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निर्दलीय प्रत्याशी हर्षवर्धन का शक्ति प्रदर्शन-संजय नगर से निकाली रैली, शहर में करीब साढ़े 5 किमी घूमी रैली
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गांधी चौक में आयोजित हुई सभा, हजारों की संख्या में पहुंचे लोग
बुरहानपुर। एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है दोस्तो यह दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तों। रैली निकालने का यह मकसद था कि मैं चुनाव लड़ रहा हूं। मेरे पूज्य पिताजी ने 45 साल अपना खून पसीना बहाकर भाजपा को खड़ा किया और हमने मांगा ही क्या था। नंदू भैया के प्रति शहर की जनता का प्रेम, स्नेह है। एक परिपाटी है कि परिवार से टिकट दिया जाता है, लेकिन नंदू भैया के स्वर्गवास के बाद आप लोग ही मेरे पास आए थे और कहा था कि आप चुनाव लड़ो हम आपका सपोर्ट करेंगे, लेकिन मैंने पार्टी से कुछ नहीं कहा। एक बार टिकट नहीं दिया कोई बात नहीं मैंने 11 साल काम किया। लोग कहते थे अनुकंपा नियुक्ति नहीं होगी। कार्यकर्ता बनकर काम किया मैंने। यहां की जनता मुझे जानती है। फिर मेरे मन में विचार आया कि जनता जो कहेगी वह करूंगा या तो विजय या वीरगति। अब रण में उतरा हूं तो पीछे हटुंगा नहीं। चुनाव आप लड़ रहे हो। मुझे तो महसूस ही नहीं हो रहा है कि मैं चुनाव लड़ रहा हूं। इस जिले में एक ही शेर था नंदकुमार सिंह चौहान जिनकी रैली में इतनी भीड़ नजर आती थी। शालीनता से चुनाव लड़ना है। जिस शालीनता से पूज्य पिताजी लड़ा करते थे।
यह बात गाँधी चौक में आयोजित आमसभा को संबोधित करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कही। 2 बार भाजपा से प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। 26 अक्टूबर को उन्होंने मुर्हूत का फॉर्म भरा था। सोमवार को नामांकन के आखिरी दिन शक्ति प्रदर्शन करके दिखाया।
निर्दलीय प्रत्याशी हर्षवर्धन सिंह चौहान की रैली संजय नगर से प्रारंभ होकर शिकारपुरा, महाजनापेठ, तिलक चौराहा, पांडुमल, राजपुरा, डाकवाली, न्यामतपुरा, शनवारा, जय स्तंभ, इकबाल चौक, सुभाष चौक गांधी चौक पहुँची। करीब साढ़े 5 किमी की रैली में काफी संख्या में लोग शामिल हुए। इसके बाद गांधी चौक पर सभा हुई।
विधानसभा में कंचे खेलने नहीं जाउंगा, जीतुंगा तो काम करूंगा
हर्षवर्धन ने कहा-कोई योजना बंद होने वाली नहीं है। लोग बहकाएंगे उनके बहकावे में मत आना। लोग कहेंगे कि नंदू भैया का बेटा ही खड़ा हुआ है। मामा तो देता ही रहेगा आपका भाई देगा। मैं विधायक बनकर जाउंगा तो विधानसभा में कंचे नहीं खेलने वाला लोगों के लिए काम करूंगा जो मेरे पूज्य पिता जी ने 45 साल से किया है। उन्होंने कहा- तिनका हूं पर दरिया से लड़ रहा हूं मुझे बचाना अब समुंदर की जिम्मदारी है। दुआ करना सलामत रहे हौंसला, यह एक चिराग कईं आंधियों पर भारी है। पूरे प्रदेश से फोन आ रहे हैं कि भैया हम खुलकर नहीं बोल सकते, लेकिन अंदर से समर्थन है। नंदु भैया को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी।
मुझे कोई फिक्र नहीं मुझे पब्लिक ने टिकट दिया
