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शक्कर कारखाना चुनाव- पूर्व विधायक ‘शेरा’ पर शक्कर कारखाने को करोड़ों की चपत लगाने का आरोप

  • 13 साल बाद हो रहे नवलसिंह सहकारी शक्कर कारखाना चुनाव, आरोप-प्रत्यारोप का चल रहा दौर

  • कारखाना की निवृत्तमान अध्यक्ष ने लगाए थे आरोप, समर्थन में जीतू पटवारी तो सफाई में निवृत्तमान डेलीगेट्स ने रखी बात

  • 6723 में से मात्र 726 शेयर होल्डर किसान ही कर पाएंगे डेलीगेट्स के लिए मतदान

बुरहानपुर। झिरी स्थित नवलसिंह सहकारी शक्कर कारखाना में 13 साल बाद चुनाव हो रहे हैं। खास बात यह है कि यह चुनाव प्रक्रिया राजनीतिक आरोप, प्रत्यारोप के दौर से भी गुजर रही है। दो दिन पहले जहां निवृत्तमान अध्यक्ष ने इसे लेकर आरोप लगाए थे कि 100 नामांकन रिजेक्ट कर सरकार के इशारे पर काम किया जा रहा है और भाजपा शक्कर कारखाना हथियाना चाहती है, तो वहीं इसी विषय पर एक दिन पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने किशोरी देवी शिवकुमार सिंह का समर्थन करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण और भाजपा का षडयंत्र कहा था। अब निवृत्तमान डेलीगेट्स उज्जवल पाटिल, समूह 93 के डेलीगेट्स राहुल जाधव ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा पूर्व विधायक की गलत नीतियों के चलते कारखाने को करोड़ों रूपये की आर्थिक क्षति हुई है।
गौरतलब है कि नवलसिंह सहकारी शक्कर कारखाना में किसानों के 161 समूह डेलीगेट्स हैं जिसमें से 87 समूह पर नाम निर्देशन पत्र सही पाए गए बाकी निरस्त हो गए। इन 87 में से 78 निर्विरोध चुने गए। 9 पर चुनाव 28 फरवरी को होगा।
6723 में से 5997 शेयर होल्डर हो गए अपात्र, नहीं दे सकेंगे वोट
आरोप प्रत्यारोप लगाए जाने का कारण शेयर होल्डर का चुनाव में भाग ना ले पाना भी एक है। दरअसल शक्कर कारखाना में कुल 6723 शेयर होल्डर हैं, लेकिन 5997 अपात्र घोषित हैं इसलिए केवल 726 ही मतदान का अधिकार रखते हैं। दरअसल शकर कारखाना के नियम में है कि निर्वाचन वर्ष के पूर्व लगातार दो साल पहले तक अगर शेयर होल्डर कारखाना को गन्ना प्रदाय करता है तब ही वह चुनाव लड़ने, मतदान करने की पात्रता रखता है, लेकिन 6723 में से मात्र 726 शेयर होल्डर गन्ना देने वाले हैं इसलिए वही इस चुनाव में मतदान कर सकेंगे। यही चुनाव भी लड़ेंगे। इतने सारे नामों के अपात्र होने की वजह यह है कि कईं शेयर होल्डर की मौत के बाद भी उनके परिजनों ने कभी नाम परिवर्तन ही नहीं कराया।
अब तक बैठक करके हो जाता था चयन
शक्कर कारखाना में 13 साल बाद चुनाव की नौबत आई है जबकि अब तक बैठक करके ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का चयन कर लिया जाता था। इससे पहले 2013 में चुनाव हुए थे। दूसरी बार प्रक्रिया 2017 में होनी थी, लेकिन निवृत्तमान अध्यक्ष किशोरी देवी शिवकुमार सिंह स्टे ले आई थीं तब से यह मामला कोर्ट में चल रहा था। अब जाकर चुनाव हो रहे हैं।
ऐसे होगी चुनावी प्रक्रिया
78 डेलीगेट्स निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। 9 पर चुनाव 28 फरवरी को होगा इसके बाद जो कुल 87 डेलीगेट्स निर्वाचित होंगे वह 10 संचालक मंडल सदस्यों का चुनाव करेंगे। इसकी तारीख बाद में आएगी। 10 संचालक आपस में मिलकर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का चयन करेंगे। अध्यक्ष पद दावेदार के लिए राहुल पिंटु जाधव का नाम प्रमुख है।
मां बेटे डेलीगेट्स चुनाव में आमने सामने
शक्कर कारखाना चुनाव में जहां आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है तो वहीं एक मामला मां-बेटे के आमने सामने चुनाव में खड़े होने का भी है। दरअसल डेलीगेट्स चुनाव में 17 नंबर के समूह में मां बेटे चुनाव में खड़े हैं। इसमें तारीका विरेंद्र सिंह के सामने उनका बेटा आदित्यवीर विरेंद्र सिंह ठाकुर मैदान में है। बेटे को पुष्प, मां को बैल चुनाव चिन्ह मिला है। दोनों में से कोई एक डेलीगेट्स बनेगा। दोनों ने ही अपना नामांकन वापस नहीं लिया।
और इधर……।
किसानों को इमोशनल अब नहीं किया जा सकता -पाटील 
– भाजपा के कारखाना हथियाने वाले बयान पर पलटवार
दो दिन पहले निवृत्तमान अध्यक्ष किशोर देवी शिवकुमार सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया थ कि भाजपा चुनाव में हस्तक्षेप कर रही है। शक्कर कारखाना हथियाना चाह रही है। भाजपा नेता सरकार का लाभ ले रहे हैं। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का ट्विट भी सामने आया था। वहीं मंगलवार दोपहर इसका जवाब निवृत्तमान डेलीगेट्स उज्जवल पाटिल ने दिया। उन्होंने कहा चुनाव अधिकारी ने नियमानुसार निर्णय लेकर प्रक्रिया की। अपात्रों को रिजेक्ट किया गया। वह एक दूसरे के सामने ही चुनाव लड़ रहे हैं। आपसी विचारधारा ही नहीं मिल रही तो शक्कर कारखाना क्या चलाएंगे। किसानों को इमोशनल अब नहीं किया जा सकता। वहीं समूह 93 से डेलीगेट्स राहुल पिंटु जाधव ने कहा- इस तरह के आरोप कभी नहीं लगे। अब सत्ता के दुरूपयोग के आरोप लगाए जा रहे है। हमने कई आपत्ति ली, लेकिन एक भी आपत्ति नहीं मानी गई। अगर सत्ता का दुरूपयोग करते तो आपत्ति मान्य होती। वहीं पूर्व विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह पर भी कारखाना में हस्तक्षेप करने, इंजीनियर कॉलेज के नाम पर करोड़ों रूपए के नुकसान आदि को लेकर आरोप भी लगाए गए हैं।
पूर्व विधायक शेरा पर गंभीर आरोप
स्थानीय किसानों का आरोप है कि पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह ने नवलसिंह शक्कर कारखाने में वित्तीय अनियमितताएं की हैं, जिससे कारखाने की स्थिति दयनीय हो गई है। किसानों का कहना है कि कारखाने से जुड़ी योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि कारखाने से जुड़े भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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