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पत्रकार वार्ता में खुद पार्टी की गुटबाजी की बात का जवाब देने से परहेज करते रहे नेता
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कहा, न प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ हट रहे न ही जिलाध्यक्ष रिंकू टाक
बुरहानपुर। विधानसभा चुनाव में हार का ठिकरा कांग्रेसियों ने इस बार एआईएमआईएम के सिर फोड़ा है। वहीं नेता खुद आपसी गुटबाजी, खींचतान को लेकर कुछ भी कहने से बचते रहे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी का टिकट फाइनल होते ही कांग्रेस संगठन में अफरा तफरी का माहौल मच गया था। पहली बार ऐसा हुआ था कि किसी प्रत्याशी का नाम घोषित होने के बाद संगठन के लोगों ने ही उसका पुतला दहन किया हो। यही स्थिति नेपानगर विधानसभा में भी थी। अब कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा चुनाव हारने की जिम्मेदारी ली।
साथ ही कांग्रेस नेताओं ने आरोप भी लगाए कि कांग्रेस भाजपा से चुनाव नहीं हारी, बल्कि एआईएमआईएम के कारण कांग्रेस के वोट कटे हैं। जिला प्रवक्ता निखिल खंडेलवाल, शेख रूस्तम ने कहा न तो प्रदेश स्तर पर कोई बदलाव हो रहा है न जिला स्तर पर अध्यक्ष बदला जा रहा है। यह सब सोशल मीडिया पर चल रही महज अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा. कमलनाथ प्रदेश की तस्वीर बदलना चाहते थे। शांति, समृद्धि, रोजगार, भ्रष्टाचारमुक्त करना चाहते थे। जनता को कोरे वादे नहीं चाहिएए लेकिन लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने समर्पित होकर काम किया। सोशल मीडिया पर कमलनाथ के इस्तीफे को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा हैए लेनिक न तो कमलनाथ इस्तीफा दे रहे है न ही बुरहानपुर जिलाध्यक्ष हट रहे हैं। हां हम अपनी हार को स्वीकार करते हैं। कमलनाथ ने भी पार्टी आलाकमान को अवगत कराया है। उन्होंने सैकड़ों रैलियां कीए लेकिन जनता भाजपा के झूठे वादों में आ गई। हम हमारी बात आम वोटर तक पहुंचाने में पिछड़ गए। भाजपा हारी हुई थी, लेकिन अपनी हार को जीत में बदलने के लिए उन्होंने बी. टीम खड़ी की। पिछले सालों की तुलना में बुरहानपुर में भी कांग्रेस का वोटिंग पर्सेंटेज बढ़ा है। कांग्रेस विकास की राजनीति करती है। इस दौरान कांग्रेस नेता सलीम कॉटनवाला, राजेश भगत, आशीष भगत, सिध्दार्थ व्यास, दिलीप तायडे, सरिता भगत सहित अन्य मौजूद थे।