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भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर कहा- पहले त्रुटी की पूरी जांच कराएं फिर वापस लूंगी वाहन, कांग्रेस ने लगाए थे आरोप
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नगर निगम के लेखा विभाग की गलती के कारण महापौर पर कांग्रेस ने लगाए थे आरोप
बुरहानपुर। पिछले दिनों नगर निगम की लापरवाही के कारण अखिल भारतीय महापौर परिषद की राष्ट्रीय अध्यक्ष और बुरहानपुर महापौर माधुरी अतुल पटेल पर कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। इसे लेकर 2 अगस्त को कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अजय सिंह रघुवंशी ने पत्रकार वार्ता ली थी, लेकिन बाद में पता चला कि जो आरोप लगाए गए थे उसमें कही न कहीं नगर निगम की ओर से गलत जानकारी दी गई थी जिसके बाद महापौर ने अपना वाहन यह कहकर नगर निगम को वापस कर दिया कि पहले पूरे मामले जांच कराएं। त्रुटी दुरूस्त कराएं तब वाहन वापस लूंगी।
यह है पूरा मामला-
– 2 सितम्बर को कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अजय सिंह रघुवंशी ने एक प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें आरोप लगाए कि महापौर माधुरी पटेल ने दो साल में अपनी यात्रा और वाहन पर 1.66 करोड़ 18 हजार 307 रूपए खर्च किए, लेकिन जांच में पता चला 1.66 करोड़ का खर्च केवल महापौर के वाहन पर नहीं हुआ है, बल्कि यह निगम के सभी वाहनों का खर्च है। जिसकी जानकारी एक कांग्रेस पार्षद ने नगर निगम से सूचना के अधिकार के तहत मांगी थी, लेकिन उसे केवल महापौर की यात्रा और वाहन खर्च कहा गया। इसके बाद नगर निगम में आयोजित हुए परिषद सम्मेलन भी सवाल उठाए गए थे। दूसरी गलती नगर निगम से यह हुई कि सूचना के अधिकार के तहत वार्ड नंबर 27 की पार्षद परवीन हमीद डायमंड की ओर से शपथ विधि की जानकारी मांगने पर जब निगम से जानकारी दी गई तो उसमें शपथ विधि का खर्च 45.10 लाख 724 रूपए बताया गया, लेकिन बाद में निगम ने अपनी त्रुटी सुधारी और निगम सचिव की ओर से पत्र जारी कर कहा गया कि महापौर, पार्षदों की नेहरू स्टेडियम ग्राउंड पर आयोजित शपथविधि पर 45.10 लाख 724 रूपए नहीं, बल्कि 4.51 लाख 724 रूपए खर्च हुए थे। लेकिन सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के आधार पर कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि इस पर 45.10 लाख के स्थान पर 4.51 लाख 724 रूपए पढ़़ा जाए। इसी गफलत की वजह से महापौर पर आरोप लगे और उन्होंने अपना वाहन निगम को सौंप दिया।
वर्जन-
हमारी ओर से प्रतिवेदन दिया गया है
– महापौर ने अपना वाहन निगम को वापस सौंप दिया है। उनका कहना है कि पहले लेखा विभाग से जो व्यय की त्रुटी हुई है उस पर विचार कर लो। कल ही उन्होंने वाहन वापस किया। 1.66 करोड़ का जो आरोप लगाया था वह व्यय महापौर का अकेले का नही है। उसका हमने प्रतिवेदन भी दिया था कि यह खर्च नगर निगम के डोर टू डोर कचरा कलेक्शन वाहन, ट्रेक्टर, ट्राली, जेसीबी, टेंकर सहित नगर निगम के समस्त वाहनों का खर्च है।
– संदीप श्रीवास्तव, आयुक्त नगर निगम बुरहानपुर
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