42.6 C
Burhānpur
Saturday, April 19, 2025
42.6 C
Burhānpur
spot_img
Homeमध्यप्रदेशनवलसिंह सहकारी शक्कर कारखाना विवाद: हाईकोर्ट ने प्रशासक नियुक्ति पर लगाई रोक
Burhānpur
clear sky
42.6 ° C
42.6 °
42.6 °
9 %
4kmh
2 %
Sat
42 °
Sun
43 °
Mon
42 °
Tue
43 °
Wed
44 °
spot_img

नवलसिंह सहकारी शक्कर कारखाना विवाद: हाईकोर्ट ने प्रशासक नियुक्ति पर लगाई रोक

  • हाईकोर्ट ने शिव कुमार सिंह किसान हितैषी समिति के पक्ष में दिया फैसला

बुरहानपुर। नवलसिंह सहकारी शक्कर कारखाना, नवल नगर को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद में जबलपुर हाईकोर्ट ने शिव कुमार सिंह किसान हितैषी समिति के पक्ष में फैसला सुनाते हुए प्रशासक की नियुक्ति पर ईस्टे (अस्थायी रोक) लगा दी है। किसानों और समिति के सदस्यों ने मतदाता सूची में गड़बड़ी और चुनाव प्रक्रिया में अनियमितता को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
शिव कुमार सिंह किसान हितैषी समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन कलेक्टर भव्या मित्तल को एक गलत मतदाता सूची दी गई थी, जिसमें कई त्रुटियां थीं। इस सूची को तत्कालीन प्रबंध संचालक और जेआर इंदौर के बीएल मकवाना द्वारा प्रस्तुत किया गया था। जांच के दौरान मतदाता सूची में कई अनियमितताएं पाई गईं, जिसके बाद कलेक्टर ने नाराज होकर डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदारों को जांच के निर्देश दिए। जांच में सूची में भारी गड़बड़ियां सामने आईं, जिसके बाद कलेक्टर ने निर्वाचन प्राधिकरण को पत्र लिखकर तत्कालीन प्रबंध संचालक बीएल मकवाना और अन्य संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
चुनावी प्रक्रिया पर सवाल
इसके बाद कलेक्टर ने मतदाता सूची को दोबारा सही करवाया और चुनाव प्रक्रिया शुरू की। लेकिन जब दावे-आपत्तियां आमंत्रित की गईं, तो निर्वाचन अधिकारी ने बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए मनमाने ढंग से बदलाव कर दिए। इस पर आपत्ति जताते हुए शिव कुमार सिंह किसान हितैषी समिति के दो सदस्यों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए अनियमितताएं की जा रही हैं।
बीएल मकवाना को प्रशासक बनाने पर आपत्ति
चुनाव प्रक्रिया के बीच में ही एक महीने बाद बीएल मकवाना को प्रशासक बना दिया गया, जबकि नियमानुसार प्रशासक का चार्ज भोपाल से कलेक्टर को दिया जाना चाहिए था। समिति के सदस्यों का कहना था कि यह चुनाव को प्रभावित करने की एक साजिश है और इसे रोकने के लिए एक और याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई।
याचिका में दिए गए मुख्य तर्क:
1. जिस व्यक्ति पर कोर्ट के आदेश के उल्लंघन का मामला चल रहा है, उसे प्रशासक बनाना गलत है।
2. जिस व्यक्ति के खिलाफ कलेक्टर ने कार्रवाई की सिफारिश की थी, उसे चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्रशासक नहीं बनाया जाना चाहिए।
3. यह कदम चुनाव को प्रभावित करने के लिए उठाया गया है, जिससे किसानों और समिति को नुकसान होगा।
हाईकोर्ट का फैसला: किसानों को राहत
हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शिव कुमार सिंह किसान हितैषी समिति के पक्ष में फैसला सुनाया और प्रशासक नियुक्ति पर ईस्टे (अस्थायी रोक) लगा दी। कोर्ट ने आदेश दिया कि प्रशासक का चार्ज कलेक्टर को दिया जाए, जिससे निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो सके।
किसानों की जीत और भविष्य की राह
इस फैसले को किसानों की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। इससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी और प्रशासनिक हस्तक्षेप से बचाव होगा। किसान हितैषी समिति के सदस्यों ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे न्याय की जीत बताया।

 

spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img