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Friday, November 15, 2024
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हाईकोर्ट ने मंदिर में पूजा, अर्चना पर लगाई थी रोक, सुप्रीम कोर्ट ने यथा स्थिति रखने को कहा, मंदिर ट्रस्ट ने कहा हमें पूजा की अनुमति

  • सुप्रीम कोर्ट में चल रहा इच्छेश्वर हनुमान मंदिर समिति ट्रस्ट और बोहरा समाज की दरगाह ए हकीमी ट्रस्ट का विवाद- दोनों पक्षों के अलग अलग तर्क से असमंजस की स्थिति

  • सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील हरिशंकर जैन, उनके बेटे विष्णु शंकर जैन लड़ रहे केस, दिल्ली से वर्चुअली जुड़े

बुरहानपुर। शहर के लोधीपुरा में बोहरा समाज की दरगाह ए हकीमी है। वहीं इसी क्षेत्र में प्राचीन इच्छेश्वर हनुमान मंदिर है। दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। बुरहानपुर कोर्ट से इच्छेश्वर हनुमान मंदिर समिति ट्रस्ट केस जीत गई थी। तब बोहरा समाज ट्रस्ट ने हाईकार्ट में केस लगाया। हाईकोर्ट जबलपुर ने 22 जून 2023 को आदेश दिए कि प्रशासन, समिति यहां से मंदिर हटाए, लेकिन इसके विरूद्ध मंदिर समिति के लोग सुप्रीम कोर्ट चले गए। जहां उनका केस बाबरी मस्जिद अयोध्या, ज्ञानव्यापी मस्जिद वाराणसी का केस लड़ चुके सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णु शंकर जैन लड़ रहे हैं।
दिल्ली से वर्चुअली तरीके से जुड़े सुप्रीम कोर्ट वकील
हरिशंकर जैन रविवार को दिल्ली से वर्चुअली जुड़े प्रकरण को लेकर पत्रकार वार्ता में विस्तार से बात रखी। वहीं इच्छेश्वर हनुमान मंदिर ट्रस्ट की ओर से अधिवक्ता जगदीश वाढ़े, राकेश तिवारी ने कहा- उच्च न्यायालय में हमारे हक में अप्रिय फैसला आया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगाकर स्थिति यथावत रखने को कहा है यानी मंदिर में पूजा अर्चना की जा सकती है, लेकिन जब वहां पूजा अर्चना के लिए जा रहे हैं तो प्रशासन द्वारा धारा 188 के तहत कार्रवाई की जा रही है। अब तक 14 लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इस दौरान, हेमलाल मोरे, अमोल भगत सहित मंदिर ट्रस्ट से जुड़े भक्तगण भी मौजूद रहे।
हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा
इधर, दरगाह ए हकीमी प्रबंधक मुस्तुफा उज्जैनवाला ने कहा- मामला सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा है। हमें न्याय पर पूरा भरोसा है। जो भी होगा अच्छा होगा। दरगाह ए हकीमी की ओर से अधिवक्ता शब्बीर रावलपिंडीवाला ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के आदेश में एज ऑन टुडे लिखा गया है यानी हाईकोर्ट ने जो निर्णय 22 जून 23 को दिया था। उसे यथावत रखने को कहा गया है। गतिविधियों पर रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा- दरगाह हकीमी ने कभी किसी की कोई शिकायत नहीं की।
कईं केस लड़ चुकी है पिता पुत्र की जोड़ी
यह मामला काफी हाई प्रोफाइल है। दरअसल अब यह केस सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णु शंकर जैन लड़ रहे हैं। पिता पुत्र की यह जोड़ी बाबरी मस्जिद अयोध्या, ज्ञानव्यापी मस्जिद वाराणसी, ताज महल आगरा, कुतुब मिनार नई दिल्ली सहित अन्य कईं चर्चित केस लड़ चुके हैं।

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