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पूर्व महापौर अतुल पटेल बोले- ऐसी गुंडागर्दी से महापौर नहीं डरती, कांग्रेस के समय में अधिक कर वृद्धि हुई
बुरहानपुर। कांग्रेस पार्षदों ने सोमवार सुबह 11 बजे इंदिरा कॉलोनी स्थित परमानंद गोविंदजीवाला ऑडिटोरियम पहुंचकर परिसर में बैठक की। ऑडिटोरियम का ताला नहीं खोलने का आरोप लगाया। बैठक में निगम अध्यक्ष और विपक्षी पार्षदों ने पिछले दिनों निगम सम्मेलन में लिए गए प्रस्तावों को निरस्त करने की मांग रखी। वहीं इसे लेकर आयुक्त ने कहा बैठक उसी दिन हो चुकी थी। महापौर माधुरी अतुल पटेल ने कहा- सदन के पटल पर बजट आ चुका था। बैठक लगातार जारी थी ऐसे में उनके द्वारा गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। झूठ प्रचारित किया जा रहा है। नगर निगम बुरहानपुर में वर्ष 1996 तक जल दर प्रतिमाह प्रति नल कनेक्शन साढ़े सात रूपए थी। तत्कालीन प्रदेश सरकार ने इन दरों में लगभग 7 गुना वृद्धि कर न्यूनतम दर साढ़े सात रूपए से 50 रूपए कर दी। वर्तमान में भी नगर निगम बुरहानपुर में जल कर की दर 1997-98 से आरोपित दर 50 रूपए ही है।
दरअसल मंगलवार सुबह 11 बजे नगर निगम अध्यक्ष अनीता अमर यादव और करीब 18 कांग्रेस पार्षद ऑडिटोरियम पहुंचे, लेकिन यहां ताला लगा नजर आया। ऐसे में उन्होंने बाहर ही बैठक की। वहीं महापौर माधुरी अतुल पटेल ने कहा- कांग्रेस ने शहर हित की बात नहीं की। पटल पर खुद अध्यक्ष ने प्रस्ताव रखा था। आज कांग्रेस क्यों डर रही है। इससे पहले जिलाध्यक्ष को नहीं बुलाया था। डर कौन रहा है। वह अकेले पड़ गए। जो गलत करता है वही घबराता है। महापौर ने आज तक कोई गलत नाम नहीं किया। पूर्व महापौर अतुल पटेल ने कहा ऐसी गुंडागर्दी से नहीं डरती महापौर।
जल कर न्यायोचित
महापौर माधुरी पटेल, पूर्व महापौर अतुल पटेल ने कहा-नई योजना में 10 रूपए प्रति हजार लीटर लागत के आधार पर एक परिवार की महीने की आवश्यकता 20 हजार लीटर पानी का बिल 200 रूपए प्रतिमाह होगा। यह पूरी तरह न्यायोचित और ऐसी दर है जिसे प्रत्येक परिवार वहन कर सकता है, क्योंकि पर्याप्त मात्रा में सही समय पर मीठे पानी की आपूर्ति उचित प्रेशर के साथ की जाएगी। जिससे पानी भरने में लगने वाला समय और मोटर चलाने में लगने वाली बिजली की बचत होगी। जल उपभोक्ता प्रभार की नई दरें नवीन जलावर्धन योजना पूर्ण होने पर ही लागू होगी। जल उपभोक्ता प्रभार की नई दरें अन्य नगरीय निकायों के समान है।
आज कर बढ़ाने की बात की जा रही है, लेकिन कांग्रेस ने सात बार कर बढ़ाए। हमने चर्चा भी बुलाई कि चर्चा करें। हमारा भाजपा का चौथा कार्यकाल है। कभी संपत्तिकर और दूसरे कर नही बढ़ाए। कांग्रेस के लोगों ने निर्यात कर रोका। हारून सेठ के समय कर बढ़ा। जनता में झूठ फैला रहे हैं।
यह है पूरा मामला
21 अक्टूबर 24 को बुरहानपुर नगर निगम का सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस दिन सम्मेलन सुबह 11 बजे से शाम पौने छह बजे तक चला। महिला पार्षदों ने सम्मेलन आगे बढ़ाने की मांग निगमाध्यक्ष अनीता यादव से की तभी विवाद की स्थिति निर्मित हुई और हंगामा भी होने लगा। इस बीच 10 मिनट का ब्रेक लिया गया। आधे से अधिक पार्षदों ने सम्मेलन की अगली तारीख तय करने की मांग की। निगम अध्यक्ष ने 5 नवंबर को सम्मेलन रखने की बात कहते हुए सम्मेलन