नवीन आड़े की रिपोर्ट
खकनार। सरकार खेती को लाभ का धंधा बनाने का प्रयास कर रही है। कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है, लेकिन किसान फिर भी परेशान हैं। प्रदेश के बुरहानपुर जिले में केले की खेती बड़े पैमाने पर होती है। लेकिन यहां पर प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को नुकसान भी सबसे अधिक होता है।
जिले के खकनार ब्लॉक में केला उत्पादक किसानों के लिए तबाही लेकर आया। शुक्रवार देर रात आए आंधी तूफान ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा गांवों की केला फसल को तबाह कर दिया। जिससे किसानों को लाखों का नुकसान हुआ है। किसानों की केला फसल इस माह समय कटने पर आ गई थी। दीपावली के पूर्व कटने वाली फसल बर्बाद होने से कई किसानों को आर्थिक रूप से काफी नुकसान हुआ है।किसानों ने कहा कि फसल बीमा का लाभ दिलाने की मांग उठाई।
प्रशासन द्वारा सर्वे शुरू
खकनार ब्लॉक में बीती रात आए आंधी तूफान से कई गांवो की केला फसल प्रभावित हुई है। जिसके चलते खकनार तहसीलदार द्वारा सर्वे के आदेश दे दिए गए। मैदानी अमला खेतो में सर्वे के लिए पहुँच रहा है। खकनार तहसीलदार प्रवीण ओहरिया के अनुसार खकनार, निमंदड़, मोहनगढ़, सावली सहित इस बेल्ट के अन्य कुछ गांवों में केला फसल को नुकसान पहुंचा है। आज ही सर्वे के लिए टीम मौके पर भेज दी गई।
फसल बीमा लागू करने की मांग
किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा जो सहायता राशि मिलती है वह ऊंट के मुंह में जीरा के समान रहती है। हर साल इसी तरह से प्राकृतिक आपदा से केले की फसल बर्बाद हो जाती है। लंबे समय से केला उत्पादक किसान केले पर फसल बीमा लागू करने की मांग कर रहे हैं। केवल फसल बीमा योजना लागू होने से ही प्राकृतिक आपदा में केला किसानों की होने वाले नुकसानी की भरपाई हो सकती है। लेकिन ना जाने क्यों शासन केले पर फसल बीमा योजना लागू नहीं कर रहा है।