-
संतों ने कहा- सरकार इस मामले में संज्ञान ले, 2 किमी पैदल निकली रैली, 25 हजार से ज्यादा लोग हुए शामिल
-
सकल हिन्दू समाज ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
बुरहानपुर। हम भारत के नागरिक और सकल हिंदू समाज के प्रतिनिधि बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति अपनी गहरी चिंता और विरोध व्यक्त करते हैं। बांग्लादेश में वर्तमान में जो अत्याचार चल रहे हैं वे न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं बल्कि इनसे हमारे साझा सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्य भी आहत हो रहे हैं।
यह बात सकल हिन्दू समाज की ओर से राष्ट्रपति के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कही। कलेक्टर भव्या मित्तल को तहसील कार्यालय के सामने सकल हिन्दू समाजजन ने ज्ञापन सौंपा। इस दौरान हिन्दू समाज का आक्रोश भी देखने को मिला। ज्ञापन में कहा गया कि हमारा देश भारत हमेशा से विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और आस्थाओं का संगम रहा है। बांग्लादेश भी हमारे इतिहास, संस्कृति और समाज का एक अभिन्न हिस्सा है। फिर भी वहां पर हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों के खिलाफ हो रहे घृणित हमलों और अत्याचारों ने हमारी अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। 28 नवंबर 2024 को ढाका इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास जी के लिए महाप्रसाद लेकर जा रहे दो हिंदू श्रद्धालुओं को केवल उनके धार्मिक कर्तव्यों को निभाने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया। 27 नवंबर 2024 को मैमनसिंह एक हिंदू दुकानदार पर हमला कर उसकी दुकान को लूट लिया गया जिससे उसका जीवन और आजीविका प्रभावित हुई। 26 नवंबर 2024 सिराजगंज में कट्टरपंथियों द्वारा लोकनाथ मंदिर पर पेट्रोल बम फेंका गया जिससे मंदिर को नुकसान पहुँचाया गया और हिंदू धार्मिक स्थलों पर हमला किया गया। 25 नवंबर 2024 ढाका में इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास जी को झूठे देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया जो कि धार्मिक स्वतंत्रता और मानवीय अधिकारों का उल्लंघन था। 24 नवंबर 2024 बगेरहाट में एक हिंदू लड़की को जबरन धर्मांतरण कर आतंकी संगठन में शामिल किया गया जो एक गंभीर अपराध है और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का प्रतीक है। 20 नवंबर 2024 को बरिसाल में हिंदू समुदाय के घरों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया जिससे उनकी संपत्ति और सम्मान को नष्ट कर दिया गया। 19 सितंबर 2024 सिलहट में बौद्ध और हिंदू मंदिरों को तोड़ण्फोड़ कर आग लगा दी गई, जो धार्मिक असहिष्णुता और सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट करने का एक प्रयास था।
यह है मांगें-
भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाला जाए ताकि वहां अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और धार्मिक स्वतंत्रता को कायम रखा जा सके। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से बांग्लादेश सरकार को इन अत्याचारों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस गंभीर मुद्दे की ओर आकर्षित किया जाए। अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराई जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए ताकि इस प्रकार के अपराधों की पुनरावृत्ति न हो।
नेहरू स्टेडियम ग्राउंड पर हुई सभा फिर निकली रैली
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दू समाजजन पर हो रहे अत्याचार के विरोध में बुरहानपुर में सकल हिन्दू समाज की ओर से बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया गया। नगर में अधिकांश दुकानें स्वैच्छा से बंद रही। दोपहर 2 बजे नेहरू स्टेडियम ग्राउंड पर हजारों की संख्या में लोग, संत, जनप्रतिनिधि जमा हुए। यहां संतों का संबोधन हुआ इसके बाद रैली निकाली गई जो नेहरू स्टेडियम से बस स्टैंड, राजपुरा गेट, अग्रसेन चौराहा, फव्वारा चौक, गांधी चौक, कमल टॉकिज से होते हुए तहसील कार्यालय के सामने पहुंची। यहां कलेक्टर भव्या मित्तल को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान करीब 25 हजार से अधिक लोग शामिल हुए। बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को रोकने, दंगाईयों पर सख्ती से कार्रवाई की मांग आदि को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया गया। करीब डेढ़ घंटे तक नेहरू स्टेडियम ग्राउंड पर विरोध प्रदर्शन का दौर चला। कार्यक्रम का संचालन संदीप ठाकरे ने किया। इस दौरान संतजन मंच पर नजर आए जबकि जनप्रतिनिधि और हजारों की संख्या में शामिल लोग सामने हाथों में तख्तियां लिए रहे। रैली काफी अनुशासन से चली। लोगों ने जगह जगह स्वैच्छा से पानी पिलाने की व्यवस्था की।
