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शिकायतों के बाद 4 करोड़ के नाला निर्माण की खुली परतें, इंजीनियरों पर है मिलीभगत का शक
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अधीक्षण यंत्री नगरीय प्रशासन इंदौर ने गठित की समिति
बुरहानपुर। नगर पालिका नेपानगर द्वारा करीब 4 करोड़ की लागत से एक नाले का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए हैं। इंजीनियरों पर भी कहीं न कहीं शक है कि वह ठेकेदार से सांठगांठ किए हुए हैं। इसकी लगातार शिकायतें हो रही थी। सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की गई थी जिसके बाद शुक्रवार को एक जांच टीम नेपानगर पहुंची। हालांकि इंजीनियरों ने कुछ ही देर में जांच पूरी कर ली और छनेरा के लिए रवाना हो गए।
दरअसल जिस नाले का निर्माण हो रहा है वह नगर के 5 वार्डों को जोड़ेगा। इसे लेकर सीएम हेल्पलाइन पर लगातार शिकायत हो रही थी कि काम की गुणवत्ता ठीक नहीं है। तब अधीक्षक यंत्री नगरीय प्रशासन विभाग इंदौर ने एक जांच टीम बनाई। टीम शुक्रवार दोपहर नेपानगर पहुंची और निर्माण स्थल पर जांच कर सैंपल भी एकत्रित किए। टीम द्वारा 15 दिन के अंदर अधीक्षण यंत्री इंदौर को इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
इंदौर अधीक्षण यंत्री ने बनाई जांच टीम
नाला निर्माण में गुणवत्ता ठीक नहीं होने की शिकायत पर अधीक्षण यंत्री इंदौर ने 3 सदस्यीय जांच समिति बनाई। यह समिति कईं बिंदुओं पर जांच करेगी। समिति में एलडी दौराया कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन इंदौर, विशाल मोहे सहायक यंत्री इंदौर, नीरज केशरवानी उपयंत्री नगरीय प्रशासन इंदौर को शामिल किया गया। यह टीम शुक्रवार को नेपानगर पहुंची।
लगातार हो रही थी शिकायतें
नगर पालिका नेपानगर द्वारा एसडीआरएफ योजना के तहत नाला निर्माण कराया जा रहा है। इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए। कुछ लोगों द्वारा इसकी शिकायत 30 मार्च को की थी जिसमें कईं बिंदुओं का उल्लेख किया गया। उसी आधार पर जांच समिति निकाय में उपलब्ध दस्तावेजों का परीक्षण, स्थल निरीक्षण करने पहुंची। गुणवत्ता की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। वहीं टीम ने शुक्रवार को संजीवन क्लिनिक का भी निरीक्षण किया। वार्ड नंबर आठ में गुरूद्वारा के पास बनने वाली पुलिया के लिए भी स्थल निरीक्षण किया।
डिजाइन हो गई थी फेल
खास बात यह है कि इस नाला निर्माण की डिजाइन जब बनी थी तब ही नगरीय प्रशासन विभाग ने उसे गलत बताते हुए फेल कर दिया था। तब भी इंदौर से विभागीय अफसर नेपानगर आए थे और जांच की थी, लेकिन बाद में नाले का काम चालू करा दिया गया था। अगर ऐसा था तो नाले का काम तब क्यों नहीं रोका गया यह भी जांच का विषय है। फिलहाल जो टीम आई थी वह करीब 15 दिनों के भीतर इंदौर अधीक्षण यंत्री को ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।