इस मामले की शिकायत शुक्रवार शाम को लालबाग थाने में दर्ज कराई थी, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक इस पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता से जुड़े होने के कारण राजनीतिक दबाव की वजह से पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। वहीं, पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे।
राजनीतिक रंग लेने लगा मामला, कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें
महिला दिवस के मौके पर एक महिला के साथ मारपीट का यह मामला कांग्रेस पार्टी के लिए शर्मिंदगी का कारण बनता जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में इस घटना की चर्चा जोरों पर है, और यह सवाल उठ रहा है कि क्या पीड़िता को न्याय मिलेगा या राजनीतिक दबाव के चलते मामला रफा-दफा कर दिया जाएगा?
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद स्थानीय लोगों में रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि आम जनता को न्याय नहीं मिलेगा, तो महिलाओं की सुरक्षा का क्या होगा? कुछ लोगों का मानना है कि यदि आरोपी किसी अन्य पार्टी का होता तो पुलिस अब तक कड़ी कार्रवाई कर चुकी होती।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
फिलहाल, पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है, और सभी साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाए जाएंगे। अब देखना होगा कि क्या प्रशासन निष्पक्ष कार्रवाई करता है या राजनीतिक दबाव के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है? पीड़िता को न्याय मिलने में कितना समय लगेगा, यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।