शहर में बंद रही दुकानें
सुबह से ही शहर में अधिकांश दुकानें बंद रही। स्वैच्छिक रूप से सकल हिन्दू समाजजन ने आंदोलन को समर्थन देते हुए अपनी दुकानें नहीं खोली। दोपहर एक बजे से ही लोगों का नेहरू स्टेडियम ग्राउंड पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। वहीं काफी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। सीएसपी सहित सभी थानों के थाना प्रभारी नगर में भ्रमण करते रहे। 300 से अधिक सीसीटीवी के अलावा ड्रोन के माध्यम से भी शहर में पूरे समय निगरानी की गई।
मंच से यह बोले संत-
भारत सरकार से अनुरोध है कि जल्द हिन्दूओं की रक्षा करे
नर्मदानंद गिरी महाराज बोले, बांग्लादेश में आज हजारों की संख्या में हिन्दूओं को कष्ट हो रहा है। मानव अधिकार का कर्त्तव्य है कि जहां जीव हिंसा हो वहां उनकी मदद की जाए। जो हिन्दू बांग्लादेश से भारत आना चाहते हैं उन्हें आने नहीं दे रहे सीमा पर रोक दिए गए हैं। जबरदस्ती रोके रखा है। बांग्लादेश की स्थिति बहुत चिंताजनक है। बहुत नाजुक स्थिति है। हमारी सरकार भारत सरकार से हम अनुरोध करेंगे कि जल्द से जल्द कदम उठाएं और हिन्दूओं की रक्षा करे। वहां दुष्कर्म हो रहे हैं। धर्माचार्यों को जेल में बंद किया जा रहा है। इसलिए आज आक्रोश रैली निकाली जा रही है।
हमारा हाथ बांग्लादेश के हिन्दू भाई, बहनों के हाथ में देना है
रामचरण दास महाराज ने कहा हम सभी को बांग्लादेश के हिन्दू भाई बहनों का साथ देना है। हमारा हाथ उनके हाथ में देना है। धर्म आपकी रक्षा करने को तैयार है। आज पूरा बुरहानपुर बंद है, लेकिन बुरहानपुर बंद होने से कम नहीं चलेगा, बल्कि सारे भाई बहनों को एकजुट होना होगा।
सभी को एक होकर अत्याचार के खिलाफ लड़ना है
मुकुंद सिंह ज्ञानी ने कहा हम सबको एक होकर अत्याचार के खिलाफ लड़ना है। आज उनको हमारी जरूरत है। आज यहां इतनी संख्या में लोग एकजुट हुए हैं। हम सरकार से मांग करते हैं कि बांग्लादेश के हिन्दूओं की रक्षा के लिए कदम उठाए।
हम सभी को जागना है, प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुंचाना है
दादू दयाल महाराज ने कहा हमें यहां से शक्ति पहुंचाना है। कभी भी पीछे नहीं हटेंगे। साधु, सन्यासी, योगी, किसान, कर्मचारी, आमजन जो भी है सभी को जागना है। हमारे प्रधानमंत्री तक यह बात पहुंचाना है। हमारा संदेश देना है कि हम बहुमत से आगे बढ़ेंगे। हम सबको जागना होगा। जब भी हमारे हिन्दू भाई पर संकट आएगा हमको जागना पड़ेगा। बांग्लादेश में प्रधानमंत्री को साधु संत जगाने जा रहे हैं तो उन्हें भी अंदर कर रहे हैं। हम आवाज दें। आगे बढ़ें। हमारी एकता की शक्ति दिखेगी तब सरकार भी उनसे बात करेगी। बुरहानपुर बंद करने से कुछ नहीं होगा, बल्कि सभी समाज यहां आना चाहिए।
सरकार के सुर बुलंद करने के लिए आंदोलन
संयोजक विजय पाटिल ने कहा छोटे से एक आग्रह पर इतने लोग जमा हो गए। बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार का विषय हिन्दू समाज के पास तो जनता ने यहां आकर अपना समर्थन दिया। आज वहां हिन्दू अल्पसंख्यक की श्रेणी में है। वह 24 से सात फीसदी पर आ गया है। सरकार के सुर बुलंद हो इसीलिए यह विरोध प्रदर्शन किया गया। हमारी मांग है कि सरकार के सुर बुलंद हो। बांग्लादेश भारत के अथक प्रयासों से आजाद हुआ है।
और इधर…..।
रैली में दूल्हा, दुल्हन भी हुए शामिल
खास बात यह है कि रैली में एक दूल्हा, दुल्हन भी शामिल हुए। उनका आज रात विवाह है। दरअसल भाजपा नेत्री उमा कपूर के बेटे नितेश कपूर का विवाह शालू खत्री के साथ आज होने वाला है, लेकिन वह रैली में शामिल हुए। दुल्हन ने कहा सनातन धर्म के लिए आगे आना चाहिए।