26.7 C
Burhānpur
Tuesday, December 3, 2024
26.7 C
Burhānpur
Homeमध्यप्रदेशकब्रिस्तान की भूमि कोटवार को सेवा भूमि के रूप में अलॉट करने...
Burhānpur
overcast clouds
26.7 ° C
26.7 °
26.7 °
55 %
2.4kmh
100 %
Tue
26 °
Wed
30 °
Thu
31 °
Fri
32 °
Sat
32 °
spot_img

कब्रिस्तान की भूमि कोटवार को सेवा भूमि के रूप में अलॉट करने के मामले में हाईकोर्ट से नोटिस के आदेश

बुरहानपुर। जिले के वक्फ कब्रिस्तान की 9.5 एकड़ में से 8.5 एकड़ भूमि को कोटवार को सेवा भूमि के रूप में अलॉट करने के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार, कलेक्टर बुरहानपुर और तहसीलदार बुरहानपुर सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं।
यह मामला वक्फ कब्रिस्तान अतराफ मकबरा एमागिर्द की इंतजामियां कमेटी द्वारा दायर की गई याचिका से जुड़ा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि 1912-13 से कब्रिस्तान के रूप में दर्ज इस भूमि में सैकड़ों कब्रों के होने के बावजूद, मध्य प्रदेश सरकार ने कब्रिस्तान की कुल 9.30 एकड़ भूमि के दो बड़े खसरे टुकड़े, जिनमें से 8.30 एकड़ की भूमि कोटवार को सेवा भूमि के रूप में अलॉट कर दी थी।
याचिका में क्या आरोप लगाए गए थे?
याचिकाकर्ता कब्रिस्तान प्रबंधक कमेटी के अधिवक्ता मनोज कुमार अग्रवाल के अनुसार, इस भूमि का उपयोग कब्रिस्तान के रूप में किया जा रहा था, लेकिन सरकार ने इन हिस्सों को सेवा भूमि के रूप में कोटवार को सौंप दिया, जिससे कब्रिस्तान की प्रबंधक कमेटी और स्थानीय लोगों में असंतोष और चिंता उत्पन्न हुई है।
हाईकोर्ट का आदेश
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए 5 नवंबर 2024 को सरकार सहित अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किया और इस मामले पर आगे की सुनवाई के लिए निर्देश दिए। हाईकोर्ट का यह आदेश इस विवाद में नई उम्मीदें लेकर आया है और अब यह देखना होगा कि उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत क्या कार्रवाई होती है।
कब्रिस्तान और शाहनवाज़ खान का मकबरा
इस विवादित भूमि का एक बड़ा हिस्सा काला ताजमहल के नाम से मशहूर संरक्षित स्मारक शाहनवाज़ खान का मकबरा की चारदीवारी से सटा हुआ है। इस कारण भी यह मामला और अधिक संवेदनशील बन गया है, क्योंकि कब्रिस्तान की भूमि का दुरुपयोग या उसके अवैध हस्तांतरण न केवल धार्मिक आस्थाओं को चोट पहुंचा सकता है, बल्कि यह ऐतिहासिक स्मारकों की सुरक्षा के लिए भी खतरे की घंटी हो सकता है।
हाईकोर्ट की निगरानी
यह मामला अब हाईकोर्ट की निगरानी में है, और सरकार तथा संबंधित अधिकारियों को इस मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है। वक्फ कब्रिस्तान प्रबंधक कमेटी और स्थानीय समुदाय के लिए यह एक महत्वपूर्ण क़दम हो सकता है, जो कब्रिस्तान की भूमि की सुरक्षा और कानूनी स्थिति को लेकर न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।

spot_img
spot_img
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img