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कलेक्टर भव्या मित्तल से मिले किसान, कलेक्टर ने दिया आश्वासन, अभी 3500 रूपए हेक्टेयर मिल रहे दाम, 4 हजार देने की मांग
बुरहानपुर। अगर गन्ने के दाम नहीं बढ़ाए गए तो किसान गन्ना लगाना बंद कर देंगे। ऐसे में एकमात्र शकर कारखाना बंद हो सकता है। इसलिए किसानों को 3500 की जगह 4 हजार रूपए हेक्टेयर के मान से गन्ने के दाम दिए जाएं।
यह बात जिलेभर के ग्रामीण क्षेत्रों से आए किसानों ने कही। उन्होंने मंगलवार दोपहर कलेक्टर भव्या मित्तल से मुलाकात की और समस्या बताई। दरअसल गन्ने की मूल्यवृद्धि की मांग को लेकर काफी संख्या में किसान मंगलवार दोपहर कलेक्ट्रेट पहुंचे। किसानों ने कहा गन्ने की मूल्यवृद्धि के लिए कलेक्टर से चर्चा के लिए यहां आए हैं। चर्चा के बाद 250 रूपए प्रति हेक्टेयर बढ़ाने का आश्वासन मिला है। वहीं मार्च में कारखाना की स्थिति देखकर बोनस के रूप में किसानों को प्राथमिकता देने का आश्वासन भी दिया गया है ताकि क्षेत्र में गन्ना अधिक से अधिक लगे।
किसान बोले- हमारी मांग 4 हजार रूपए की
किसानों ने कहा हमारी मांग है कि गन्ने का मूल्य प्रति हेक्टेयर 4000 से उपर होना चाहिए, क्योंकि वर्तमान में जो परिस्थिति निर्मित हो रही है उससे गन्ना उत्पादक किसान कम हो रहे हैं। मौसम लगातार दगा दे रहा है। मजदूरी ज्यादा लग रही है। खाद के मूल्य अधिक लग रहे हैं। गन्ने का मूल्य अभी 3500 के आसपास है। 4000 से अधिक मिलेगा तो ही लाभ होगा, नहीं तो हर साल नुकसान होने के कारण गन्ने का रकबा कम हो रहा है और कारखाने का भविष्य खराब होने की संभावना की दृष्टि से हम यहां आए थे कि अगर कारखाने का भविष्य खराब होता है तो इससे काफी नुकसान होगा। क्षेत्र में एक मात्र शकर कारखाना है। 50 हजार परिवार इससे गुजर बसर करते है।
बोले- किसान गन्ना लगाना बंद कर देंगे तो कारखाना बंद हो जाएगा
ग्राम अंधारवाड़ी के किसान विलास पटेल ने कहा- यहां गन्ने के रेट महाराष्ट्र से काफी कम हैं। अगर किसान गन्ना लगाना बंद करते हैं तो यहां का उद्योग बंद हो जाएगा। ट्रक, गन्ना कटाई मजदुूर प्रभावित होंगे। अगर कारखाने ने सही रेट नहीं दिए तो किसान गन्ना लगाना बंद कर देंगे और कारखाना बंद हो जाएगा।
एकमात्र शकर कारखाना झिरी में
गौरतलब है कि क्षेत्र का एकमात्र नवल सिंह सहकारी शकर कारखाना झिरी में है जिससे हजारों की संख्या में किसान जुड़े हैं, लेकिन हमेशा रेट को लेकर समस्या आती है। इस बार भी सीजन के दौर में किसान सामने आए हैं। उनका कहना है कि मंहगाई के हिसाब से ही दाम होना चाहिए। अभी पुराने दाम चल रहे हैं जबकि खाद से लेकर हर चीज की लागत बढ़ गई है। हालांकि कलेक्टर से सकारात्मक चर्चा के बाद किसानों ने हर्ष भी जताया।