19.4 C
Burhānpur
Friday, November 15, 2024
19.4 C
Burhānpur
Homeमध्यप्रदेशएमएसएमई एक्ट के प्रावधान में बदलाव की मांग- टेक्सटाइल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन...
Burhānpur
scattered clouds
19.4 ° C
19.4 °
19.4 °
54 %
1kmh
42 %
Fri
31 °
Sat
31 °
Sun
32 °
Mon
31 °
Tue
31 °
spot_img

एमएसएमई एक्ट के प्रावधान में बदलाव की मांग- टेक्सटाइल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सांसद से की मुलाकात, सौंपा ज्ञापन

बुरहानपुर। बुरहानपुर टेक्सटाइल्स ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सोमवार को खंडवा संसदीय सीट से सांसद ज्ञानेश्वर पाटील से मुलाकात कर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें एमएसएमई एक्ट के प्रावधान में परिवर्तन करने की मांग की गई है।
ज्ञापन में कहा गया कि भारत सरकार के एमएसएमई विभाग ने जो प्रावधान लागू किए गए हैं उसके तहत सूक्ष्म, लघु उद्योगों को 15 दिन में भुगतान करना अनिवार्य है। आपसी सहमति पर अधिकतम अवधि 45 दिन तक की हो सकती है। इसमे परिवर्तन किया जाए।
ज्ञापन में यह रखी मांग-
भारत में जितने भी सूक्ष्म, लघु उद्योग चल रहे है अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह प्रावधान केवल रजिस्टर्ड पर ही लागू होंगे या अनरजिस्टर्ड उद्यमी पर भी। यदि अनरजिस्टर्ड पर यह नियम लागू नहीं है तो सभी का एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होना चाहिए।
यह प्रावधान मध्य और वृहद उद्योगों पर लागू नहीं है। जबकि यह सभी औद्योगिक इकाइयों पर चाहे वह सूक्ष्म लघु या मध्यम उद्योग हो पर लागू होना चाहिए ताकि सभी को प्रतिस्पर्धा में समान अवसर मिले।
आयकर विभाग की धारा 43 बी में प्रावधान किया गया है जो कि व्यापारी को यह सुविधा देता है कि अगर रिटर्न भरने की तिथि तक उसका भुगतान कर दे तो इस खर्च को एलॉव किया जाता है परंतु 43 बी-एच में सम्मिलित की गई नई धारा पर यह प्रावधान लागू नहीं किया गया है।
अगर 43 बी-एच पर यह प्रावधान लागू कर दिया जाए तो व्यापारी की 31 मार्च वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद 4-6 माह भुगतान का समय मिल जाएगा जिससे सूक्ष्म, लघु उद्यमी प्रतिस्पर्धा में टिक पाएगा या एमएसएमई एक्ट में परिवर्तन कर यह अवधि पहले साल में 90 दिन, दूसरे साल में 75 दिन, तीसरे साल 45 दिन लागू करने का प्रावधान किया जाए। इसे लागू करने की समय सीमा न्यूनतम 1 साल बढ़ाई जाए।
वर्तमान में सूक्ष्म, लघु उद्यमी जिनको एमएसएमई एक्ट की पूरी जानकारी नहीं होने के कारण उनका व्यापार पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। सांसद ज्ञानेश्वर पाटील ने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया कि मांगों को पत्र के माध्यम से केंद्रीय वित्त मंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा।
यह रहे मौजूद-
ज्ञापन सौंपते समय उद्योगपति मुकेश देवड़ा, दामोदर मोदी, सुरेश लखोटिया, रविंद्र गुप्ता, आनंद सिंघानिया, राजेंद्र जालान, सुरेश सोनी, प्रदीप तोदी, वीरेंद्र जैन, जयप्रकाश लखोटिया, सुनील मुंदरा, रामेश्वर मंत्री, राजेश जैन, अंकित तोदी आदि मौजूद थे।

spot_img
spot_img
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img