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मंडी सचिव बोले- स्टॉक करना व्यापारियों का अधिकार, उपमंडी इंस्पेक्टर ने बताया ऐसा कोई प्रावधान नहीं
शुभम पवार की रिपोर्ट
खकनार। जिले की तुकईथड़ उपमंडी में लगभग 20 हजार क्विंटल मक्का का स्टॉक व्यापारियों द्वारा रखा गया है, लेकिन यह स्टॉक कैसे आया और किसकी अनुमति से यहां जमा किया गया, इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
क्या है मामला?
मंडी परिसर में मौजूद मक्का किसानों द्वारा नहीं बेचा गया है, क्योंकि मंडी में किसान या व्यापारियों के बीच कोई सक्रिय लेनदेन होते नहीं देखा गया। मंडी निरीक्षक से जब यह पूछा गया कि मक्का कहां से आया और इसे किसने बेचा, तो वे कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके। किसानों के नामों और सूची की मांग करने पर उन्होंने मंडी सचिव से बात करने की बात कही।
कई व्यापारी बिना लाइसेंस के खरीद रहे अनाज
सूत्रों के अनुसार, यह मक्का उन व्यापारियों का है जिन्होंने बाहर से मक्का खरीदकर यहां रखा है, क्योंकि उनके पास स्टॉक रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। व्यापारियों द्वारा मक्का महीनों तक मंडी में जमा रखा जाता है। क्षेत्र में मक्का, कपास और सोयाबीन की बड़े पैमाने पर खरीदी हो रही है। कई व्यापारी बिना लाइसेंस के अनाज और कपास खरीद रहे हैं और इसे महाराष्ट्र भेज रहे हैं। उपमंडी क्षेत्र में आसपास के गांवों डोइफोडिया, खकनार, तुकईथड़, देड़तलाई में मक्का, कपास और सोयाबीन की खरीदी अधिक मात्रा में हो रही है। किसानों की फसल खरीदने वाले अधिकतम व्यापारियों के पास अनाज या कपास खरीदी करने के लिए लाइसेंस नहीं है। फिर भी व्यापारी बेखौफ अवैध रूप से खरीदी कर रहे है।
ट्रांसपोर्ट में गड़बड़ी:
सूत्र बताते हैं कि जिन ट्रकों से माल महाराष्ट्र भेजा जा रहा है, उनमें से कई ट्रकों का राजस्व जमा नहीं किया गया है। 10 में से केवल 4 ट्रकों का राजस्व भरा जाता है, जबकि बाकी ट्रक बिना अनुमति के रवाना हो रहे हैं।
मंडी प्रांगण में रखने का अधिकार
मंडी सचिव हितेंद्र सिंह सिकरवार ने कहा: “उपमंडी तुकईथड़ में किसानों द्वारा मक्का बेचा जा रहा है, जिससे 75 हजार मक्का खरीदी का राजस्व प्राप्त हुआ है। व्यापारियों को बाहर से खरीदे मक्का को मंडी प्रांगण में रखने का अधिकार है।”
प्रश्न जो उठ रहे हैं:
1. क्या मंडी का उपयोग व्यापारियों द्वारा स्टॉक रखने के लिए किया जा सकता है?
2. बिना लाइसेंस के व्यापारियों की गतिविधियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
3. राजस्व चोरी को लेकर संबंधित विभागों ने क्या कदम उठाए हैं?
मंडी बोर्ड करे सख्त कार्रवाई
यह मामला सिर्फ एक मंडी के प्रबंधन का नहीं, बल्कि अनाज व्यापार में अवैध गतिविधियों और राजस्व हानि का बड़ा मुद्दा है। स्थानीय प्रशासन और मंडी बोर्ड को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि किसानों और राजस्व दोनों के हित सुरक्षित रहें।