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आत्मिक शांति की खोज में सनातन धर्म अपनाया, बोले मारुति नंदन – ‘यह विश्व कल्याण का मार्ग है’
खंडवा। शनिवार को महादेवगढ़ मंदिर में एक ऐतिहासिक और चर्चा का विषय बनने वाली घटना घटी, जब भामगढ़ मस्जिद के पूर्व इमाम इकबाल अली के बेटे आले मुस्तफा चिश्ती ने सनातन धर्म अपनाते हुए अपना नाम बदलकर मारुति नंदन रख लिया।
महादेवगढ़ मंदिर में धार्मिक अनुष्ठानों और प्रक्रियाओं के माध्यम से आले मुस्तफा चिश्ती ने सनातन धर्म स्वीकार किया। यह प्रक्रिया पंडित अश्विन खेड़े के मार्गदर्शन में पूरी हुई। धर्म परिवर्तन के दौरान उन्हें दश विधि स्नान और मुंडन क्रिया कराई गई। प्रायश्चित यज्ञ के माध्यम से उनके नए नाम की घोषणा की गई। उन्होंने भगवान शिव को गौ दुग्ध से स्नान कराकर आरती की और श्री हनुमान जी की पूजा भी की।
अपने मूल धर्म की ओर लौटें
मारुति नंदन ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा “आत्म कल्याण और विश्व कल्याण का एकमात्र मार्ग सनातन धर्म है। मेरी वर्षों पुरानी आस्था ने मुझे इस निर्णय तक पहुंचाया। हाल ही में फिरोज से राहुल
और इमरान से ईश्वर बने युवकों ने मुझे प्रेरित किया। मैंने स्वयं की इच्छा से सनातन धर्म को अपनाया है।”
उन्होंने अन्य युवाओं से भी आग्रह किया कि: “हमारे पूर्वजों का डीएनए भगवान राम और कृष्ण से जुड़ा है। मैं अन्य भटके हुए युवाओं से अपील करता हूं कि वे अपने मूल धर्म की ओर लौटें और अपने जीवन को आध्यात्मिक कल्याण के मार्ग पर ले जाएं।”
अशोक पालीवाल ने कहा “खंडित को अखंड बनाने का सबसे सरल मार्ग है घर वापसी। हमें भटके हुए परिवारों को उनकी जड़ों से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए। यह काम संत रामानंदाचार्य जैसे महापुरुषों ने भी किया है।”
मारुति नंदन ने स्पष्ट किया कि उनकी सनातन धर्म में आस्था लंबे समय से बनी हुई थी। हाल ही में फिरोज से राहुल और इमरान से ईश्वर बने युवकों की प्रेरणा ने उन्हें यह कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
ये रहे मौजूद
इस आयोजन के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। आयोजन में अशोक पालीवाल, लोकेश दुबे, आशीष शर्मा, दीपू हिंगोरानी, विशाल पासी, राहुल अमोदकर, नितेश राठौर, संदेश जोशी आदि मौजूद रहे।