बुरहानपुर। शहर के ऑल इज वेल हॉस्पिटल ने चिकित्सा जगत में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। पहली बार, अस्पताल में थ्रोम्बोलायसिस मशीन और अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके एक जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। यह ऑपरेशन इंडोवैस्कुलर सर्जरी और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी तकनीक की मदद से किया गया, जिसमें एक मरीज के पैरों की रक्तवाहिनियों में जमे खून के थक्कों को हटाकर रक्त प्रवाह को पुनः चालू किया गया।
मरीज की समस्या और संघर्ष
मरीज 42 वर्षीय व्यक्ति, नेपानगर निवासी के दोनों पैरों में लगातार दर्द, ठंडे पड़ना, खड़े होकर काम करने और चलने-फिरने में असमर्थता। रातों में दर्द के कारण नींद न आना। मरीज ने भुसावल, जलगांव, और नाशिक के डॉक्टरों से उपचार कराया, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। उनकी स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि पैर काटने की नौबत आ गई थी।
ऑपरेशन की विशेषताएं
ऑपरेशन का नेतृत्व डॉ. मंगेश प्रकाश तरटे और उनकी कैथलैब टीम ने किया। थ्रोम्बोलायसिस मशीन और इंडोवैस्कुलर सर्जरी का उपयोग किया गया। रक्तवाहिनियों की गहन जांच की गई। खून के थक्कों (थ्रोम्बस) को पिघलाकर और बाहर निकालकर रक्त वाहिनियों को खोला गया। बंद रक्त प्रवाह को पुनः चालू किया गया। मरीज का स्वास्थ्य तेजी से सुधरा हुआ। ऑपरेशन के दो दिन बाद ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। पैरों को काटने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
आयुष्मान भारत योजना का योगदान
इस ऑपरेशन को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त में किया गया। अस्पताल के डायरेक्टर कबीर चौकसे और देवांशी चौकसे ने डॉक्टरों और उनकी टीम को बधाई दी और इस सफलता पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है।