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इटालियन कांग्रेस को चीन से एमओयू के कारण भारत के उद्योगपति नहीं सुहाते
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भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री व विधायक भगवानदास सबनानी की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की पत्रकार-वार्ता पर प्रतिक्रिया
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री व विधायक भगवानदास सबनानी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की पत्रकार-वार्ता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का एकमात्र उद्देश्य देश और प्रदेश को बदनाम करना रहा है। कांग्रेस को देश और प्रदेश की तरक्की सहन नहीं हो पा रही है। आज प्रदेश विकसित राज्यों की श्रेणी में आगे है, वहीं भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है और जल्द ही विश्व में तीसरे स्थान पर आ जाएगी। कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए हर बार वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और भारतीय जनता पार्टी पर अनर्गल आरोप लगाते हैं। इटालियन कांग्रेस का चीन से एमओयू के कारण भारत के उद्योगपति उनको नहीं सुहाते है। कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी अपने नकारा नेतृत्व व जगहंसाई पर पर्दा डालने के लिए ऐसे बयान देते हैं।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री व विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि कांग्रेस ने वर्ष 2019 के चुनाव से पहले भी राफेल का मुद्दा उठाया था और जोर देकर इसे बहुत बड़ा घोटाला बताया था, यहां तक कि ‘चौकीदार चोर है’ का नारा भी दिया था। कोविड-19 महामारी के दौरान भी कांग्रेस ने सनसनी फैलाने की कोशिश की थी, लेकिन अंत में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के समक्ष माफी मांगनी पड़ी थी। कांग्रेस का एकमात्र उद्देश्य देश और प्रदेश को बदनाम करना और देश की प्रतिष्ठित संस्थाओं पर आक्षेप लगाना रहा है। जो संस्थाएं भारत की सुरक्षा और मजबूती के लिए काम करती हैं, कांग्रेस बार-बार उन्हें निशाना बनाकर विवाद खड़ा करती हैं। जीतू पटवारी को ज्ञात होना चाहिए कि अदाणी ग्रूप पर कानूनी प्रक्रिया चल रही है और कानून अपना काम करेगा। इसमें किसी का कोई हस्तक्षेप नहीं है।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री व विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि जिन चार राज्यों का नाम दस्तावेज में सामने आया है उनमें छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, ओड़िसा और तमिलनाडु शामिल है। जुलाई 2021 से फरवरी 2022 के बीच में इन चार राज्यों में कांग्रेस की सरकारें थी। श्री सबनानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, आंध्र प्रदेश में कांग्रेस समर्थित वाईएसआरसीपी की जगन मोहन रेड्डी की सरकार, तमिलनाडु में कांग्रेस गठबंधन वाली सहयोगी पार्टी डीएमके की सरकार थी और ओडिशा राज्य में उस समय बीजद की नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली सरकार थी। जिन चारों राज्यों का नाम अमेरिका में सामने आया है, उस समय उन राज्यों में न तो भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री थे और न ही भाजपा समर्थित सरकारें थी।