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लोकायुक्त का छापा: जिला अस्पताल के लेखापाल को 10 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा

  • विभाग के ही सहायक ग्रेड तीन कर्मचारी से मेडिकल बिल पास करने के ऐवज में मांगी थी रिश्वत

  • 15 हजार रूपए में तय हुआ था सौदा, 5 हजार दे दिए, 10 हजार लेते पकड़ाया

बुरहानपुर।जिला अस्पताल के सिविल सर्जन कार्यालय में पदस्थ लेखापाल राधेश्याम चौहान को लोकायुक्त इंदौर की टीम ने 10 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों जिला अस्पताल स्थित उनके चेंबर से ही धरदबोचा। लेखापाल ने जिला अस्पताल में ही पूर्व में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 कर्मचारी अशोक पठारे से मेडिकल बिल पास करने के ऐवज में 20 हजार रूपए रिश्वत मांगी थी। 15 हजार रूपए में सेटलमेंट हो गया था। अशोक पठारे ने पहले 5 हजार रूपए भी दे दिए थे, लेकिन इसके बाद लोकायुक्त में शिकायत की। शुक्रवार दोपहर आरोपी लेखापाल राधेश्याम चौहान को लोकायुक्त ने 10 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा।
लोकायुक्त इंदौर निरीक्षक राहुल गजभिये ने बताया लेखापाल राधेश्याम चौहान ने सहायक ग्रेड तीन कर्मचारी अशोक पठारे से मेडिकल बिल आहरण करने के ऐवज में 20 हजार रूपए रिश्वत मांगी गई। इसकी शिकायत लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय को मिलने पर उन्होंने शिकायत का सत्यापन कराया। इसके बाद टीम का गठन किया। आज आरोपी राधेश्याम चौहान को 10 हजार रूपए रिश्वत लेते हुए उनके कार्यालय से पकड़ा गया। यहां से सर्किट हाउस ले जाकर बयान दर्ज कर केस बनाया गया। दरअसल शिकायतकर्ता अशोक पठारे बुरहानपुर जिला अस्पताल में ही पदस्थ हैं, लेकिन निलंबित होने के कारण उन्हें विभाग ने अलीराजपुर में अटैच कर रखा है। उन्होंने बताया मेरा हार्ट का ऑपरेशन होने पर उपचार इंदौर में चल रहा था। करीब पौने दो लाख के बिल थे। इसमें से 1.33 लाख का बिल निकाल दिए थे, लेकिन बाकी राशि के लिए पहले कहा कि बजट नहीं आया है फिर 20 हजार रूपए की मांग की।
अस्पताल घोटाले में नाम आने पर हुआ था निलंबन
लोकायुक्त को शिकायत करने वाले अशोक पठारे की पदस्थापना वैसे तो बुरहानपुर जिला अस्पताल में ही है, लेकिन उन्हें विभाग ने अलीराजपुर में अटैच कर रखा है। दरअसल 2022 में जिला अस्पताल में करोड़ों का घोटाला हुआ था इसमें पठारे का नाम भी सामने आया था। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय अलीराजपुर है। पठारे पर उस समय केस दर्ज किया गया था।
सिविल सर्जन खुद लोकायुक्त में हुए थे ट्रेप
खास बात यह है कि जिला अस्पताल के सिविल सर्जन के बाबू को लोकायुक्त की टीम ने पकड़ा है। इसी कार्यालय में सिविल सर्जन के पद पर प्रदीप कुमार मोजेश पदस्थ हैं उनके खिलाफ भी लोकायुक्त की टीम ने होशंगाबाद में कार्रवाई की थी। इसके बाद उनका तबादला बुरहानपुर कर दिया गया था तब से वह बुरहानपुर में पदस्थ हैं। अब उनके ही कार्यकाल में एक कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने का मामला सामने आया है।
वर्जन-
विभाग को पत्र मिलने पर होगी कार्रवाई
लोकायुक्त की टीम द्वारा कार्रवाई किए जाने की जानकारी सामने आई है। विभाग से पत्र मिलने पर आगे निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. राजेश सिसौदिया, सीएमएचओ बुरहानपुर

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