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महापौर चुनाव में एआईएमआईएम को मिले थे 10274 वोट, कांग्रेस की हार का कारण बनी थी एआईएमआईएम
बुरहानपुर। एआईएमआईएम ने पूर्व पार्षद और कांग्रेस नेता नफीस मंशा खान को पार्टी की ओर से अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया है। खास बात यह है कि कुछ माह पहले ही हुए नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की हार का कारण एआईएमआईएम ही बनी थी। तब वही कांग्रेस जो आज एआईएमआईएम के सपोर्ट में आगे आकर खड़े हैं उन्होंने एआईएमआईएम पर हार का ठिकरा फोड़ा था।
नगर निगम चुनाव में एआईएमआईएम को एक वार्ड से जीत मिली थी तो वहीं नगर निगम महापौर चुनाव में भाजपा की माधुरी अतुल पटेल को 52823 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस की शहनाज अंसारी को 52281 वोट मिले थे। एआईएमआईएम के प्रत्याशी जहीर उद्दीन को 10274 वोट मिले थे। माधुरी पटेल महज 542 वोट से चुनाव जीती थीं। अगर तब एआईएमआईएम चुनाव में खड़ी नहीं होती तो कांग्रेस जीतती, क्योंकि एआईएमआईएम को 10 हजार से अधिक मुस्लिम वोट मिले थे। अब इस बार फिर पार्टी अपना उम्मीदवार खड़ा करने जा रही है।
शेरा का विरोध कर रहे नाराज धड़े की ओर से तय हुआ है नाम
बताया जा रहा है कि कांग्रेस का एक बड़ा ठाकुर सुरेंद्र सिंह को टिकट मिलने से धड़ा नाराज है। टिकट फाइनल होने के बाद नगर निगम के 23 कांग्रेसी पार्षदों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। निष्ठावान कांग्रेस का गठन किया गया था। अल्पसंख्यक वर्ग से उम्मीदवार उतारने की तैयारी चल रही थी। 3 नामों में से एक नाम चयनित करने की बात कही गई थी। आम सहमति से पूर्व पार्षद नफीस मंशा खान का नाम तय किया गया, लेकिन यह कहा जा रहा था कि प्रत्याशी निर्दलीय खड़ा किया जाएगा, लेकिन अचानक शनिवार को नफीस मंशा खान औरंगाबाद पहुंचे और वहां उनके नाम की घोषणा हुई।
एआईएमआईएम के नेता ने किया ट्विट
शनिवार दोपहर एआईएमआईएम के एक नेता इम्तियाज जलील ने एक ट्विट किया। जिसमें कहा गया कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रो में 30 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी होने के बावजूद हमारे धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस पार्टी ने मप्र की 230 विधानसभा सीटों में सिर्फ 2 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया। एआईएमआईएम मप्र में चुनाव नहीं लड़ने जा रहा था, लेकिन अब हम लड़ेंगे। कांग्रेस सिर्फ मुस्लिम वोट चाहती है, संसद और विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व नहीं।