बुरहानपुर। कृषि उपज मंडी में किसानों के रुकने और ठहरने की सुविधाओं का अभाव प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है। रोजाना सैकड़ों किसान अपनी मेहनत से उपजाई फसल बेचने मंडी आते हैं, लेकिन उनके लिए ठहरने, खाने, और ठंड से बचने की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण से, अपनी फसल की सुरक्षा के लिए किसानों को रातभर मंडी में खुले आसमान के नीचे बिताना पड़ता है।
समस्याओं का अंबार: किसानों के लिए न आराम, न सुरक्षा
ठंड के मौसम में तापमान में गिरावट के बावजूद किसान अपनी फसल की सुरक्षा के लिए पूरी रात मंडी में खुले में बिताने को मजबूर हैं। न रुकने की जगह है, न पर्याप्त शौचालय, और न ही पीने के पानी की सुविधा। किसानों को अपनी उपज की देखभाल के लिए खुद ही पूरी रात जागते रहना पड़ता है। इन बुनियादी सुविधाओं के अभाव में किसान लगातार परेशानी का सामना कर रहे हैं, जबकि प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं है।
अधिकारियों की उदासीनता और सांसद का हस्तक्षेप
सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने भी मंडी के अफसरों को किसानों की स्थिति पर फटकार लगाई थी, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अधिकारियों की ओर से अन्नदाताओं की समस्याओं को अनदेखा करना न केवल प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है, बल्कि किसानों के सम्मान पर भी सवाल खड़ा करता है।
जागो प्रशासन: किसानों के लिए सुविधाएं सुनिश्चित करें
किसानों के लिए सुविधाओं की व्यवस्था करना न केवल उनकी जरूरत है, बल्कि यह उनका अधिकार भी है। प्रशासन से अपील है कि वे अन्नदाताओं की इस समस्या को गंभीरता से लें और तुरंत ठहरने, शौचालय, और अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करें। “जय जवान, जय किसान” का नारा तभी सार्थक होगा जब प्रशासन किसानों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति में पूरी ईमानदारी से जुटेगा।