18.8 C
Burhānpur
Thursday, November 14, 2024
18.8 C
Burhānpur
Homeराजनीतिकांग्रेस द्वारा निजी राजनीतिक स्वार्थ के लिए संवैधानिक संस्थाओं का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण
Burhānpur
clear sky
18.8 ° C
18.8 °
18.8 °
55 %
0.6kmh
0 %
Thu
31 °
Fri
32 °
Sat
32 °
Sun
32 °
Mon
31 °
spot_img

कांग्रेस द्वारा निजी राजनीतिक स्वार्थ के लिए संवैधानिक संस्थाओं का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण

  • कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के ईवीएम संबंधी वक्तव्य पर प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा का बयान

  • ईवीएम तो सिर्फ बहाना है, गांधी परिवार को बचाना है

  • कांग्रेस जब जीते तो ईवीएम ठीक, हारे तो ईवीएम हैक

  • 10 जनपथ के रोजनामचे में अपना नाम बनाए रखने के लिए स्वांग रचते हैं दिग्विजय सिंह

  • लोकसभा चुनाव में प्रत्याशित हार के बहाने अभी से तलाशने लगे दिग्विजय सिंह

भोपाल। कांग्रेस पार्टी और उसके नेता अपने नेतृत्व की नाकामी छुपाने के लिए हर बार चुनावी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ते रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रोन्मुखी नीतियों के प्रति देश में जो लहर दिखाई दे रही है, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की करारी हार होने वाली है। इसलिए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस हार के लिए बहानों की तलाश अभी से शुरू कर दी है, क्योंकि वे अपने नकारा नेतृत्व और गांधी परिवार को हार के कलंक से बचाना चाहते हैं। सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी की रीति-नीति के साथ पूरा देश खड़ा है तथा राष्ट्रविरोधी, धर्मविरोधी, महिला विरोधी और गरीब विरोधी कांग्रेस को जनता ने लोकसभा चुनाव में सबक सिखाने का मन बना लिया है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा जी ने ईवीएम को लेकर दिग्विजय सिंह के बयान को दुष्प्रचार का हथकंडा बताते हुए कही।
चुनाव आयोग के सामने क्यों नहीं किया हैकिंग का प्रदर्शन?
प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस और दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं की हमेशा यह कोशिश रही है कि ईवीएम के नाम पर मतदाताओं को गुमराह किया जाता रहे, भड़काया जाता रहे और हमेशा अपनी राजनीतिक असफलता का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा जाता रहे। उन्होंने कहा कि आज जो दिग्विजय सिंह यह रोना रो रहे हैं कि चुनाव आयोग ईवीएम को लेकर उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है, उन्हें मिलने का समय नहीं दिया जा रहा है, वो उस समय कहां थे, जब चुनाव आयोग ने उन्हें ईवीएम हैक करके दिखाने की चुनौती दी थी? तब उन्होंने क्यों नहीं आयोग के दफ्तर में ईवीएम को हैक करके दिखाया? दिग्विजय सिंह यह अच्छे से जानते थे कि अगर वो चुनाव आयोग के इस चैलेंज को स्वीकार करते हैं, तो उनके झूठ का भांडा फूट जाएगा और फिर कभी वो जनता को गुमराह करने के लिए ईवीएम की आड़ नहीं ले सकेंगे। श्री शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह आखिर यह बात क्यों भूल जाते हैं कि ईवीएम कांग्रेस की ही देन है तथा कांग्रेस सरकार के समय ही 2003 के चुनाव में लाई गई थी, तब सोनिया सेना ने 2004 के चुनाव ईवीएम के द्वारा ही कराए थे, जिसमें यूपीए गठबंधन ने जीत दर्ज की थी। तब दिग्विजय सिंह को ईवीएम में खोट क्यों नजर नहीं आई? 2009 में कैसे यूपीए गठबंधन द्वारा ईवीएम हैक कर ली गई थी, इसका जिक्र दिग्विजय सिंह क्यों नहीं करते?
क्या कांग्रेस ने ईवीएम हैक करके जीता कर्नाटक, हिमाचल और तेलंगाना का चुनाव?
विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल हमेशा ईवीएम को उसी समय कोसते हैं, जब चुनाव में वे हार जाते हैं। जब वो जीतते हैं, उस समय ईवीएम की चर्चा नहीं करते। उन्होंने कहा कि यह कितना हास्यास्पद है कि इन दलों और नेताओं के लिए इनकी जीत इनकी पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों की जीत होती है, जबकि भारतीय जनता पार्टी की जीत ईवीएम की जीत होती है। श्री शर्मा ने कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में कांग्रेस को जीत मिली है, क्या दिग्विजय सिंह कांग्रेस की इस जीत को भी ईवीएम की जीत मानते हैं? दिग्विजय सिंह ने उस समय ईवीएम को दोष क्यों नहीं दिया, जब कांग्रेस ने तीन राज्यों के चुनाव जीते थे।
राजनीतिक स्वार्थ के लिए संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करती रही है कांग्रेस
प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि देश के संविधान और संवैधानिक संस्थाओं के प्रति कांग्रेस की कोई आस्था नहीं है। उनके नेता खुलेआम सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों और देश की संसद में पास किए गए प्रस्तावों का मखौल उड़ाते रहे हैं। चुनाव आयोग हो, सीबीआई हो, ईडी हो या अन्य कोई संवैधानिक संस्था, सभी पर संदेह जताना और सभी का अपमान करना कांग्रेस के नेताओं की आदत रही है। श्री शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह जिस 2014 लोकसभा चुनाव में भी ईवीएम हैक करने का आरोप लगा रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि उस समय देश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली डॉ. मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार ही थी। क्या तब भी चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी के दबाव में काम कर रहा था?
सच को स्वीकार करना सीखें दिग्विजय सिंह
श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उनके नेता अपने भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और परिवारवाद के एजेंडे के चलते देश की जनता से पूरी तरह कट चुके हैं। देश को आगे बढ़ाने, सशक्त बनाने के लिए न तो उनके पास कोई कार्यक्रम है और न नीतियां हैं। यही वजह है कि देश की जनता लगातार उन्हें नकार रही हैं। दूसरी ओर अगर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, श्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी आत्म विश्वास से भरे हुए हैं, तो उसकी वजह यह है कि भाजपा ने अपनी नीतियों से, अपने कामों से जनता के हृदय को छू लिया है, जनता का विश्वास जीत लिया है। इसीलिए जनता भी भारतीय जनता पार्टी को लगातार अपना आशीर्वाद दे रही है। हालांकि कांग्रेस नेताओं को यह अजीब लग सकता है, क्योंकि उनके हिसाब से तो चुनाव धनबल, बाहुबल और गड़बड़ियों के सहारे ही जीते गए हैं।
प्रासंगिक बने रहने की लड़ाई लड़ रहे दिग्विजय सिंह
श्री शर्मा ने कहा कि 15 महीने की कमलनाथ सरकार के समय कांग्रेस के मंत्री ही दिग्विजय सिंह पर सबसे बड़ा माफिया होने के आरोप लगा चुके हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस में जो बदलाव हुए हैं, उनसे दिग्विजय सिंह कांग्रेस में हाशिए पर चले गए हैं। कांग्रेस का नया नेतृत्व उनकी ऊंगली पकड़कर चलने को तैयार नहीं है। दूसरी तरफ जनता में उनकी विश्वसनीयता भी खत्म हो चुकी है। स्वयं दिग्विजय सिंह यह कहते हैं कि जनता तो क्या, उनकी पार्टी भी उनकी बातों पर जरा देर से ही विश्वास करती है। ऐसे में दिग्विजय सिंह के राजनीतिक भविष्य के सामने सवालिया निशान लग गया है। उन्हें लगने लगा है कि अगर अपना वजूद बचाना है, तो कोई न कोई बखेड़ा खड़ा करना होगा ताकि वे मीडिया की सुर्खियों में रहें और उनका राजनीतिक कद बढ़े।

spot_img
spot_img
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img