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छात्राओं की एक यूनिट चालू, 1955 में शुरू हुई थी एनसीसी, देश प्रेम, जनसेवा की मिलती है सीख
बुरहानपुर। शासकीय सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय में 1955 से संचालित नेशनल कैडेट कोर यानी एनसीसी की बॉयज यूनिट बंद गई। देश प्रेम, जन सेवा का जज्बा पैदा करने वाली एनसीसी यूनिट बंद होने का एकमात्र कारण यह है कि अब केयर टेकर नहीं है। अब तक विद्यालय में इसका संचालन शिक्षक संतोष सिंह ठाकुर करते थे, लेकिन एनसीसी के नॉर्म्स के अनुसार उनकी उम्र 60 साल से उपर हो गई है इसलिए सुभाष स्कूल की एनसीसी ईकाई को बंद कर दिया गया है।
खास बात यह है कि सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय से एनसीसी के कईं विद्यार्थी आगे चलकर सेना में भी गए हैं। सुभाष स्कूल में 36 मप्र बटालियन एनसीसी खंडवा का यह ट्रुप नंबर 172 था जो अब बंद हो गया। जबकि एनसीसी में देशभक्ति जनसेवा की सीख दी जाती है। इससे विद्यार्थी काफी मोटिवेट होते हैं।
एनसीसी डे पर प्रधानमंत्री ने कहा था, मैं भी इसका कैडेट रहा
एनसीसी डे पर 24 नवंबर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि मैं भी एनसीसी कैडेट रहा हूं। इसमें मिला अनुभव मेरे लिए अनमोल है। एनसीसी सेवा, नेतृत्व और सेवा की भावना पैदा करती है, लेकिन दूसरी ओर बुरहानपुर में इस यूनिट को बचाने के कोई प्रयास नहीं किए गए।
100 कैडेट्स का रहता है एक बैच
एनसीसी में 100 कैडेट्स का एक बैच रहता है जिन्हें विभिन्न गतिविधियों के साथ ही सेना की सेवाओं आदि के बारे में बताया जाता है। साल में एक बार कैंप आयोजित होता है। सर्टिफिकेट परीक्षा होती है। यह सर्टिफिकेट नौकरियों में भी खासा काम आता है, लेकिन स्थानीय स्तर पर इसे गंभीरता से न लेते हुए इसे बंद कर दिया गया। 1955 में जब बुरहानपुर में इसकी शुरूआत हुई थी तब भी इसमें 100 कैडेट्स थे और अब जब यह बंद हुई है तब भी 100 बच्चे इससे प्रभावित हुए हैं।
कईं विद्यार्थी दिल्ली में कर चुके नेतृत्व
हर साल 26 जनवरी, 15 अगस्त पर दिल्ली में आयोजित समारोह के लिए देशभर की चुनिंदा स्कूलों में से एनसीसी कैडेट्स का भी चयन किया जाता है जो दिल्ली पहुंचकर अपने प्रदेश, जिले का नेतृत्व करते हैं। कईं बार ऐसा हुआ है कि बुरहानपुर जिले से लगातार दो तीन सालों तक कैडेट्स ने दिल्ली में पहुंचकर नेतृत्व किया है।
प्राचार्य ने कहा-केयर टेकर नहीं मिलने से बंद हुई
इसे लेकर सुभाष उत्कृष्ट स्कूल प्राचार्य परवीन हुसैन ने कहा-एनसीसी बंद होने का मुख्य कारण यह है कि जो एनसीसी अधिकारी थे संतोष सिंह ठाकुर उनकी उम्र एनसीसी के नॉर्म्स के अनुसार 60 साल हो गई है। इसलिए उनकी सेवाएं पूर्ण मान ली गई है। एनसीसी के लिए नया केयर टेकर अभी कोई नहीं है। मैं प्रयास कर रही हूं कि कोई केयर टेकर मिल जाए। गर्ल्स की एनसीसी चालू है उनका केयर टेकर है।