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एक ही दिन में एक ही नंबर के वाहन में भर गया 34 लीटर डीजल, निजी पंप से उसी तारीख में बिल जारी
बुरहानपुर। झिरी स्थित नवलसिंह सहकरी शक्कर कारखाना में पेट्रोल-डीजल घोटाला किया जा रहा है। खुद का पेट्रोल पंप होने के बाद भी निजी पेट्रोल पंप से फर्जी बिल बनवाए जा रहे हैं। यह काम काफी समय से किया जा रहा है, लेकिन हाल ही में इसकी जानकारी सामने आई है कि किस तरह एक ही दिन में एक ही नंबर के वाहन में एक जगह डीजल दूसरी जगह पेट्रोल भरवा लिया गया। इसमें पेट्रोल पंप संचालक की भूमिका भी संदेह के घेरे में आई है। खास बात यह है कि एक पर्ची में पेट्रोल तो दूसरे में डीजल की स्लीप है। इसकी शिकायत शक्कर कारखाना के पूर्व डेलीगेट्स उज्ज्वल पाटिल ने कलेक्टर से की है। मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई।
शिकायत कर्ता उज्जवल पाटिल ने बताया कि 1 अप्रैल 24 के दो ऐसे बिल सामने आए हैं जिनमें एक ही नंबर के वाहन में 34-34 लीटर डीजल भरवाया गया है, लेकिन बिल दो जगह से जारी हुए हैं। पहला बिल खुद नवल सिंह सहकारी शकर कारखाना का है जिसमें तारीख 1 अप्रैल 24 दर्ज है। नाम सतीश भाई लिखा। इस दिन एक वाहन में 34 लीटर डीजल भरवाने की स्लीप है, जबकि गाड़ी नंबर एमपी 09 सी वाय 2512 स्पष्ट रूप से पहले ही उपर की तरफ लिखा है। इसी गाड़ी नंबर एमपी 09 सीवाय 2512 में ही 1 अप्रैल 24 को मेसर्स सुपर फ्यूट स्टेशन इंदौर इच्छापुर हाईवे झिरी से 34 लीटर पेट्रोल भरवाया गया है। अब यह सवाल उठ रहा है कि ऐसे कैसे हो सकता है कि एक ही दिन में एक गाड़ी में 34 लीटर डीजल खत्म हो गया और उसी दिन उसी वाहन में खुद के पेट्रोल पंप की बजाए दूसरे पेट्रोल पंप से उसी वाहन में पेट्रोल भरवाया गया हो और वह भी शक्कर कारखाना से महज कुछ ही दूरी पर। इस बिल में 108 रूपए प्रति लीटर की दर से 3759 रूपए का पेट्रोल भरवाया जाना लिखा है। ऐसे में निजी पेट्रोल पंप संचालक की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है कि वह किन लोगों की मिलीभगत से यह सब कर रहा है।
पेट्रोल, डीजल का पाइंट भी सामान
दरअसल जो दो बिल हैं उसमें एक में 34 लीटर 78 पाइंट डीजल तो दूसरे में 34 लीटर 78 पाइंट पेट्रोल दिया गया है। दोनों बिलों में डीजल, पेट्रोल भरवाने के पाइंट की स्थिति में कोई बदलाव नहीं है, लेकिन नंबर और डीजल की बजाए पेट्रोल लिखने से दोनों बिल फर्जी होने की बात पकड़ में आई, क्योंकि दोनों पर जो वाहन नंबर लिखा गया है वह समान है। इसी तरह मेसर्स सुपर फ्यूल स्टेशन झिरी का एक और बिल सामने आया है इसमें भी इसी वाहन नंबर एमपी 09 सीवाय 2512 में 41 लीटर डीजल भरवाना लिखा गया है। अब यह सवाल भी उठ रहे हैं कि जब नवल सिंह सहकारी शक्कर कारखाने का खुद का पेट्रोल पंप है तो फिर इस तरह निजी पंप से डीजल-पेट्रोल क्यों डलवाया जा रहा है और फर्जीवाड़ा कौन और क्यों कर रहा है।
कारखाना में नहीं है इस नंबर का वाहन
खास बात यह भी है कि कारखाने में एमपी 09 सीवाय 2512 नंबर का कोई वाहन नहीं है और न ही आज तक ऐसा कोई वाहन देखने में आया कि जो पेट्रोल डीजल दोनों में चलता है। उस वाहन में निरंतर मेसर्स सुपर फ्यूल हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन इंदौर इच्छापुर हाईवे झिरी द्वारा पेट्रोल डीजल वितरण के बिलों का भुगतान किया जा रहा है जो जांच का विषय है। मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई।
हाल ही में हुई है कारखाना की शिकायत
हाल ही में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक की ओर से नवलसिंह सहकारी शकर कारखाना नवलनगर झिरी की शिकायत कलेक्टर से कर मामले की जांच की मांग की गई है। शिकायत में इंटक अध्यक्ष ललित एस कश्यप ने कहा शकर कारखाना में हजारों किसान, मजदूर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अपने परिवार का गुजर बसर कर रहे हैं। पिछले सालों से कारखाने में भ्रष्टाचार भी हो रहा है। कारखाने के कार्यालय अधीक्षक पवन जयंतीलाल पाटीदार द्वारा निरंतर नियम के विपरीत कार्य किए जा रहे हैं। 1 अप्रैल 2024 को वाहन एमपी 09 सीवाय 2512 में पेट्रोल डालने के लिए पर्ची प्रदान की गई। इसके पहले 20 जनवरी 24 को बिल क्रमांक 4021 से 41 लीटर डीजल डालने का बिल मेसर्स सुपर फ्यूल स्टेशन हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड इंदौर इच्छापुर हाईवे झिरी से दिया गया जबकि कारखाने में डीजल पंप में डीजल होते हुए बाहर से डीजल डलवाया गया और 1 अप्रैल 24 को बिल नंबर 9 से 34 लीटर पेट्रोल का बिल दिया गया। इसी प्रकार निरंतर कारखाने सें पेट्र्रोल डीजल डालने के लिए पर्ची प्रदान करते हैं। वर्तमान में डिजिटल व्यवहार होते हुए सभी बिल हाथ से लिखकर प्रदान कर रहे हैं। पवन जयंतीलाल पाटीदार द्वारा नोटशीट चलाकर बिलों का भुगतान करवाया गया है।
वर्जन
मुझे इस सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं है। फ़िलहाल मैं छुट्टी पर आया हूँ।
-बी.एल.मकवाना, प्रबंध संचालक-नवलसिंह सह शकर कारखाना, बुरहानपुर