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जनहित याचिका लगाने के बाद प्रशासन ने कराई जांच, नगर निगम राजस्व अफसरों की मौजूदगी में हुई खुदाई
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श्रीकृष्ण मंगल परिसर के संचालक ने दबा रखी थी ऐतिहासिक कुंडी, लगातार शिकायतों के बाद हुई कार्रवाई
बुरहानपुर। लगातार शिकायतों के बाद भी जब अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की तो एक शिकायतकर्ता ने शहर की ऐतिहासिक धरोहरण कुंडी भंडारा की ऐतिहासिक कुंडी के लिए मप्र उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने संज्ञान लिया और 60 दिन के भीतर जांच करने को कहा। अधिवक्ता शिवांग वैद्य ने कहा मंगलवार को जब जांच हुई तो दूध का दूध, पानी का पानी हो गया। थोड़ी सी खुदाई में श्रीकृष्ण मंगल परिसर में ऐतिहासिक कुंडी नजर आ गई।
मंगलवार को नगर निगम और राजस्व विभाग की टीम ने ऐतिहासिक कुंडी भंडारा की सालों से दबी हुई कुंडी ढूंढ निकाली। दरअसल शहर के लालबाग रोड स्थित श्रीकृष्ण मंगल परिसर में मंगल परिसर संचालक ने इसे दबा दिया था जबकि यह ऐतिहासिक कुंडी है। इसे लेकर बलीराम धुर्वे नामक व्यक्ति ने मप्र उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने 60 दिन के भीतर इसकी जांच करने के आदेश कलेक्टर को दिए थे। नगर निगम की ओर से शिकायतकर्ता को पत्र जारी कर मंगलवार को मौके पर बुलाया गया और राजस्व विभाग की टीम की मौजूदगी में बताए गए स्थान पर खुदाई की गई तो यहां ऐतिहासिक कुंडी भंडारा की कुंडी निकली। अब प्रशासन आगे की जांच कर रहा है। गौरतलब है कि कुछ माह पहले ही यूनेस्को ने बुरहानपुर के कुंडी भंडारे को विश्व हेरिटेज की अस्थायी सूची में शामिल किया है। इसलिए इस धरोहर से कोई भी छेड़छाड़ नहीं सकता।
बेलपत्र के पेड़ के नीचे थी कुंडी
शिकायतकर्ता बलीराम धुर्वे ने कहा बेलपत्र के पेड़ के पास कुंडी थी। इसकी शिकायत जगह जगह की, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही थी, तब उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाई। श्रीकृष्ण मंगल परिसर के मालिक निरंजन नागर ने भूमिगत जल स्त्रोत को दबा दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद आज यहां खुदाई हुई और कुंडी निकली।
यह है पूरा मामला-
कुछ माह पहले ही यूनेस्को ने बुरहानपुर के कुंडी भंडारे को विश्व हेरिटेज की अस्थायी सूची में शामिल किया है। इसलिए इस धरोहर से कोई भी छेड़छाड़ नहीं सकता। इसे लेकर अधिवक्ता शिवांग वैद्य ने कहा बलीराम धुर्वे ने हाईकोर्ट में निरंजन नागर आदि के खिलाफ याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि श्रीकृष्ण मंगल परिसर में राष्ट्रीय धरोहर कुंडी भंडारा की एक कुंडी थी जिसे नष्ट कर दिया गया है। इस मामले में हाईकोई ने 15 मई 24 को आदेश पारित किया जिसकी जांच कलेक्टर द्वारा की जा रही है। बुरहानपुर में राष्ट्रीय ऐतिहासिक धरोहर होने से इसे न तो नष्ट किया जा सकता है न ही क्षतिग्रस्त किया जा सकता है। कुंडी भंडारे की कुंडियां जिले में विभिन्न स्थानों पर है। इसे लेकर नगर निगम, तहसीलदार, सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की गई थी। जब शिकायतों का निराकरण नहीं किया गया तो पीड़ित ने हाईकोर्ट में पिटीशन लगाई। अधिवक्ता शिवांग वैद्य के अनुसार श्रीकृष्ण मंगल परिसर में कुंडी जिस स्थान पर थी, वहां कुंडी के पास एक बेलपत्र का वृक्ष भी काफी समय से मौजूद है, लेकिन कुंडी को नष्ट कर दिया गया। हाईकोर्ट के आदेश पर कुंडी वाले स्थान की खुदाई की गई। कुछ माह पहले ही यूनेस्को ने बुरहानपुर शहर के कुंडी भंडारा को अस्थायी सूची में शामिल किया है। इस अस्थायी सूची में शामिल किए जाने का मतलब होता है कि आने वाले समय में यूनेस्को इसे विश्व हेरिटेज की सूची में शामिल कर सकता है।
वर्जन
कलेक्टर के आदेश पर खुदाई
बलीराम धुर्वे नामक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि कुंडी भंडारा की कुंडी श्रीकृष्ण मंगल परिसर में दबा दी गई है। जांच के लिए पहुंचे तो जांच में कुछ निशान मिले हैं। कलेक्टर के आदेश पर खुदाई जा रही है। आगे की कार्रवाई कलेक्टर के माध्यम से होगी।
– रामलाल पगारे, तहसीलदार बुरहानपुर