18.8 C
Burhānpur
Thursday, November 14, 2024
18.8 C
Burhānpur
Homeमध्यप्रदेशमेरा बुरहानपुर परेशान है जलावर्धन योजना के कमजोर क्रियान्वयन से-अर्चना चिटनिस
Burhānpur
clear sky
18.8 ° C
18.8 °
18.8 °
55 %
0.6kmh
0 %
Thu
31 °
Fri
32 °
Sat
32 °
Sun
32 °
Mon
31 °
spot_img

मेरा बुरहानपुर परेशान है जलावर्धन योजना के कमजोर क्रियान्वयन से-अर्चना चिटनिस

  • 30 सितंबर तक पूर्ण कर, क्षतिग्रस्त सड़कों के लिए राशि उपलब्ध कराएंगे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय

बुरहानपुर। वर्तमान में चल रहे विधानसभा सत्र में आज ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से पूर्व मंत्री एवं विधायक अर्चना चिटनिस ने बुरहानपुर में अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा बुरहानपुर जल आवर्धन योजना का कार्य समय पर पूरा नहीं किए जाने और खोदी गई सड़कों से नागरिकों को होने वाली समस्याओं का मुद्दा उठाया। ध्यानाकर्षण की सूचना पर विधानसभा में चर्चा में श्रीमती चिटनिस ने बताया कि योजनांतर्गत अनेक स्थानों पर सड़क की सतह से बहुत कम गहराई पर पाईप लाईन डाली गई है जो भविष्य में संचालन संधारण की समस्या उत्पन्न करेगा। पाईप लाईन डालने के दौरान सड़कों की खुदाई करने के कारण सड़कों की हालत बेहद खराब हो गई है। सदन में ध्यानाकर्षण की सूचना का उत्तर प्रस्तुत करते हुए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय एवं नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री प्रतिभा बागड़ी ने सितंबर 2024 तक योजना को पूर्ण करने, आईआईटी इंदौर से योजना की जांच कराने तथा आंतरिक सड़कों के रेस्टोरेशन के लिए आवश्यक राशि स्वीकृत करने की घोषणा की।
अर्चना चिटनिस ने कहा कि नगर निगम बुरहानपुर के लिए स्वीकृत बुरहानपुर जलावर्धन योजना का क्रियान्वयन एमपीयूडीसी द्वारा किया जा रहा है। 163 करोड़ से भी अधिक लागत की इस योजना पर कार्य वर्ष 2017 में प्रारंभ हुआ था किन्तु योजना अभी तक पूर्ण नहीं हो सकी है। इस विलंब से सरकार के प्रति नागरिकों में गंभीर असंतोष व्याप्त है।
जवाब में मंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि बुरहानपुर जल आवर्धन योजना का काम राज्य शासन नगर निगम बुरहानपुर समेत त्रिपक्षीय एजेंसी के माध्यम से कराया जा रहा है। इस योजना में 142.17 करोड़ का अनुबंध दिल्ली की कंपनी से किया गया है 2017 में किए गए अनुबंध के बाद समय समय पर राशि भेजी गई है। अनुबंध के अनुसार में 2019 में काम पूरा होना था लेकिन भूमि मिलने में देरी के कारण इसमें विलंब हुआ है। प्रावधान अनुसार कंपनी की लिक्विडिटी डैमेजेस के लिए आवश्यक राशि रोकी जा रही है। अब इस योजना का कार्य 30 सितंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
श्रीमती चिटनिस ने इस पर कहा कि ताप्ती नदी पर जो इंटेक वेल बनाया गया है वह योजना शुरू होने के पहले ही टूट गया है। मंत्री द्वारा काम पूरे होने की जो समय-सीमा बताई जा रही है उसमें काम पूरा होना संभव नहीं है। अब तक इसका काम करने वाली कंपनी 11 बार एक्सटेंशन ले चुकी है। कंपनी द्वारा डाली जाने वाली पाईप लाईन की जांच थर्ड पार्टी एजेंसी से कराई जाए। सड़कों के रेस्टोरेशन के लिए बुरहानपुर को आवश्यक अतिरिक्त राशि दी जाए। इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कार्य की गुणवत्ता की आईआईटी इंदौर की टीम से जांच कराई जाएगी। श्री विजयवर्गीय ने कहा कि बुरहानपुर की सड़कें इस योजना के कारण टूटी हैं। सड़कों को दुरुस्त करने के लिए आवश्यक राशि का आकलन करके रेस्टोरेशन के लिए फंड दिया जाएगा।
योजना को लेकर विधायक अर्चना चिटनिस ने खामियों की ओर कराया ध्यानाकर्षित
विधायक अर्चना चिटनिस ने योजना को लेकर बरती गई कमियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि योजना के एनीकट का ड्राइंग डिजाइन सही नहीं होने के कारण विगत वर्ष बारिश के दौरान एनीकट के दोनों किनारों से मिट्टी बह गई है जिसके कारण दोनों किनारों पर एमबैंकमेंट का कार्य किया जा रहा है जिससे योजना की लागत लगभग 10 करोड़ रुपए से भी अधिक बढ़ गई है। योजनांतर्गत शहर के अंदर डाली गई डिस्ट्रीब्यूशन पाईप लाईन को बहुत कम गहराई पर डाला गया है जिसके कारण आने वाले समय में पाईप लाईन में टूट फूट और अवैध कनेक्शन की प्रबल आशंका है जिससे योजना की संचालन संधारण लागत बढ़ेगी। योजना के प्रावधानों के अनुरूप गहराई पर पाईप लाईन नहीं डाली गई है जो जाँच का विषय है। योजना प्रारंभ से 7 वर्ष की अवधि बीतने के उपरांत भी 12 वितरण जोन में से एक जोन का भी कार्य पूरा नहीं हो सका है। शासन की इतनी अधिक राशि का व्यय होने के उपरांत भी बुरहानपुर के नागरिक शुद्ध पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं। जल प्रदाय योजना के क्रियान्वयन में पूरे शहर की सड़कों की हालत बहुत खराब कर दी है। सड़कों को काटकर पाईप लाईन डालने के स्थान पर एजेंसी द्वारा सड़कों को ब्रेकर से तोड़कर पाईप लाईन डाली गई है जिससे पूरी चौड़ाई में सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई है जबकि एजेंसी द्वारा उतने ही स्थान का रीस्टोरेशन किया गया है जितने में पाईप लाईन डाली गई है और यह रीस्टोरेशन भी गुणवत्ता का नहीं है। योजना का काम करने वाली एजेंसी के पास काम की कोई योजना या कोई वर्क प्लान नहीं है जिससे आए दिन शहर में किसी भी स्थान पर अचानक खुदाई का काम प्रारंभ कर दिया जाता है जिसके कारण पूरे शहर में सड़कों की स्थिति बहुत खराब हो गई है और हर जगह गड्ढे या टीले बन गए हैं। विधानसभा में ध्यानाकर्षण के दौरान उठाए गए इस विषय से जलावर्धन योजना से होने वाली समस्याओं के निराकरण के लिए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आश्वस्त किया।

