बुरहानपुर। शिक्षक का दायित्व बड़े सौभाग्य से मिलता है।समाज को उससे बड़ी अपेक्षाए होती है,बड़े भरोसे के साथ समाज अपने बच्चे उसे सौपता है इसलिए राष्ट्र और समाज के हित मे शिक्षक हो और शिक्षक के हित मे हो समाज हो,यही शिक्षक का महामन्त्र है।
उक्त बाते कस्तूरी बाग बैतूल में आयोजित म.प्र. शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संघठन मंत्री महेंद्र कपूर ने कही। उन्होंने संघठन को इस भाव के शिक्षक गढ़ने का आव्हान किया। जिसमे समरसता हो, मातृ शक्ति की सहभागिता बढ़े, आचार-विचार में राष्ट्र और समाज की सेवा का समर्पण हो। सुबह 9 बजे से पांच सत्र में चली बैठक के प्रथम सत्र में प्रदेश महामंत्री क्षत्रवीर सिंह राठौर ने पूर्व बैठक की कार्यवाही का प्रतिवेदन रखते हुए उच्च पदभार,शिक्षा विभाग की रुकी हुई क्रमोन्नति की बहाली,चौथी क्रमोन्नति दिलाने में संघठन के सतत अथक प्रयास बताते हुए इस सम्बंध में हो रहे आदेश का ही परिणाम है। उन्होंने संघठन के प्रांतीय निर्वाचन 2023 की सदस्यता पर कराने का प्रस्ताव पारित कराया। प्रदेश संघठन मंत्री किशनलाल नाकड़ा ने संघठन पर चर्चा की। प्रांतीय उपाध्यक्ष अखिलेश मेहता ने अतिथियों का परिचय कराया। द्वितीय सत्र में एबीआरएसएम के अतिरिक्त महामंत्री संजय राउत ने संघठन की योजना से पदाधिकारियों की टोली बनाकर देश भर के संसद सदस्य से सम्पर्क करने के दौरान हुए अनुभव बताते हुए कहा कि, इसमें हमने उन्हे संघठन की रीति-नीति और दृष्टि बताने के साथ ओपीएस की बहाली के लिए केंद्रीय स्तर पर पहल करने का निवेदन किया है। इससे उन्हें हमारे कार्य और संघठन को समझने का अवसर मिला है।
तीसरे सत्र में प्रदेश सह संघठन मंत्री श्री बृजमोहन आचार्य ने सदस्यता के लिए पदाधिकारियों को शिक्षक हित में सतत खड़े रहने की आवश्यकता बताते हुए प्रत्येक विद्यालय तक पहुंचने का आव्हान किया। चतुर्थ सत्र में प्रदेश सह संघठन मंत्री देवकृष्ण व्यास ने केंद्रीय संघटन के आव्हान पर प्रत्येक खण्ड में एक विद्यालय को “हमारा विद्यालय-हमारा तीर्थ” के रूप में विकसित करने की अवधारणा बताते हुए कहा कि विद्यालय में बच्चे देवता और शिक्षक पुजारी जैसा समर्पण भाव रखकर ज्ञानार्जन करे,यही तो विद्यालय को तीर्थ बनाने की योजना है। प्रदेश कोषाध्यक्ष गौतम मणि अग्निहोत्री ने 2022-23 की बेलेंस सीट, आय-व्यय, लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। जिसे कार्यकारिणी ने ॐ ध्वनि मत से पारित किया। 2023 की सदस्यता सूचियां, रशीद बन्दिया आदि 8 अक्टूबर 23 तक जमा कराने का आव्हान किया। समापन सत्र में अध्यक्षीय उद्बोधन के साथ प्रदेश अध्यक्ष लछीराम इंगले ने संघठन में जहाँ अपेक्षित वहाँ उपस्थित,स्व अनुशासन, आपसी समन्वय,आर्थिक सुचिता और पारदर्शिता से कार्य करने का आव्हान करते हुए बैठक में संकलित हुई समस्याओ के लिए शीघ्र मुख्यमंत्री,मंत्रियों और अधिकारियों से मिलकर निराकरण का प्रयास करने की बात कही।
इससे पूर्व समस्याओ के सत्र में प्रमुख ओपीएस बहाली,गुरुजियों को योग्यता और पात्रता प्राप्त करने के आधार पर वरिष्ठता तथा अध्यापक संवर्ग को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता,स्वयं के व्यय पर डीएड/बीएड करने पर सभी शिक्षकों को एक वेतनवृद्धि देने के लिए पूर्व आदेश में नियुक्ति की तिथि ओर डीएड/बीएड करने की तिथि की शर्तें शिथिल करने,उच्च पदभार में नाम छूटने,जनजातीय कार्य विभाग में गति बढ़ाने जैसी समस्याएं दूर करने,माता पिता की मृत्यु पर 15 दिवस का संवेदना अवकाश,खण्डवा-बुराहनपुर जिले के एक दिन के वेतन भुगतान,उच्च शिक्षा विभाग की तरह अर्जित अवकाश के लिए आयुक्त जनजातीय ओर शिक्षा विभाग से 2023 तक अनुमोदन देने का आदेश एवं शिक्षकीय सेवा को नानवोकेशनल घोषित करने जैसी ओर भी कई समस्याओं को प्राप्त किया गया है।
इस अवसर पर बुरहानपुर जिले से अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय अति महामंत्री संजय जी राऊत, मध्यप्रदेश शिक्षक संघ संभागीय अध्यक्ष अमर पाटील, जिलाध्यक्ष बुरहानपुर धनराज पाटील, संघठन मंत्री भागवत फेगड़े आदि सहभागी रहे। यह जानकारी मध्यप्रदेश शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष धनराज पाटील द्वारा दी गई।