हर्षवर्धन ने कहा मुझे चिंता फिक्र नहीं है। मुझे पब्लिक ने टिकट दिया है पार्टी ने नही। परिवादवाद की दुहाई देने वालों पूछता हूं पड़ोस से मंजू दादू को टिकट दिया। मंजू दीदी को तो पता भी नहीं था मेरे पिता जी ने हाथ पकड़कर निकाला कि चल बेटी तेरे को चुनाव लड़ना है पिता की विरासत संभालना है। एक वह थे कि चलो बेटा परिवार की पुण्याई है। हाथ पकड़कर ले जाते थे। आज समय यह है कि टांग पकड़ रहे हैं। चुनाव उनके गले की हड्डी बन गया है। टिकट ले आए। समझ नहीं आ रहा है कि करें तो करें क्या, दो-दो बार रैलियां कैंसिल करना पड़ रही हैं। क्या कर रहे हैं तो बोले मेहंदियां लगा रहे हैं वहां बैठकर।
अफवाह फैलाने में लगे थे कि फॉर्म उठा लेगा
हर्षवर्धन ने कहा कुछ लोग अफवाह फैला रहे थे कि मैं 3 तारीख को फॉर्म उठा लूंगा। कहीं से हेलीकाप्टर आएगा और हर्षवर्धन मान जाएगा। पिता का नाम लेते हुए हर्षवर्धन भावुक हो गए इस दौरान आवाजें लगाने लगे भैया रोना नहीं हमें लड़ना है। दोबारा अन्याय हुआ। अब रण में उतरा हूं तो सोचुंगा नहीं सिर्फ लडूंगा। इस दौरान अधिकांश लोग निमाड़ की नैया नंदु भैया के नारे लगाते रहे।
निर्दलीय से हारे को दिया टिकट -तारवाला
सभा में मनोज तारवाला ने कहा ये चुनाव हर्ष नहीं लड़ रहा है। आप सभी लड़ रहे हैं। हम उन्हें चुनकर भेज रहे हैं, जिनका वोट भी विधानसभा में नहीं है। बाहर के उम्मीदवार को टिकट दिया जा रहा है। शेरा भैया का भी वोट बुरहानपुर विधानसभा में नहीं है। हमारा वोट बाहरी व्यक्ति को लेने का अधिकार नहीं है। शीर्ष नेतृत्व से कहा था कि कार्यकर्ताओं पर जुर्म करना बंद करों। स्थानीय कार्यकर्ता को टिकट दो। उसे जिताकर लाएंगे। शीष नेतृत्व ने विश्वास नहीं किया। कौनसे बहकावे में आ गए। टिकट उसी उम्मीदवार को दिया गया जो निर्दलीय से हार गए थे। इस बार इनको ट्रक में बिठाकर रवाना करना है।
कुछ लेागों की आदत है शहर की फिजा बिगाड़ने की
पूर्व जनपद अध्यक्ष किशोर पाटिल ने कहा मैंने बहुत करीब से देखा है। हमारे विरोधी षडयंत्रकारी है, क्योंकि मैंने बहुत करीब से देखा है और भोगा है। शेर की हिम्मत से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन लोमड़ी की चालाकी भी जरूरी है। मुझसे ज्यादा इन्हें कोई समझ नहीं सका। शालीनता से चुनाव लड़ो। नंदू भैया ने 45 साल तक खून, पसीने से पार्टी को सींचा है। पाटिल ने कहा मैं जिलाध्यक्ष को भी चेतावनी देता हूँ कि नंदू भैया के फोटो का दुरुपयोग नहीं करें। असली भाजपा आज यहां गांधी चौक में सडक़ पर बैठी है। कुछ लेागों की आदत है शहर की फिजा बिगाड़ने की। मैं चेतावनी देता हूं उनको, शहर की फिजा बिगाडऩे की जरा सी भी कोशिश की तो ये जनता उसका जवाब सडक़ पर देगी।
सभा को विनोद चौधरी आदि ने भी संबोधित किया। इस दौरान युवराज महाजन, राजेंद्र जोशी, विजय गुप्ता, काशीनाथ महाजन, रमेश पाटीदार, अनिल राठौर, किशोर पाटिल सुखपुरी, नगीन संन्यास, संजय जाधव, विजय उमाले, राजेश महाजन, सहित अन्य मौजूद रहे। सभा का संचालन प्रवीण शहाणे ने किया। आभार हर्षवर्धन सिंह चौहान ने माना।