स्थगित कर दिया और आसंदी छोड़कर चली गईं, लेकिन बाद में सत्तापक्ष ने दो सभापति नियुक्त कर सम्मेलन कराया और बजट सहित अन्य प्रस्ताव पारित किए गए। इसके बाद कांग्रेस ने दूसरे दिन कलेक्टर को शिकायत की थी। सत्तापक्ष की ओर से भी सम्मेलन को नियमानुसार जारी रखने की बात कही थी। चूंकी कांग्रेस की निगम अध्यक्ष ने सम्मेलन की तारीख 5 नवंबर तय की थी इसलिए वह पार्षदों के साथ 5 नवंबर को सम्मेलन जहां आयोजित होता है उस स्थल परमानंद गोविंदजीवाला ऑडिटोरियम पहुंची जहां ताला लगा मिला। निगम अध्यक्ष का कहना है कि 28 अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त को एक पत्र भी भेजा था कि सम्मेलन 5 नवंबर को आयोजित किया जाए। वहीं मंगलवार को 18 से अधिक कांग्रेस पार्षद, कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में बैठक हुई जिसमें विपक्षी पार्षदों ने सत्तापक्ष की ओर से 21 अक्टूबर को आयोजित हुआ सम्मेलन निगम अध्यक्ष द्वारा स्थगित किए जाने के भी जारी रखकर बजट सहित अन्य प्रस्ताव पारित किए जाने का विरोध किया। साथ ही संविधान की किताब हाथ में लेकर कुछ देर पैदल चले फिर वाहनों से कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्टर भव्या मित्तल को स्थिति से अवगत कराया।
मैंने सम्मेलन की तारीख 5 नवंबर तय की थी
निगम अध्यक्ष अनीता यादव ने कहा 21 अक्टूबर को हुए सम्मेलन के दौरान अगली तारीख 5 नवंबर तय कर दी थी। आयुक्त को 28 अक्टूबर को पत्र भी दिया था। आज उन्होंने ताला खोला नहीं। इसलिए हमें बाहर ही बैठकर अपनी बैठक की। लोगों पर थोपे गए कर को निरस्त करने की मांग की।
महापौर, आयुक्त दादागिरी कर रहे
शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रिंकू टाक ने कहा महापौर और आयुक्त दादागिरी कर रहे हैं। अध्यक्ष ने जिस समय घोषणा कर दी थी कि हम लोग 5 तारीख को बैठक करेंगे तो अध्यक्ष का निर्णय नहीं माना। यहां न भाजपा पार्षद आए न कोई अन्य। वह पूरी तरह से डरे हुए हैं। विपक्ष का सामना नहीं करना चाहते। ऑडिटोरियम पर ताला लगा रखा है।
25 पार्षदों की सहमति से मिटिंग समाप्त हुई थी
उप नेता प्रतिपक्ष व अधिवक्ता उबैद शेख ने कहा-निगम सम्मेलन पिछली बार निर्वाचित अध्यक्ष ने स्थगित घोषित कर दिया था। 25 पार्षदों की सहमति के बाद मिटिंग समाप्त हो जाती है। इसके बाद पुनः मिटिंग संचालित करने का अधिकार नहीं रहता। भाजपा की सरकार में संविधान को ताक में रखकर काम किया जा रहा है। रनिंग मिटिंग रहती है तो किसी के द्वारा संचालित की जा सकती है। जब 5 तारीख तय की गई तो व्यवस्था क्यों नहीं की। यहां ताला लगाकर रख दिया। इसलिए यहीं मिटिंग की।
विधानसभा में उठवाएंगे मामला
पूर्व विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह ने कहा-यह खेद का विषय है। यह कानून की लड़ाई है। हम इसे लड़ेंगे। आने वाले समय में जब भी मप्र में विधानसभा लगेगी तब यह मामला उठवाएंगे कि किस तरह का कानून बनाया है यहां उसे किस तरह फालो किया जा रहा है।
वर्जन-
सम्मेलन उसी दिन हो गया था
– सम्मेलन 21 अक्टूबर को ही हो गया था। नियमानुसार ही उसका संचालन हुआ। अध्यक्ष के पत्र के बाद उनको बता दिया गया था कि अब दोबारा सम्मेलन आयोजित न हो पाएगा, क्योंकि पहले ही उसका संचालन हो गया है।
– संदीप श्रीवास्तव, आयुक्त नगर निगम बुरहानपुर