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एक सप्ताह में दूसरी बार हुई घटना, पहले असीरगढ़ किला, अब आशा देवी मंदिर के पास हुआ हादसा, 8 घायल
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आशादेवी मंदिर में मन्नत उतारने आए थे गुजरात सूरत के श्रद्धालु
बुरहानपुर। पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए दावे तो किए जाते हैं, लेकिन यहां पर्यटक ही सुरक्षित नहीं हैं। एक सप्ताह में दो बार हुई घटनाओं से पर्यटक घबरा रहे हैं। पहले असीरगढ़ किले पर मधुमक्ख्यिों के हमले से 20 से अधिक लोग घायल हुए थे तो वहीं अब असीरगढ़ में ही आशा देवी मंदिर परिसर के पास मधुमक्ख्यिों के हमले से सूरत गुजरात के करीब 8 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए। जिसमें ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं।
दरअसल असीरगढ़ किले से सटे आशा देवी मंदिर में सूरत गुजरात से एक परिवार बच्ची की मन्नत उतारने हुए आया था। मंगलवार सुबह 11 बजे मंदिर परिसर के पास स्थित एक कुएं से सटकर खाना बनाया जा रहा था तभी धुआं होने से मधुमक्ख्यिों ने लोगों पर हमला कर दिया था। सूरत गुजरात से आए 14 लोगों में से करीब 7-8 लोग मधुमक्खी के हमले से घायल हो गए। उन्हें 108 की मदद से बुरहानपुर जिला अस्पताल लाया गया।
मन्नत उतारने आया था परिवार
रेखा बाई ने बताया हम 13-14 लोग भानजी की मन्नत उतारने के लिए आशा देवी मंदिर आए थे। चूल्हे पर खाना बना रहे थे तभी अचानक मधुमक्ख्यिों के छत्ते से मधुमक्ख्यिों ने हमला कर दिया। साथ आए पुरूष तब वहां नहीं थे। महिला ने बताया हमला होने पर हम वहीं चादर ओढ़कर बैठे थे बाद में एक व्यक्ति ने कहा धीरे धीरे मंदिर परिसर से नीचे आओ। करीब सात से आठ लोगों को मधुमक्खी ने काटा। इसमें दो बच्चे भी हैं।
ईद के दूसरे दिन असीरगढ़ किले पर भी हुआ था हादसा
ईद के दूसरे ऐतिहासिक असीरगढ़ किले पर भी इसी तरह हादसा हुआ था तब मधुमक्ख्यिों ने करीब 20 से अधिक लोगों पर हमला कर दिया था। कई लोग जान बचाकर भागे थे अब मंगलवार को असीरगढ़ क्षेत्र में ही आशा देवी मंदिर के पास एक और हादसा हुआ। 8 घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। सभी सूरत गुजरात के रहने वाले हैं।
यह हुए घायल
-सुनीता बसंत, मीना दिलीप, ललिता, लीला, रेखा, प्रीति, भाव्या दिवेश, समाधान आदि सूरत की पुलिस कॉलोनी में रहते हैं। इनमें से 7-8 लोगों को मधुमक्खी ने काटा। 5 साल की बच्ची देवांशी की मन्नत उतरने के लिए परिवार के लोग एक साथ यहां आए थे।
पर्यटन विभाग का ध्यान नहीं
– बुरहानपुर एक ऐतिहासिक शहर है और यहां धार्मिक स्थल भी हैं, लेकिन पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर पुरातत्व विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में पर्यटक अब हमले का शिकार हो रहे हैं। ईद के दूसरे दिन भी लोग ऐसे ही हादसे का शिकार हुए। लोगों का कहना है कि यहां किसी प्रकार का सूचना बोर्ड भी नहीं लगा होता। दरअसल यहां आने वाले पर्यटक चूल्हा जलाकर खाना बनाने लग जाते हैं इससे मधुमक्ख्यिां हमला कर देती है।
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