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मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतार सकते है निष्ठावान कांग्रेस के नाम से बना एक नया समूह
बुरहानपुर। बुरहानपुर विधानसभा से कांग्रेस ने निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन इससे कांग्रेस का बड़ा धड़ा नाराज है। आलम यह है कि अब कुछ कांग्रेसियों ने मिलकर निष्ठावान कांग्रेस बनाई है। बताया जा रहा है कि इसमें कईं कांग्रेस नेता शामिल हैं। साथ ही वह 23 पार्षद भी शामिल हैं जिन्होंने ठाकुर सुरेंद्र सिंह का टिकट फाइनल होने के बाद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। पिछले दिनों भोपाल भी होकर आए थे, लेकिन पार्टी नेताओं ने दो तीन दिन में विचार करने की बात कहते हुए सभी को टरका दिया था। अब कहीं भी ऐसा नहीं लग रहा है कि कांग्रेस बुरहानपुर विधानसभा का टिकट बदलेगी इसलिए निष्ठावान कांग्रेस उभरकर सामने आई है। जो कहीं न कहीं कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाएगी और किसी मुस्लिम उम्मीदवार को भी मैदान में उतारा जा सकता है।
बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने निष्ठावान कांग्रेस बनाई है। उसमें एक प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रदेश महासचिव और पार्षद दल शामिल है। कुल मिलाकर बुरहानपुर विधानसभा का चुनाव बहुत दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि इधर भाजपा में भी बगावत है। 2 बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रह चुके स्व. नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे के हर्षवर्धन सिंह चौहान निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ेंगे। एक दो दिन में वह नामांकन भी जमा कर देंगे। उनका कहना है कि जनता के आदेश पर यह चुनाव लड़ने वाला हूं। जो मालिक कहेगा वह सेवक करेगा।
भाजपा ही भाजपा तो कांग्रेस में कांग्रेस के कटेंगे वोट
नगर में चर्चा है कि इस बार चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। भाजपा बगावत होने से भाजपा ही भाजपा के वोट काटेगी तो वही कांग्रेसी, कांग्रेस को हराने में पीछे नहीं रहेंगे। भाजपा ने पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस को टिकट दिया है। इसके बाद दावेदारी जता रहे हर्षवर्धन निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले हैं। कांग्रेस ने सुरेंद्र सिंह को टिकट दिया, लेकिन कांग्रेसी इसका लगातार विरोध कर रहे हैं।
नेपानगर विधानसभा में भी विरोध जारी
नेपानगर विधानसभा में कांग्रेस ने गेंदु बाई को टिकट दिया है। पहले दिन से ही गेंदु बाई का लगातार विरोध हो रहा है। हर गांव में पुतला दहन किया गया तो वहीं भाजपा ने मंजू दादू को उम्मीदवार बनाया है। मंजू का किसी ने खुलकर विरोध तो नहीं किया, लेकिन कहा जा रहा है कि बैठकों का एक दौर चल रहा है और जिन लोगों ने दावेदारी कर रखी थी उन्हें टिकट नहीं मिला इसलिए भीतरघातक की भी संभावना है।
दोनों विधानसभाओं में टिकट बदलना मुश्किल
बताया जा रहा है कि विरोध को लेकर भाजपा-कांग्रेस दोनों ही संगठनों में नेता सख्त हैं, क्योंकि अगर विरोध के चलते टिकट बदले गए तो इसका असर आने वाले समय में भी देखने को मिलेगा और आगे चलकर विरोध की राजनीति अधिक होने लगेगी। इसलिए फिलहाल दोनों विधानसभाओं से टिकट बदलने की संभावना कम ही नजर आ रही है।
और इधर…..।
बुरहानपुर विधानसभा में कांग्रेस-भाजपा के प्रत्याशियों का जनसंपर्क लगातार जारी है। इसी बीच निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए तैयार पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान भी लगातार लोगों से मिल रहे हैं। मंगलवार रात वह गृह ग्राम शाहपुर पहुंचे तो एक बुजुर्ग ने उनसे कहा- अगर उपर से दबाव आया तो फॉर्म उठेगा तो नहीं। इस पर हर्षवर्धन ने कहा-फॉर्म चुनाव लड़ने के लिए भर रहा हूं उठाने के लिए नहीं। एक बार फॉर्म भर दिया तो फिर हेलीकाप्टर आए या और कोई पीछे हटने वाला नहीं।
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