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साहित्य और सामाजिक चिंतन पर चर्चा के लिए तैयार ब्रह्मपुर की मंथन व्याख्यान माला
बुरहानपुर। पूज्यनीय डॉ. हेडगेवार स्मृति व्याख्यान माला के अंतर्गत मंथन व्याख्यान माला का आयोजन ब्रह्मपुर में 17 और 18 जनवरी 2025 को आयोजित होने जा रहा है। यह दूसरा अवसर है जब ब्रह्मपुर इस महत्वपूर्ण आयोजन का साक्षी बनेगा। पिछले वर्ष (14-15 जनवरी) आयोजित व्याख्यान माला में श्री मोहन गिरी जी (संस्थापक, शाहिद समर्थ मिशन) और श्री अश्विनी उपाध्याय (वरिष्ठ अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट) ने अपने विचार साझा किए थे। उनके विचार समाज और न्याय की दिशा में प्रेरणादायक रहे।
इस वर्ष के कार्यक्रम का विवरण
इस वर्ष मंथन व्याख्यान माला में प्रमुख वक्ताओं द्वारा भारतीय संस्कृति, स्त्री विमर्श, और वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी। प्रथम दिवस 17 जनवरी (शुक्रवार) को वक्ता श्रीमती कुमुद शर्मा (उपाध्यक्ष, केंद्रीय साहित्य अकादमी) “वैश्विक परिदृश्य में स्त्री विमर्श की भारतीय स्वीकार्यता” विषय पर प्रकाश डालेंगी। मेरठ में जन्मी श्रीमती कुमुद शर्मा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए., पीएचडी, और मीडिया में डी.लिट की उपाधि प्राप्त की। वह दिल्ली विश्वविद्यालय में वरिष्ठ प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। जनसत्ता, नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, और कादंबिनी जैसे प्रतिष्ठित अखबारों में लेखन कर चुकी हैं। साहित्यिक पत्रिका की मुख्य संपादक रहीं और दो बार भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार से सम्मानित हुईं। साहित्य जगत में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका ने भारतीय मूल्यों को सशक्त बनाने में योगदान दिया है।
द्वितीय दिवस 18 जनवरी (शनिवार) को वक्ता: डॉ. डी.के. दुबे (वरिष्ठ अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट) “वर्तमान चुनौतियां एवं समाधान” विषय पर मार्गदर्शन करेंगे। डॉ. डी.के. दुबे संघ विचार परिवार से जुड़े मुद्दों पर गहन शोध और रिपोर्टिंग करते हैं। वह भाजपा शासित राज्यों में कानूनी और प्रशासनिक सलाहकार हैं। उनकी विशेषज्ञता संघ की योजनाओं को नागरिकों तक प्रभावी रूप से पहुंचाने में है।
कार्यक्रम की रुपरेखा
• स्थान: परमानंद जी गोविंदजीवाला ऑडिटोरियम, इंदिरा कॉलोनी, ब्रह्मपुर
• समय: सांय 7 बजे से रात 9 बजे तक
• महिलाओं के लिए अलग बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
व्याख्यान माला का महत्व
यह व्याख्यान माला भारतीय संस्कृति, समसामयिक मुद्दों, और समाज को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
• श्रीमती कुमुद शर्मा का व्याख्यान भारतीय साहित्य में नारीवाद की प्रासंगिकता को नई दृष्टि देगा।
• डॉ. डी.के. दुबे का व्याख्यान वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक चुनौतियों के कानूनी समाधान पर गहराई से विचार प्रस्तुत करेगा।