-
बागियों ने कल नाम वापसी नहीं की तो शाम तक हो सकती है कार्रवाई
-
भाजपा ने सूची तैयार की, कांग्रेस में भी समझाईश का दौर, थोकबंद तरीके से होगी कार्रवाई
बुरहानपुर। विधानसभा चुनाव के लिए 21 से 30 अक्टूबर तक नामांक जमा हुए। 31 अक्टूबर को नामांकन की समीक्षा हुई। 2 नवंबर को नाम वापसी की आखिरी तारीख है। इससे पहले भाजपा, कांग्रेस अपनी अपनी पार्टियों के बागी नेता, कार्यकर्ताओं को मनाने में जुटी है। अब केवल 2 नवंबर को नाम वापसी की समयावधि खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है। इसके तुरंत बाद थोकबंद तरीके से दोनों ही पार्टियों में कार्रवाई की लहर चल सकती है।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल व जिलाध्यक्ष मनोज लधवे ने बागियों को समझाईश दी। मान मनौव्वल की गई है जो नहीं माने। उनकी एक सूची तैयार कर संगठन को भेज दी गई है। तो वहीं कांग्रेस द्वारा अभी समझाईश दी जा रही है कि बागी वापस लौटे और संगठन का काम करें। अब दोनों ही पार्टियों द्वारा कार्रवाई की तैयारी भी की जा रही है।
निर्दलीय प्रत्याशी के साथ नजर आ रहे भाजपा के बड़े नेता, हो सकती है कार्रवाई
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहे दिवंगत सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। सोमवार को उन्होंने शहर में रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन भी किया था। उनके साथ कईं भाजपा नेता देखे गए जिनमें बड़े नाम पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष विजय गुप्ता, पूर्व नगर निगम अध्यक्ष मनोज तारवाला का है। साथ ही अन्य नेता और कार्यकर्ता भी नजर आए है। इसे भाजपा पार्टी संगठन ने गंभीरता से लिया है। उनके साथ घूम रहे नेताओं की सूची तैयार कर संगठन को भेज दी गई है। अब नाम वापसी की तारीख का इंतजार है। 2 नवंबर को नाम वापसी की आखिरी तारीख है। इसके बाद संगठन की अनुशासन समिति नोटिस जारी कर आगे की कार्रवाई करेगी। वहीं अभी कांग्रेस ने सूची हाईकमान को नहीं भेजी है। पार्टी नेताओं का कहना है कि हम बागियों को समझा रहे हैं। अगर 2 नवंबर तक वह संगठन के साथ आकर खड़े होते हैं तो ठीक नहीं तो कार्रवाई होना तय है।
अनुशासन समिति तय करती है कार्रवाई
इसे लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे ने कहा भाजपा की एक अनुशासन समिति बनती है। समिति ने पूर्व में नगर निगम आदि चुनावों में भी बागियों पर कार्रवाई की थी। 2 नवंबर नाम वापसी का आखिरी दिन है। यह समय पूरा हो जाएगा इसके बाद भी यदि कोई पार्टी पदाधिकारी पार्टी के खिलाफ काम करता हुआ दिखता है तो पार्टी की अनुशासन समिति को नाम जाएंगे। वहां से नोटिस जारी होते है। फिलहाल एक सूची बन गई है जो पार्टी को भेजी भी जा चुकी है।
पहले समझा रहे, नहीं माने तो कार्रवाई तय
शहर कांग्रेस अध्यक्ष रिंकू टाक ने कहा- हम लोग एक बार सभी को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि वह पार्टी के साथ आकर खड़े हों और काम करें। हमारी लिस्ट अभी हाईकमान को गई नहीं है। 2 नवंबर नाम वापसी तक स्थिति देखी जा रही है। एक मंच पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। अगर फिर भी कोई नहीं मानता है तो इसके बाद तो अनुशासनहीनता की कार्रवाई होना तय है।
नेपानगर विधानसभा में असंतुष्ट नेताओं, बागी ने बढ़ाई कांग्रेस भाजपा की मुश्किलें
इधर, नेपानगर विधानसभा में कांग्रेस भाजपा की मुश्किलें खुद उन्हीं की पार्टी के बागियों और असंतुष्टों नेताओं ने बढ़ा दी है। दरअसल नेपानगर विधानसभा से भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी मंजू दादू है, लेकिन यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के बतौर भाजपा के जिला महामंत्री रतिलाल चिलात्रे चुनाव में खड़े हो गए हैं। बुधवार को उन्होंने अपना नामांकन वापस नहीं लिया। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी गेंदु बाई का एक बड़ा धड़ा विरोध कर रहा है जो चुनाव प्रचार से भी दूरी बनाए हुए है। ऐसे में चुनाव किस मोड़ पर जाएगा यह तय नहीं है, क्योंकि कईं आदिवासी उम्मीदवार और भी मैदान में हैं।
…….