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एक तस्वीर, एक विचार – अब हर आगंतुक को करेगा प्रेरित माखन दादा का चित्र
बुरहानपुर। पत्रकारिता और राष्ट्रभक्ति के प्रतीक, पद्म भूषण पंडित माखनलाल चतुर्वेदी ‘माखन दादा’ को उनकी जयंती पर बुरहानपुर प्रेस क्लब ने अभूतपूर्व पुष्पांजलि अर्पित करते हुए एक ऐतिहासिक और प्रेरणास्पद कदम उठाया है। प्रेस क्लब द्वारा माखन दादा का चित्र जिला कलेक्टर हर्ष सिंह को भेंट किया गया, जिसे जनसंपर्क अधिकारी सुश्री आशा उईके के सहयोग से कलेक्ट्रेट परिसर के आगंतुक कक्ष और जनसंपर्क कार्यालय में सार्वजनिक रूप से लगाया गया।
बुरहानपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष दुर्गेश शर्मा ने इस पहल को एक ‘आध्यात्मिक-वैचारिक यात्रा’ की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा पत्रकारिता के पितृपुरुष माखन दादा को याद करने का इससे श्रेष्ठ तरीका और कोई नहीं हो सकता, जब उनका चित्र कलेक्ट्रेट जैसी प्रशासनिक संस्था की दीवारों पर सजे और हर आगंतुक को उनके आदर्शों की झलक दे। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ एक चित्र नहीं, बल्कि एक विचार है जो पत्रकारों को, अधिकारियों को और नागरिकों को हर दिन यह याद दिलाता रहेगा कि पत्रकारिता का मूल उद्देश्य समाज और राष्ट्र की सेवा है।
प्रशासन और पत्रकारिता का साझा संकल्प
प्रेस क्लब के सचिव निलेश जूनागढे ने जानकारी दी कि कलेक्टर हर्ष सिंह ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए प्रेस क्लब को समाज सुधार और जनहित के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
कलेक्टर ने यह भी कहा कि भविष्य में जिला प्रशासन और प्रेस क्लब मिलकर विभिन्न जन-जागरूकता अभियानों, सामाजिक सुधार कार्यक्रमों और रचनात्मक पहलों को साथ मिलकर संचालित करेंगे।
“पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, और यदि यह स्तंभ समाज के पक्ष में सक्रिय हो जाए, तो कोई भी बदलाव असंभव नहीं रहता,” – कलेक्टर हर्ष सिंह
माखन दादा को दी गई पुष्पांजलि, याद किया गया योगदान
चित्र भेंट करने से पूर्व प्रेस क्लब कार्यालय में स्वर्गीय माखन दादा को पुष्पांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में उनके द्वारा स्वतंत्रता संग्राम, साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में दिए गए योगदान को गहराई से स्मरण किया गया।
माखन दादा केवल पत्रकार नहीं थे, वे एक क्रांतिकारी कवि, विचारक और स्वतंत्रता सेनानी भी थे, जिनकी कलम में आग थी और whose शब्दों ने ब्रिटिश शासन की चूलें हिला दी थीं।
कार्यक्रम में गरिमामय उपस्थिति
इस आयोजन में बुरहानपुर प्रेस क्लब के मार्गदर्शक मंडल दिनेश जैन, उदयसिंह वर्मा, घनश्याम मालवीय, अजय उदासीन, कार्यकारिणी सदस्य लियाकत खान, निलेश सोनी, विकास ठाकुर, संतोष पाटिल, आशीष शर्मा, अन्य सदस्य मुकेश पूर्वे, रामप्रकाश जायसवाल, सत्यनारायण लड्डा, दीपक सोहले, ईश्वर यादव, त्रिलोकचंद जैन, मोहम्मद अरमान, अनिल वानखेडे, तोताराम खंडेराव, जितेंद्र अरोरा, विजय निम्भोरे, रजा खान, संजय यावलकर, राकेश पूर्वे, अब्दुल खलिक सहित वरिष्ठ पत्रकार एवं गणमान्य जन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
एक नई परंपरा की नींव
यह पहल बुरहानपुर में पत्रकारिता और प्रशासन के बीच समन्वय का एक नया अध्याय है। जहां एक ओर प्रशासनिक गलियारे में आदर्शों की गूंज सुनाई देगी, वहीं दूसरी ओर पत्रकारिता के विद्यार्थी और नवागंतुक पत्रकार इससे प्रेरणा लेंगे। माखन दादा का चित्र अब केवल दीवार पर टंगी एक तस्वीर नहीं रहेगा, बल्कि वह विचारों का प्रतीक होगा—एक दिशा होगी, जो पत्रकारों को उनकी जिम्मेदारियों की याद दिलाएगी।