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लोकसभा चुनाव में बलि का बकरा चर्चा में- सांसद ने होली मिलन समारोह में दिया था बयान, कांग्रेस प्रत्याशी ने किया पलटवार
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बोले सांसद रहते हुए इस तरह की बात शोभा नहीं देती
बुरहानपुर। लोकसभा चुनाव में बलि का बकरा चर्चा में है। दरअसल पिछले दिनों भाजपा के होली मिलन और कार्यकर्ता सम्मेलन में सांसद व भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल ने एक बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस अब तक किसी प्रत्याशी का नाम तय नहीं कर पा रही है। कांग्रेस को बलि का बकरा नहीं मिल रहा है। जितने उम्मीदवार हैं वह चुनाव लड़ना नहीं चाहते। इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है।
कांग्रेस ने शनिवार को खंडवा संसदीय सीट से सनावद के नरेंद्र पटेल को अपना उम्मीदवार घोषित किया। नाम घोषित होने के बाद वह सबसे पहले बुरहानपुर आए। रात करीब 9 बजे वह पूर्व विधायक हमीद काजी, पूर्व विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह से मिलने पहुंचे। इसके बाद प्रेस से चर्चा में बलि बकरा वाले बयान पर कहा- बलि का बकरा कौन है यह मतदाता तय करेंगे। सांसद रहते हुए ज्ञानेश्वर पाटिल को इस तरह की भाषा शोभा नहीं देती।
बोले-कांग्रेस ने विकास करके दिखाया
नरेंद्र पटेल ने कहा- कांग्रेस ने विकास करके दिखाया है। निमाड़ में चाहे अरुण यादव हो या ताराचंद पटेल, राजनारायण सिंह या कालीचरण सकरगाये सभी ने विकास किया। अब तक कांग्रेस के छह सांसद रहे। इसमें अरुण यादव ने बुरहानपुर की ताप्ती मिल, नेपानगर की नेपा मिल को जिंदा किया था। खंडवा और खरगोन में एनटीपीसी का कारखाना लाए। भाजपाई बताएं कि उन्होंने निमाड़ का क्या विकास किया। बलि का बकरा कौन है यह चुनाव में जनता बताएगी। एक सांसद रहते हुए इस तरह की बात कहना उचित नहीं।
कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की
कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र पटेल ने पूर्व विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा भैया, पूर्व विधायक हमीद काजी, महिला नेत्री हर्षराज देवड़ा, कांग्रेस शहर कांग्रेस अध्यक्ष रिंकू टांक सहित अन्य नेता और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की है। साथ ही कहा कोई गुटबाजी नहीं है। पार्टी ने सभी से विचार कर मेरे नाम पर सहमति दी है। हमारी सरकार बनी और मौका मिला तो मिलकर विकास करके दिखाएंगे। किसानों का कर्ज माफ करने का प्रयास करेंगे। युवाओं को रोजगार देंगे। साथ ही उन्होंने कहा जब मैं यहां आया तो सभी ने मेरा जमकर स्वागत किया। मुझे तो कहीं गुटबाजी जैसी बात नजर नहीं आई।
टिकट दिलाने में अरूण यादव की चली, संगठन एकजुट नहीं
कांग्रेस नेता लगातार कह रहे हैं कि हम एकजुट हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस नेताओं में कईं फाड़ हो गए थे। कईं नेता अब तक पार्टी से निलंबित हैं। उनकी घर वापसी भी अब तक नहीं हुई है। अरूण यादव अपने समर्थक को टिकट दिलाने में सफल तो हो गए, लेकिन संगठन को एकजुट नहीं कर पा रहे हैं। इधर भाजपा में तैयारियों का दौर जारी है। इस बार भी चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा जा रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस में ढूंढने से भी उम्मीदवार नहीं मिल रहे थे।
पूर्व जिलाध्यक्ष से बनाई दूरी
खंडवा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद बुरहानपुर पहुंचे नरेन्द्र पटेल ने जिले के कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की। किन्तु अरुण यादव के कट्टर समर्थक एवं पूर्व जिलाध्यक्ष अजय सिंह रघुवंशी से मुलाकात नहीं करना चर्चा का विषय बन गया। कांग्रेस प्रत्याशी नरेन्द्र पटेल का पूर्व जिलाध्यक्ष से दूरी बनाना कई सवालों को जन्म दे रहा है। हालाँकि नरेंद्र पटेल को कई गुटों में बटी कांग्रेस को एकजुट करना बड़ी चुनौती होंगी।