बुरहानपुर। मध्य प्रदेश कर्मचारी महासंघ, नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम और मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने खंडवा-बुरहानपुर के सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल को 2005 से बंद पुरानी पेंशन बहाली के संबंध में ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) को समाप्त कर ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू करने की मांग रखी गई।
राष्ट्रीय स्तर पर चल रहा आंदोलन
प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधु के नेतृत्व में एवं प्रदेश अध्यक्ष परमानंद डेहरिया के मार्गदर्शन में 25 फरवरी से 10 मार्च तक पूरे देश में पुरानी पेंशन लागू करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में बुरहानपुर जिले में भी पुरानी पेंशन एवं वरिष्ठता के मुद्दे पर ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष अनिल बाविस्कर, जिला संयोजक धर्मेंद्र चौकसे, बृजेश राठौर, महासचिव अनिल सातव एवं सदस्य गणेश काकडे समेत अन्य कर्मचारी नेता उपस्थित रहे।
कर्मचारियों की मुख्य मांगें
• 2005 से बंद पुरानी पेंशन योजना (OPS) को पुनः लागू किया जाए।
• नई पेंशन योजना (NPS) को पूरी तरह समाप्त कर कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ दिया जाए।
• यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) में भी ओपीएस की भांति नियम लागू किए जाएं।
• सेवानिवृत्ति के अंतिम महीने का आधा वेतन पुरानी पेंशन के रूप में दिया जाए।
• प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता के आधार पर पेंशन लागू की जाए।
एनपीएस बनाम ओपीएस – कर्मचारियों की चिंता
कर्मचारी संगठनों का मानना है कि एनपीएस कर्मचारियों के बुढ़ापे के लिए असुरक्षित योजना है, जो सामाजिक सुरक्षा के दायित्व को पूरा नहीं करती।
प्रधानमंत्री को पत्र लिखने की अपील
ज्ञापन सौंपते हुए ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल से निवेदन किया कि माननीय प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर 2005 से पुरानी पेंशन लागू करने की कृपा करें। उन्होंने कहा कि सरकार ने एनपीएस से यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) पर बदलाव किया है, लेकिन यूपीएस भी कर्मचारियों के भविष्य के लिए उचित नहीं है। इसलिए ओपीएस को ही लागू करना ही एकमात्र समाधान है।
पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन की दिशा
2017 से पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन चल रहा है, जिसके कारण सरकार ने कुछ संशोधन किए हैं, लेकिन कर्मचारी महासंघ इसे पूर्ण समाधान नहीं मानता। सरकार से मांग की गई है कि पुरानी पेंशन बहाल कर कर्मचारियों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए। यह आंदोलन आने वाले दिनों में और तेज़ हो सकता है।