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एक महीने की मशक्कत के बाद विभिन्न टेस्टिंग प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक पूर्ण किया
नेपानगर। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय के अधीनस्थ नेपा लिमिटेड ने अपनी पावर हाउस यूनिट के माध्यम से उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। इसने वर्ष 1989 से लेकर अब तक के इतिहास में 12.30 मेगावाट की सर्वोच्च क्षमता प्राप्त की है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
नेपा लिमिटेड के पावर हाउस ने पहले 10-11 मेगावाट की सीमा में कार्य किया था। अब इसे ओवरहॉलिंग और तकनीकी उन्नति के बाद 12.30 मेगावाट तक अपग्रेड किया गया। यह पावर हाउस 35 वर्षों के संचालन के बाद लगभग अपनी आयु पूर्णता पर था। अब तकनीकी उन्नति और ओवरहॉलिंग के बाद इसकी आयु 5 से 8 वर्षों तक और बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संयंत्र आने वाले 10 वर्षों तक बिना किसी बड़ी तकनीकी बाधा के काम कर सकता है। इस उन्नति से उत्पादन लागत में प्रति मीट्रिक टन 1500-1800 रुपये की बचत होगी।
इस उपलब्धि में सीएमडी राकेश कुमार चोखानी का नेतृत्व और प्रबंधक पावर हाउस महेंद्र केशरी और उनकी टीम का अथक प्रयास शामिल है। हैदराबाद की टर्बो एसोसिएट पावर सर्विस की मदद से विभिन्न तकनीकी टेस्टिंग और ओवरहॉलिंग प्रक्रियाएं पूरी की गईं। तकनीकी विशेषज्ञता के लिए भेल के सेवानिवृत्त अभियंताओं, जैसे राकेश कुमार श्रीवास्तव, नरसिम्हा गौड़, और आरपी सिंह, का मार्गदर्शन लाभदायक रहा।
सीएमडी राकेश कुमार चोखानी ने पावर हाउस का दौरा कर टीम को बधाई दी। उन्होंने भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की और टीम के सदस्यों का अभिनंदन किया। चोखानी ने इसे नेपा लिमिटेड की सफलता का महत्वपूर्ण चरण बताया और कहा कि यह संयंत्र अब 12.30 मेगावाट की क्षमता के साथ नेपा के अन्य संयंत्रों को विद्युत प्रदान करेगा।
इस अवसर पर प्रमुख अधिकारी मुख्य महाप्रबंधक राम अलागेसन, उपप्रबंधक सुधीर पटले और स्वतंत्र कुमार कसेरा, सहायक प्रबंधक अनिल करोले, टीम के अन्य सदस्य: एल.डी. जेठवानी, किशोर ठाकरे, सतीश राउत, वरुण पाल, और समीर अहमद शामिल हुए।