-
निंबोला पुलिस पर चोरी की शंका पर मारपीट का आरोप- सांसद के पास गुहार लेकर पहुंची महिलाएं
-
सांसद ने तुरंत आईजी से बात कर स्थिति से कराया अवगत, चोरी की शंका में पूछताछ के लिए पुलिस ने बुलाया था थाने
-
सांसद बोले, चोरी की है तो एफआईआर करें, जेल भेजें, मारपीट करना गलत
बुरहानपुर। आज एक गांव से कुछ महिलाएं आई। इससे पहले फोटो, वीडियो देखने के बाद मेरा दिल दहल उठा। उन्होंने चोरी की है या उन पर कोई इल्जाम है तो सजा देने का काम कोर्ट का है। आईजी को फोन लगाकर मामला संज्ञान में लाया है। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो मैं सीएम से भी बात करूंगा। सभी को सस्पेंड कराकर रहूंगा।
यह बात सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने रविवार दोपहर उस समय कही जब काफी संख्या में महिलाएं सांसद से मिलने पहुंची और बर्बरता की शिकार एक महिला ने महिला पुलिसकर्मी पर थाने में मारपीट का आरोप लगाया। इस पर सांसद श्री पाटिल ने सीधे आईजी को फोन लगाकर बात की। बाद में उन्होंने कहा हमारी सरकार माता, बहनों का सम्मान करती है। बराबरी देने का काम किया है। चोर भी है तो उसके साथ इस तरह का बर्बरतापूर्ण घटनाक्रम नहीं होना चाहिए। चोरी की है तो पुलिस एफआईआर दर्ज करे। चोरी की थी तो गिरफ्तार कर जेल भेजना था। यह कृत्य निंदनीय है। दरअसल पन्नी बिनने वाली एक महिला ने निंबोला थाने की एक महिला पुलिसकर्मी पर चोरी की शंका में मारपीट का आरोप लगाया है। साथ ही वह करीब 20 से अधिक महिलाओं को साथ लेकर रविवार दोपहर सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के पास पहुंची और फोटो, वीडियो दिखाकर मारपीट का आरोप लगाया।
महिला बोली- किसी को मारपीट की बात बताने से मना किया
महिला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलिस ने मेरा मेडिकल कराया। साथ ही धमकी दी कि यह बात किसी को नहीं बताए उपचार भी दूसरी जगह करा लेना। मैंने यह बात तब किसी को नहीं बताई। वहीं रविवार दोपहर काफी संख्या में महिलाएं सांसद से मिलने पहुंच गई।
पूरा मामला क्रिएट किया हुआ है, कोई मारपीट नहीं की -टीआई
निंबोला थाना प्रभारी राहुल कामले कहा- महिला झूठ बोल रही है। यह सब क्रिएट किया गया है। मेडिकल कराया गया था। चोरी का इन्वेस्टिगेशन पूरा न हो इसलिए पुलिस पर दबाव बनाना चाह रहे हैं। आप मारपीट का फोटो देखें। एक महिला पुलिसकर्मी ऐसा मार ही नही सकती। महिला पुलिसकर्मी का हाथ कितना लगता होगा। चोट लगी है तो डॉक्टर को बता सकती थी। बेतुकी बातें हैं। इनका पन्नी बिनने का काम है। सोना, चांदी की चोरी की शंका में संदिग्धों के आधार पर पन्नी बिनने वाली 7-8 महिलाओं को थाने बुलाया गया था। इसमें से एक ही ने आरोप क्यों लगाया। बाकी भी तो साथ आई थीं। जो नियमित रूप से आती हैं। पूछताछ में एक महिला टूट भी गई थी। उसने सब बताना भी शुरू कर दिया था। हम गांव भी गए थे। वहां हमें गुमराह कर दिया इसलिए घर से कुछ बरामद नहीं कर पाए। अब उन्होंने इसे दूसरा ही रूप दे दिया। ऐसे में पुलिस का मनोबल टूटता है। जो वह कह रही हैं वह वास्तविकता नहीं है।
इसलिए पूछताछ के लिए बुलाया
दरअसल एक स्थान पर चोरी की वारदात हुई थी। इसके बाद एक महिला को कुछ लोगों ने बाड़े में से निकलते हुए देखा था। इसी आधार पर पुलिस इन्वेस्टिगेशन कर रही थी और कुछ महिलाओं को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था, लेकिन आरोप लगने के बाद अब पुलिस ही खुद ही शंका के दायरे में आ गई। हालांकि पूरा मामला जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।
…..