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सीएमओ के खिलाफ अब पार्षदों ने फिर कार्रवाई की मांग तेज की
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पार्षदों ने कहा, निष्पक्षता से हो जांच, नगरीय प्रशासन विभाग को भी भेजी शिकायत
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पहले दो बार कर चुके हैं शिकायत, अब कार्रवाई चाहते हैं पार्षद, अविश्वास की स्थिति उपजी
बुरहानपुर। नगर पालिका परिषद नेपानगर में पार्षदों और सीएमओ के बीच अविश्वास की स्थिति उपजी हुई है। कहा जा रहा है कि यह अविश्वास की स्थिति अविश्वास प्रस्ताव तक भी जा सकती है। इसे लेकर नगर में खासी चर्चा है कि कांग्रेस के ही अधिकांश पार्षद कांग्रेस की परिषद के दौर में सीएमओ से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनकी कार्यप्रणाली को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। पहले एसडीएम और बाद में कलेक्टर को लिखित शिकायत कर चुके पार्षदों ने अब कलेक्टर हर्ष सिंह को न सिर्फ स्मरण पत्र भेजा है, बल्कि सीएमओ शैलेंद्र चौहान की शिकायत अब नगरीय प्रशासन विभाग इंदौर तक को कर दी है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार दोपहर कुछ पार्षद सीएमओ से मिलने नपा कार्यालय भी गए थे, लेकिन वहां उन्हें सीएमओ नहीं मिले।
पार्षदों योगिता राजू पाटिल, प्रतिभा अरविंद मोरे, अनीषा राजेश पटेल आदि ने कलेक्टर को भेजे गए स्मरण पत्र में कहा 15 मई 23 मई को नगर पालिका परिषद नेपानगर के मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा की जा रही आर्थिक अनियमिताएं, तानाशाहीपूर्ण कार्यशैली संबंध में गंभीर जनहित समस्या को लेकर शिकायतें प्रस्तुत की थीं। शिकायत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नेपानगर को भी प्रेषित की गई थी। परंतु अत्यंत खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि शिकायतों पर आज तक कोई ठोस कार्रवाई, जांच, अथवा समाधान नहीं किया गया है। यह न केवल प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है, बल्कि आमजन की समस्याओं की उपेक्षा भी है।
नगर पालिका मुख्य अधिकारी द्वारा की जा रही कार्यवाही के निमित्त, प्रक्रिया, वैधता व उससे उत्पन्न हो रही समस्याओं के बारे में आपके संज्ञान में लाया गया था कि उचित निर्णयात्मक कार्रवाई की जाए। किंतु निरंतर अनदेखी के कारण आम नागरिकों में निराशा, असंतोष की भावना व्याप्त हो रही है। इसलिए अनुरोध है कि शिकायतों पर शीघ्र, निष्पक्ष, पारदर्शी जांच करवाकर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। 3 दिन में कार्यवाही नहीं होने पर जनाआंदोलन, धरना प्रदर्शन और क्रमिक भूख हड़ताल जैसे कदम उठाएं जाएंगे।
सीएमओ पर यह लगाए थे आरोप
पिछले दिनों पार्षदों ने आरोप लगाए थे कि सीएमओ शैलेंद्र चौहान द्वारा पीआईसी की बैठक में पारित न होने वाले प्रस्तावों को भी जबरन लागू किया जाता है। कर्मचारियों का मनमाने तरीके नियमीतिकरण किया गया। बिना पीआईसी स्वीकृति के वित्तीय व्यय किया जाता है। अपने हित के चलते कर्मचारियों से मूल पद पर कार्य न करवाते हुए मनमानी की जा रही है। इसके अलावा बिना मांग पत्र के सामग्री खरीदी करना, मुख्यमंत्री अधोसंरचना भाग 4 में चल रहे निर्माण कार्य में भी भारी लापरवाही, पैसे का दुरूपयोग, टेंडर जारी करने के बाद भी टेंडर प्राप्त करने वाले को काम न देकर व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
सीएमओ ने कहा था फेस टू फेस जवाब देने को तैयार
पिछले दिनों सीएमओ शैलेंद्र चौहान ने कहा था कि वह नियमानुसार काम कर रहे हैं। उन्होंने पार्षदों पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए एक एक को फेस टू फेस जवाब देने की बात कही थी।