-
सांसद ने दूसरी बार लोकसभा में उठाया केला फसल बीमा का मुद्दा
बुरहानपुर। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध बुरहानपुर जिला, अपने विशेष कृषि उत्पाद केले के लिए भी जाना जाता है। जिले में केला प्रमुख फसल है, जो “एक जिला, एक उत्पाद” योजना के तहत देशभर में बुरहानपुर की पहचान को और मजबूत करता है। हालांकि, पिछले पांच वर्षों से जिले के किसानों को केले की फसल पर बीमा का लाभ नहीं मिल सका है। इस मुद्दे को लेकर खंडवा लोकसभा सांसद ज्ञानेश्वर पाटील ने लोकसभा में मंगलवार को दूसरी बार यह मांग उठाई।
सांसद श्री पाटील ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि बुरहानपुर में 60,000 एकड़ में केला उत्पादन होता है। 30,000 से अधिक किसान केले की खेती पर निर्भर हैं। प्राकृतिक आपदाओं और बदलते मौसम के कारण किसानों को हर साल करोड़ों का नुकसान होता है।
प्राकृतिक आपदाओं से फसल का नुकसान
इस साल ही बुरहानपुर में 5 बार केले की फसल को भारी नुकसान हुआ। बेमौसम बारिश, तेज गर्मी और अन्य आपदाओं के कारण किसानों की फसलें नष्ट हो जाती हैं। जिससे किसानों को करोड़ों रूपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। किसानों को अपनी फसल उखाड़कर फेंकनी पड़ती है। किसानों को हर बार यह डर सताता है कि अगर प्राकृतिक आपदा से फसल को नुकसान हुआ तो क्या होगा?
बीमा लाभ से वंचित किसान
2020 से फसल बीमा योजना का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। किसानों को आरबीसी नियम 6-4 के तहत जो मुआवजा मिलता है, वह पर्याप्त नहीं है। सांसद ने कृषि मंत्री से निवेदन किया कि केले की फसल के लिए मौसम आधारित फसल बीमा लागू किया जाए। इससे किसानों को 100% मुआवजा मिल सकेगा।
किसानों की स्थिति
बुरहानपुर के किसान हर साल प्राकृतिक आपदाओं के कारण नुकसान झेलते हैं। बीमा योजना की अनुपलब्धता के कारण किसानों को अपने खेतों में लगी फसल उखाड़कर फेंकनी पड़ती है। किसान संगठनों ने इस संबंध में सांसद ज्ञानेश्वर पाटील से कई बार मुलाकात की और फसल बीमा लागू करने की मांग रखी।
पहले भी उठाया था मुद्दा
सांसद बनने के बाद ज्ञानेश्वर पाटील ने लोकसभा में पहली बार इसी मुद्दे पर आवाज उठाई थी। अब अपने कार्यकाल में दूसरी बार यह मांग रखते हुए उन्होंने सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। क्षेत्र के किसानों की पीड़ा को समझते हुए सांसद ज्ञानेश्वर पाटील लगातार शासन-प्रशासन को अवगत कराते आये है।
केले की खेती का महत्व
बुरहानपुर का केला न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी गुणवत्ता और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। केले की खेती बुरहानपुर की कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। “एक जिला, एक उत्पाद” योजना के तहत केले को चुना गया है, लेकिन किसानों को बीमा का लाभ नहीं मिलने से इसका पूरा लाभ नहीं मिल रहा।
केंद्र सरकार से अपेक्षाएं
सांसद और किसान संगठनों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि फसल बीमा योजना का तत्काल नोटिफिकेशन जारी किया जाए। केले के लिए मौसम आधारित बीमा योजना लागू की जाए। सरल और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से किसानों को मुआवजा मिले।
कृषि क्षेत्र को नई मजबूती मिलेगी
बुरहानपुर जिले के किसान लगातार प्राकृतिक आपदाओं के कारण नुकसान झेल रहे हैं। सांसद ज्ञानेश्वर पाटील द्वारा दो बार लोकसभा में इस मुद्दे को उठाना, किसानों की समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का प्रयास है। यदि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाती है, तो यह केले की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी राहत होगी और बुरहानपुर की कृषि क्षेत्र को नई मजबूती मिलेगी।