40.8 C
Burhānpur
Friday, April 11, 2025
40.8 C
Burhānpur
spot_img
Homeमध्यप्रदेशपांगरी मध्यम सिंचाई परियोजना: किसानों का संघर्ष रंग लाया, 17 लाख रुपये...
Burhānpur
broken clouds
40.8 ° C
40.8 °
40.8 °
10 %
4.1kmh
75 %
Fri
40 °
Sat
40 °
Sun
39 °
Mon
41 °
Tue
43 °
spot_img

पांगरी मध्यम सिंचाई परियोजना: किसानों का संघर्ष रंग लाया, 17 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा मंजूर!

  • शीर्षासन कर किया था अनोखा विरोध, आखिरकार किसानों की जीत

  • 300 किसानों की 287 हेक्टेयर जमीन आ रही थी डूब क्षेत्र में

  • पहले 10 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर का था प्रस्ताव, अब मिलेगा 17 लाख

  • शनिवार से बांध निर्माण कार्य हुआ शुरू, अब नहीं होगा कोई विरोध

बुरहानपुर। जिले के खकनार क्षेत्र में बनने वाली पांगरी मध्यम सिंचाई परियोजना के कारण 287 हेक्टेयर जमीन डूब क्षेत्र में आ रही थी। इससे प्रभावित 300 किसानों ने कई बार विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन प्रशासन ने उनकी मांगों पर लंबे समय तक ध्यान नहीं दिया।
दरअसल पिछले महीने किसानों ने अनोखा विरोध करते हुए केले के खेत में शीर्षासन किया था, जो काफी चर्चा में रहा। किसानों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर सामूहिक आत्मदाह की अनुमति तक मांगी थी, जिससे मामला गंभीर बन गया। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और कलेक्टर हर्ष सिंह के साथ कई दौर की बातचीत के बाद शुक्रवार को प्रशासन ने 17 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजे की घोषणा की।
क्या है पांगरी सिंचाई परियोजना और क्यों कर रहे थे किसान विरोध?
पांगरी मध्यम सिंचाई परियोजना बुरहानपुर जिले के किसानों के लिए बनाई जा रही एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इसके तहत 287 हेक्टेयर भूमि डूब क्षेत्र में आ रही थी, जिसमें कई किसानों की उपजाऊ खेती की जमीन शामिल थी।
किसानों की मुख्य मांगें थीं:
• उचित मुआवजा दिया जाए
• किसानों को विस्थापन का उचित लाभ मिले
• सिंचाई परियोजना से प्रभावित किसानों को अन्य योजनाओं में प्राथमिकता दी जाए
पहले प्रशासन ने 10 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसान 20 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की मांग कर रहे थे। अंततः दोनों पक्षों के बीच 17 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर पर सहमति बन गई।
कौन-कौन से अधिकारी और किसान रहे प्रमुख भूमिका में?
शुक्रवार को हुई बैठक में कलेक्टर हर्ष सिंह, कार्यपालन यंत्री बीएल मंडलोई, किसान नेता डॉ. रवि कुमार पटेल, नंदु पटेल, संजय चौकसे, राहुल राठौड़, माधो नाटो सहित कई अन्य किसान मौजूद रहे।
डॉ. रवि कुमार पटेल (किसान नेता) – हम पिछले तीन सालों से लगातार संघर्ष कर रहे थे। पहले प्रशासन ने हमें 10 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर का प्रस्ताव दिया था, लेकिन हमने इसे ठुकरा दिया। अब हमें 17 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा मिल रहा है, जो हमारी मेहनत और संघर्ष का नतीजा है।
किसानों का विरोध आंदोलन: कब-कब हुआ प्रदर्शन?
• 24 नवंबर 2023: राष्ट्रपति को पत्र लिखकर किसानों ने सामूहिक आत्मदाह की अनुमति मांगी थी।
• फरवरी 2025: पंचायत ने 10 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजे का नोटिस जारी किया, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया।
• मार्च 2025: किसानों ने केले के खेतों में शीर्षासन कर अनोखा प्रदर्शन किया, जिससे मामला सुर्खियों में आया।
• 29 मार्च 2025: प्रशासन और किसानों के बीच सहमति बनी, और मुआवजे की घोषणा हुई।
• 30 मार्च 2025: बांध निर्माण कार्य शुरू हुआ।
किसानों की जीत: अब नहीं होगा विरोध, बांध निर्माण हुआ शुरू
अब जबकि प्रशासन ने किसानों की मांगें मान ली हैं, शनिवार से सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। इससे पहले जब भी जल संसाधन विभाग की टीम काम करने आती थी, किसानों का भारी विरोध झेलना पड़ता था। लेकिन अब मुआवजे की सहमति बनने के बाद किसी भी तरह के विरोध की संभावना नहीं है, और यह परियोजना सुचारू रूप से आगे बढ़ सकेगी। किसानों की यह ऐतिहासिक जीत दिखाती है कि अगर संघर्ष सशक्त और संगठित हो, तो सरकार और प्रशासन को भी झुकना पड़ता है!

spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img