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आपसी गुटबाजी के कारण भीड़ नहीं जुटा पाई कांग्रेस
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पुलिस ने कलेक्ट्रेट के अंदर ट्रैक्टर, वाहन ले जाने से रोका, जमकर हुई बहसबाजी
बुरहानपुर। प्रदेशभर में शुक्रवार को एक साथ जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस की किसान न्याय यात्रा निकली। इसके तहत बुरहानपुर में किसान, बुनकर यात्रा निकाली गई, लेकिन यह एक तरफ से फ्लाप साबित हुई। क्योंकि इसमें ज्यादा भीड़ ही नजर नहीं आई। न अधिक संख्या में किसान, बुनकर पहुंचे न खुद कांग्रेस के पार्षद। वहीं कलेक्टर कार्यालय के गेट पर वाहनों को रोक दिया गया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं और पुलिस के बीच बहस भी हुई।
दरअसल शुक्रवार सुबह 11 बजे यह यात्रा गुर्जर भवन से निकली। इसमें करीब 50 से 60 की संख्या में ही ट्रैक्टर नजर आए। गुर्जर भवन से निकलकर न्याय यात्रा विभिन्न मार्गों से शनवारा गेट होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची, लेकिन यहां वाहनों को अंदर नहीं जाने दिया गया। इस दौरान कांग्रेस नेता, किसानों ने काफी देर तक नारेबाजी की। कांग्रेस नेताओं, प्रगतिशील किसान संगठन ने मिलकर एडीएम वीरसिंह चौहान को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान वाहन अंदर नहीं लाने की बात पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष रिंकू टाक ने कहा भाजपा डरी हुई है इसलिए वाहनों को पहले ही रोक दिया गया।
सोशल मीडिया पर कमेंट्स के कारण नहीं आए पार्षद
कांग्रेस की गुटबाजी जगजाहिर है। इसी बीच किसी भी कमेंट्स पर विरोध प्रदर्शन होने लगते हैं। पिछले दिनों कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव संजय दत्त बुरहानपुर आए थे तब पार्षदों ने उन्हें न बुलाए जाने पर आपत्ति लेते हुए नारेबाजी कर विरोध जताया था तो वहीं शुक्रवार को कईं कांग्रेस पार्षद कांग्रेस के ही आंदोलन में शामिल नहीं हुए। दरअसल इसकी वजह एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पार्टी के प्रवक्ता की ओर से किया गया कमेंट्स माना जा रहा है। प्रवक्ता ने कमेंट्स किया कि जिला कांग्रेस कमेटी का अपना संगठन है। पार्षद साथ हो या न हो कोई फर्क नहीं पड़ता। जिला कांग्रेस संगठन पार्षदों पर निर्भर नहीं है। इसके बाद अधिकांश पार्षद न्याय यात्रा मे शामिल नहीं हुए। वहीं शहर में करीब 40 हजार पावरलूम हैं। रैली में पावरलूम बुनकरों को भी शामिल किया गय था, लेकिन गिनती के लोग ही पहुंचे।
कांग्रेस नेता बोले- किसान हर तरह परेशान, नहीं मिल रहे उपज के दाम
कांग्रेस नेताओं ने कलेक्टर कार्यालय के सामने नारेबाजी कर विरोध जताया। शहर कांग्रेस अध्यक्ष रिंकू टाक ने कहा- किसानों को उपज के दाम सही नहीं मिल रहे। 2011 में जो भाव सोयाबीन का था आज भी सरकार वही दे रही है। चुनाव में उन्होंने जो घोषणा की थी कि सोयाबीन के दाम 6 हजार रूपए प्रति क्विंटल दिए जाएंगे। गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 प्रति क्विंटल होगा इस पर अमल करे, लेकिन इन बातों पर उनका ध्यान नहीं है। किसान, बुनकर न्याय यात्रा निकाली गई, क्योंकि यहां करीब 40 हजार पावरलूम हैं और सब्सिडी नहीं मिलने सहित कईं समस्याओं से पावरलूम बुनकर परेशान हैं।
शहर की हालत खराब, किसान भी दुःखी
पूर्व विधायक ठा. सुरेंद्र सिंह ने कहा सरकार का विकास की तरफ ध्यान नहीं है। शहर की भी हालत खराब है। जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। दो योजनाओं के काम अधूरे हैं। आज किसान दुःखी है। इसलिए किसान न्याय यात्रा निकाली। बुनकरों की समस्या है। उनका जीवन यापन का साधन पावरलूम है, लेकिन उन्हें न मजदूरी पूरी तरह मिल रही है न ही सब्सिडी। यहां का कपड़ा बाहर जाता है, लेकिन पहले महाराष्ट्र का बिकता है। बुरहानपुर का कपड़ा जल्द नहीं बिकता। कमलनाथ की सरकार के समय बुनकरों के लिए आवास योजना लाई गई थी, लेकिन इस सरकार ने उसे बंद कर दिया। पावरलूम पर सवा दो रूपए प्रति यूनिट बिजली की सब्सिडी की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हमारी मांग है कि यहां का कपड़ा पावरलूम फेडरेशन के माध्यम से खरीदा जाए। इस पर लागू जीएसटी हटाया जाए।
इस दौरान कांग्रेस नेता अजय सिंह रघुवंशी, युवा नेता हर्षित ठाकुर, देवेश्वर सिंह ठाकुर, पूर्व निगम अध्यक्ष गौरी शर्मा, किशोर महाजन, प्रवक्ता निखिल खंडेलवाल, इन्द्रसेन देशमुख सहित अन्य मौजूद रहे।
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