अर्चना चिटनिस ने विधानसभा में मौसम आधारित फसल बीमा योजना को लेकर कराया ध्यानाकर्षण

विधानसभा में मध्यप्रदेश में उद्यानिकी फसलों एवं केला फसल का मौसम आधारित फसल बीमा योजना नहीं होने को लेकर पूर्व मंत्री एवं विधायक अर्चना चिटनिस ने ध्यानाकर्षित कराकर शीघ्रता-शीघ्र योजना का लाभ प्रदेश के किसानो को दिए जाने की मांग रखी। जिस पर प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग नारायणसिंह कुशवाह ने उत्तर देते हुए श्रीमती चिटनिस द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा कर जल्द केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान से मुलाकात कर समस्या के समाधान की बात कही।
अर्चना चिटनिस ने कहा कि मध्यप्रदेश में विगत 5 वर्षो से उद्यानिकी फसलों का मौसम आधारित बीमा नहीं हो पा रहा है। जिससे आपदा के समय किसानों को लाभ नहीं मिल पाता। भारत सरकार द्वारा मौसम आधारित बीमा हेतु नियमों में परिवर्तन किया है, इसलिए मध्यप्रदेश सरकार को उनकी पूर्ति कर हमारे किसान भाईयों को अतिशीघ्र इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ दिलाने की आवश्यकता है। चिटनिस ने मध्यप्रदेश में उद्यानिकी फसलों एवं केला फसल का मौसम आधारित फसल बीमा योजनांतर्गत बुरहानपुर सहित प्रदेश के कृषकों को लाभ प्रदान करने की मांग रखी। साथ ही एडब्ल्यूएस स्थापना होने तक वर्ष 2024-25 एवं वर्ष 2025-26 में वर्ष 2019-20 के दिशा-निर्देश अनुसार ही मौसम आधारित फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन किए जाने के निर्देश जारी कर किसानों को लाभांवित करने की भी मांग रखी। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि मौसम आधारित फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को मिलना अत्यंत आवश्यक है। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी महत्वाकांक्षी योजना क्रियान्वयन ना हो पाना चिंता का विषय है।
विधायक अर्चना चिटनिस ने कहा कि वर्ष 2019-20 से आज दिनांक तक उद्यानिकी फसलों को फसल बीमा योजनांतर्गत सम्मिलित नहीं किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में केला फसल के अंतर्गत लगभग 50 हजार हेक्टेयर रकबा है। विगत वर्षों में केला फसल का बीमा न होने के कारण तथा मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण केला फसल की उत्पादकता में कमी प्रतिलक्षित हुई है तथा फसल उपज कम होने के कारण कृषकों को आर्थिक छति उठानी पड़ रही है, जबकि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में केला फसल में मौसम आधारित फसल बीमा लागू है। जिसका महाराष्ट्र के कृषकों द्वारा लाभ लिया जा रहा है। जो कि मध्यप्रदेश के कृषकों के लिए बड़ी विसंगति है। वर्तमान में मध्यप्रदेश में विंड मेनुवल 2023 के तहत तहसील स्तर पर ऑटो मैजिक वैदर स्टेशन एडब्ल्यूएस स्थापना प्रक्रियाधीन है। एडब्ल्यूएस स्थापना होने तक वर्ष 2024-25 एवं वर्ष 2025-26 में वर्ष 2019-20 के दिशा-निर्देश अनुसार ही मौसम आधारित फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन किए जाने के निर्देश जारी कर किसानों को लाभान्वित करने की भी मांग रखी।

spot_img
spot_img
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img