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2010 में यूनेस्को से आई थी प्रतिनिधि मिंजायांग
बुरहानपुर। यूनेस्को के विश्व हेरिटेज सेंटर ने मप्र की अस्थायी सूची में छह संपत्तियां जोड़ी है। इसमें बुरहानपुर का कुंडी भंडारा भी शामिल है। इसकी जानकारी सामने आने के बाद जिले में खुशी का माहौल है, हालांकि बुरहानपुर का नाम अभी अस्थायी सूची में शामिल किया गया है। दरअसल कहा जा रहा है कि यूनेस्को द्वारा यदि भविष्य में किसी संपत्ति को नामांकित किया जाना होता है तो विश्व धरोहर सूची में अंकित करने से पहले उसे अस्थायी सूची में जोड़ना होता है।
यूनेस्को ने मप्र की 6 संपत्तियां अस्थायी सूची में जोड़ी है। इसमें ग्वालियर किला मप्र, धमनार का ऐतिहासिक समूह, भोजेश्वर महादेव मंदिर भोजपुर, चंबल घाटी के रॉक कला स्थल, कुंडी भंडारा बुरहानपुर और राम नगर मंडल का गौंड स्मारक शामिल है। 14 मार्च को इन्हें अस्थायी सूची में जोड़ा गया है।
बुरहानपुर आई थी यूनेस्को प्रतिनिधि मिंजायांग
पूर्व महापौर अतुल पटेल ने बताया 14 मार्च को फ्रांस की राजधानी पेरिस से यूनेस्को कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि भारत में मध्यप्रदेश की छह धरोहरों संपत्तियों को अस्थायी रुप से विश्व धरोहरों की सूची में जोड़ा गया है जिसमें हमारा कुंडी भंडारा भी है। उन्होंने कहा यह सभी के सामूहिक प्रयासों का यह प्रतिफल है। मैं 2008 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित हेरिटेज सम्मेलन में शामिल हुआ था। इस विश्व स्तरीय मंच पर उन्होंने विश्व की अद्वितीयए अनूठी जल प्रदाय प्रणाली खूनी भंडारा को विश्व विरासत में सम्मिलित करने के लिए अपना पक्ष प्रस्तुत किया था जिसको संज्ञान में लेकर सन 2010 में यूनेस्को द्वारा मिंजायांग को अपने प्रतिनिधि के रूप में कुंडी भंडारा के निरीक्षण के लिए बुरहानपुर भेजा गया था। उनके द्वारा इस विरासत को विश्व धरोहर में सम्मिलित करने की अनुशंसा की गई थी। सन 2010 में महापौर निर्वाचित होने के बाद महापौर माधुरी पटेल भी पेरिस में आयोजित हेरिटेज सम्मेलन में होकर कुंडी भंडारा को विश्व धरोहर घोषित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। इसी प्रकार अखिल भारतीय महापौर परिषद अध्यक्ष एवं महापौर माधुरी अतुल पटेल द्वारा भी कुण्डी भंडारा को विश्व धरोहर घोषित कराने के लिए सतत संपर्क और पत्राचार किया जाता रहा है। पूर्व महापौर अतुल पटेल द्वारा सफलता के लिए आभार प्रकट करते हुए भारत सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, यूनेस्को के अध्यक्ष आंद्रे एन्जोले एवं बुरहानपुर जिला वासियों को बधाई दी गई है।
विधायक बोली- बुरहानपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सम्मान
इसे लेकर विधायक अर्चना चिटनिस ने कहा कि बुरहानपुर के कुंडी भंडारे को विश्वस्तरीय पहचान मिली है, सभी बुरहानपुर वासियों को ढेर सारी बधाई। यह हमारे बुरहानपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सम्मान है। 2006-07 से लेकर अब तक हम इसके लिए सतत प्रयासरत रहे है। यूनेस्को विश्व हेरिटेज सेंटर से लगातार संपर्क और संवाद कर जो तकनीकी दिक्कते थी उसे दूर किया गया। 2013 में यूनेस्को की टीम ने बुरहानपुर का दौरा कर स्थल निरीक्षण किया था किंतु वहां एप्रोचेबल रोड नहीं होने की वजह से तब हम इसे विश्व धरोहरों की अस्थायी सूची में सम्मिलित नहीं करवा सके किंतु अब वहां पहुंचने के लिए आरओबी बनने की वजह से यह संभव हो सका है। यूनेस्को विश्व हेरिटेज सेंटर द्वारा भारत की अस्थायी सूची में मध्यप्रदेश की 6 संपत्तियों को शामिल किया गया है। इसमें कुंडी भंडारा भी सम्मिलित है। यदि भविष्य में किसी संपत्ति को नामांकित किया जाना है, तो विश्व धरोहर सूची में अंकित करने हेतु अस्थायी सूची में जोड़ना अनिवार्य होता है।
यह है कुंडी भंडारा की खासियत-
– बुरहानपुर का सदियों पुराना वाटर सप्लाई सिस्टम कुंडी भंडारा दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इस कारण से नहीं कि यह 407 सात साल पुराना है, बल्कि इसलिए कि इतना पुराना होने के बाद भी रोज दो से सवा दो लाख लीटर शुद्ध पानी दे रहा है। इससे एक लाख की आबादी को वाटर सप्लाई होती है।
– इस अंडर वाटर सिस्टम को अब्दुल रहीम खानखाना के शासनकाल में 1615 ईस्वी में बनाया गया था। खास बात यह है कि यह सिस्टम 80 फीट गहराई में बना है।