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रविवार को भाजपा कार्यकर्ता महाकुंभ भोपाल हेतु स्पेशल ट्रेन से होंगे रवाना
बुरहानपुर। भारतीय जनता पार्टी के पितृ पुरुष पंडित दीनदयाल जी की जयंती पर भोपाल में कार्यकर्ता महाकुंभ का आयोजन किया गया है। महाकुम्भ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का मार्गदर्शन हम सभी को प्राप्त होगा। इस ओजस्वी पल के साक्षी हम सभी बुरहानपुर जिले के कार्यकर्ता बनेंगे। भाजपा जिला अध्यक्ष श्री मनोज लधवे ने बताया कि रविवार 24 सितंबर की रात 10 बजे बुरहानपुर जिले से भोपाल हेतु विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई है। इसी ट्रेन से हम सभी कार्यकर्ता भोपाल हेतु रवाना होंगे। ग्रामीण अंचलों के कार्यकर्ताओं के लिए बस की व्यवस्था भी की गई है। यह ट्रेन आरक्षित श्रेणी की ब्यवस्था से युक्त होगी। जो बुरहानपुर स्टेशन से रात 10 बजे भोपाल के लिए प्रस्थान करेगी जो सुबह भोपाल पहुचेंगी। जिले के 650 मतदान केंद्रों के कार्यकर्ता/पदाधिकारी इस सर्व सुविधा युक्त ट्रेन से भोपाल जाएंगे।
जिला मीडिया प्रभारी निलेश जूनागढ़े ने बताया कि महाकुंभ भोपाल जाने वाले जिला, मंडल, प्रकोष्ठ, मोर्चा, बूथ पदाधिकारियो सहित जिले के सभी 650 बूथों से चलने वाले कार्यकर्ता ट्रेन के निर्धारित समय से 1 घंटा पूर्व बुरहानपुर रेलवे स्टेशन पहुचे और अपनी सीट सुनिश्चित करें। जिस आशय का चिंतन महाकुंभ हेतु नियुक्त मंडल प्रभारी/सह प्रभारी करेंगे। इस महाकुंभ में पूरे प्रदेश से 10 लाख कार्यकर्ताओं के पहुचने का अनुमान है। कार्यकर्ता महाकुंभ में मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले के हर एक मंडल से भाजपा कार्यकर्ता आएंगे। कार्यकर्ता महाकुंभ हेतु प्रभारी- सहप्रभारी घोषित कर दिए गए थे।इनके अलावा अन्य दायित्ववान कार्यकर्ताओं को भी इस पुनीत कार्य का भार सौंपा गया है।
भाजपा जिला अध्यक्ष श्री लधवे ने कहा भारतीय जनता पार्टी सिद्धांतों और आदर्शों पर आधारित राजनीतिक दल है। यह किसी परिवार की पार्टी नहीं है। भाजपा समाज को जोड़ने वाला सूत्र है। भारत के सांस्कृतिक मूल्य, हमारी निष्ठाएं और भारत के परम वैभव को प्राप्त करने का संकल्प और साथ ही यह आत्मविश्वास कि अपने पुरुषार्थ से हम इन्हें प्राप्त करेंगे। आज भाजपा विशाल वट वृक्ष का रूप ले चुकी है। जिसके पीछे हमारे पितृ कार्यकर्ताओ की कठिन साधना निहित है। हर परिस्थितियों से जूझते हुए राष्ट्र हितार्थ मनोभाव से युक्त राष्ट्र की एकता अखंडता के लिए जन संघ से भाजपा तक के सफर में कार्यकर्ताओं ने बलिदान दिया। जिसके जीवंत प्रमाण विद्यमान है।