बुरहानपुर। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जिलों में संचालित पेंशन कार्यालयों को बंद करने के निर्णय के खिलाफ कर्मचारियों और संगठनों ने तीव्र विरोध जताया है। बुरहानपुर में राष्ट्रीय कर्मचारी महासंघ और मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए इस निर्णय को वापस लेने की मांग की।
लाखों पेंशनभोगियों पर प्रभाव
राष्ट्रीय कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप इंगले ने कहा कि यह निर्णय भविष्य में लाखों कर्मचारियों के लिए परेशानी का कारण बनेगा। पेंशन से जुड़ी समस्याओं के लिए बुजुर्ग कर्मचारियों को भोपाल आना पड़ेगा, जिससे वे शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्ट झेलेंगे।
रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए बड़ी मुश्किलें
मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय चौधरी ने इसे “खतरनाक निर्णय” बताया। उन्होंने कहा कि 60 से 90 साल के बुजुर्ग, जिनमें से कई शारीरिक रूप से कमजोर हैं, अपनी समस्याओं का समाधान जिला कार्यालयों में ही करवा लेते थे। कार्यालय बंद होने के बाद भोपाल आने की मजबूरी से उनकी परेशानी बढ़ेगी। मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के संभागीय सचिव ने इसे “तुगलकी आदेश” करार दिया। पेंशनर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अताउल्ला खान ने चेतावनी दी कि यदि यह आदेश वापस नहीं लिया गया, तो संगठन मिलकर बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे।
सरकार से अपील
मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष देवीदास विश्वकर्मा और संजयसिंह गेहलोत ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से इस निर्णय को रद्द करने की मांग की। उन्होंने आग्रह किया कि सरकार इस मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए कर्मचारियों के हित में कार्य करे। यदि सरकार इस आदेश को वापस नहीं लेती है, तो संगठनों ने बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन की योजना बनाई है।