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Thursday, November 14, 2024
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मंत्रालय तक पहुंचा रेलवे का लोहा कांड- रेलवे अफसर मांग रहे पूरे मामले की रिपोर्ट

  • बुरहानपुर में पहली बार रेलवे पटरी घोटाला आया सामने, अन्य मंडलों में भी जांच करेगा रेलवे

  • आरोपियों की रिमांड अवधि खत्म होने पर खंडवा रेलवे मजिस्ट्रेट कोर्ट में किया पेश

बुरहानपुर। करीब 42 टन लोहा महाराष्ट्र की एक फर्म को बेचे जाने के मामले की गूंज मंत्रालय दिल्ली तक पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि रेलवे ने इस कांड को गंभीरता से लिया है। यही वजह है कि एक दिन पहले आरपीएफ आईजी अजय सदानी खुद बुरहानपुर पहुंचे थे वहीं अन्य अफसरों की विजिट भी होने की संभावना है। कुछ अफसर जांच करके चले गए हैं। पूरे मामले की रिपोर्ट रेलवे अफसर मांग रहे हैं। अन्य मंडलों में अब बारीकी से जांच की बात सामने आ रही है, हालांकि रेलवे अफसर इसे लेकर खुलकर कुछ नहीं बता रहे हैं। जबकि सोमवार को बुरहानपुर आए रेलवे आईजी इतना संकेत जरूर देकर गए थे कि किसी भी अपराधी को रेलवे बख्शेगा नहीं। जांच अभी भी जारी है।
इधर लोहा कांड के पांचों आरोपियों को मंगलवार को खंडवा रेलवे मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया है। शाम करीब 7.30 बजे तक आरोपियों के मामले में कार्रवाई चलती रही। सभी के बयान दर्ज कर पुख्ता तरीके से केस न्यायायल में पेश किया गया है।
यह है पूरा मामला- मुखबिर की सूचना से जांच नहीं होती नहीं चलता घोटोले का पता
अगर 7 अक्टूबर को गलत तरीके से बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाए बेचे गए 42 टन लोहे की जानकारी मुखबिर से भुसावल की क्राइम ब्रांच को नहीं लगती तो यह मामला अभी भी दबा रहता। दरअसल करीब 42 टन लोहा वाघोड़ा रावेर के रेल लाइन के पास रखा था जो स्क्रेप की श्रेणी में था। इसकी कीमत करीब 12 लाख रूपए से अधिक बताई जा रही है। सीनियर सेक्शन इंजीनियर हरेंद्र कुमार और ट्रैकमैन भरत कुमार ने इसे ट्रकों के माध्यम से लोड कराकर नागपुर की एक फर्म एआर ट्रेडर्स को बेच दिया। सीनियर सेक्शन इंजीनियर सहित ट्रैकमैन और नागपुर की फर्म के अब्दुल रसीद पिता अब्दुल अजीज, शाहनवाज पिता सलीम व राहुल पिता रामनाथ को आरपीएफ ने गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया। पूछताछ के बाद सभी को मंगलवार को खंडवा रेलवे मजिस्ट्र्रेट की कोर्ट में पेश किया गया।
ऐसे हुआ खुलासा-
– 10 अक्टूबर को इसकी सूचना भुसावल रेलवे क्राइम ब्रांच को लगने पर क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर एलके सागर के नेतृत्व में जांच शुरू की गई। 11 अक्टूबर को वेरीफाई हुआ कि रेलवे का लोहा गलत तरीके से बेचा गया है। नियमानुसार इसके लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाती है। आरपीएफ पुलिस नागपुर से लोहा जब्त कर लाई है। आरोपियों की रिमांड अवधि मंगलवार को खत्म हो गई। क्राइम ब्रांच और आरपीएफ ने सारे तथ्य जुटाकर आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। देर शाम तक आरोपियों के मामले में कार्रवाई जारी रही।

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