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संगठन ने कहा- सलाई, धावड़ा गोंद पर प्रतिबंध हटाने से मिल रहा रोजगार
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कुछ लोगों के द्वारा शिकायत करने से आ रही परेशानी
बुरहानपुर। जयस संगठन की ओर से मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर राजेश पाटीदार को एक ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें जितेन्द्र रावताले पिता नंदलाल रावताले निवासी बुधवारा बुरहानपुर और शौकत अली पिता अकबर अली निवासी ग्राम जम्बुपानी के द्वारा सलाई गोंद, धावड़ा गोंद केमिकल डालकर निकालने की आदिवासी मजदूरो के खिलाफ झूठी शिकायत किए जाने पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई।
जयस संगठन ब्लॉक अध्यक्ष विजय मोरे ने कहा जितेन्द्र रावतोले, शौकत अली पर कार्रवाई हो। उन्होंने कहा शासन द्वारा आदिवासियों को रोजगार देने के उद्देश्य से बुरहानपुर जिला खण्डवा जिला और देवास जिला इन जिलों को सलाई गोंद धावड़ा गोंद निकालने के लिए प्रतिबंध हटाकर फ्री किया है जिससे हम आदिवासियों को रोजगार मिल सके। अगर यह रोगजार बंद हो जाएगा तो हम आदिवासियो को बच्चो का पालन पोषण करने के लिए बाहर काम करने के लिये जाना पड़ता है। जब से शासन ने धावड़ा गोंद सलाई गोंद बुरहानपुर जिले में फ्री किया है तब से हम आदिवासियो को रोजगार मिला है। पिछले वर्ष भी पन्द्रह हजार आदिवासियो को रोजगार मिला जिससे हमारे बच्चों की पढ़ाई लिखाई, शादी ब्याह में हमे आसानी हुई है।
आदिवासी मजदूरों को बदनाम करने का प्रयास
बुरहानपुर जिले से लगा हुआ खण्डवा जिला, देवास जिला, इंदौर, महाराष्ट्र का जलगांव जिला जिसके तहत पाल, रावेर, मोरवाल, चोपड़ा, फैजपुर कईं सालो से महाराष्ट्र सलाई गोंद, घावड़ा गोंद निकालने के लिए प्रतिबंद हटाकर फ्री कर रखा है। वहां के रहने वाले आदिवासियो को भी अच्छी तरह से रोजगार मिल रहा है।
जितेन्द्र रावतोले द्वारा स्वंय मुंह पर कपड़ा बांधकर पेड़ में केमिकल डालते हुए पिछले वर्ष वाइस न्यूज व अखबार में प्रकाशित किया गया था ताकि आदिवासी मजदूरों को बदनाम कर सके और हमारे आदिवासी मजदुरो का रोजगार बंद कर सकें।
आरोप निराधार, हमारी शिकायत व्यापारियों पर कार्रवाई की
वहीं इसे लेकर जितेंद्र रावतोले और शौकत अली ने कहा हमने आदिवासी भाइयों के रोजगार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन गोंद व्यापारियों द्वारा जो जंगलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है हम उसकी जांच की मांग करते है। असंवैधानिक तरीके से लाइसेंस जारी हुए। पेसा एक्ट में खकनार ब्लाक आता है, लेकिन शाहपुर रेंज की सभी समितियों को लाइसेंसधारियों को इश्यू की है। बोदरली की 16 समितियां हैं जिसमें से 8 पेसा एक्ट में आती है। आठ बुरहानपुर ब्लाक में आती है, लेकिन पेसा एक्ट की आड़ में समितियां आवंटित की है। इसकी जांच की मांग की गई है।