Rinmukteshwar Mahadev: भगवान भोलेनाथ को देवों का देव महादेव यूं ही नहीं कहा जाता बल्कि महादेव अपने भक्तों के प्रति समर्पित होते हैं। इतना ही नहीं वह अपने भक्तों के हर दुख, दर्द और परेशानी का हरण करते हैं।
ऐसे में भक्त भी अपनी हर अभिलाषा को लेकर भोलेनाथ के पास पहुंच जाते हैं, क्योंकि वो भक्त की हर मांग पूरी करते हैं. इसी तरह अगर कोई भक्त लोन से परेशान है तो वह भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर (Rinmukteshwar Mahadev) में एक बार भी माथा टेक ले तो उसका बड़ा कर्ज उतर जाता है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं ऐसे ही एक मंदिर के बारे में जहां जाकर आप अपना हर कर्ज उतार सकते हैं।
महादेव के इस मंदिर में मिल जाती है कर्ज से मुक्ति
भोलेनाथ के इस अनोखे मंदिर का नाम ऋण मुक्तेश्वर महादेव (Rinmukteshwar Mahadev) हैं जो उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में स्थित हैं। संगम के समुद्री तट पर स्थित पौराणिक महत्व के प्राचीन मंदिरों का वर्णन पद्म पुराण और स्कंद पुराण सहित कई धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। हिन्दू धर्म के अनुसार यहां दर्शन पूजन करने वाले व्यक्ति को हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिल जाती है। अपनी तरह के इस अनूठे मंदिर में वैसे तो पूरे साल ही रोजाना बड़ी संख्या में भक्त दर्शन-पूजन के लिए आते हैं लेकिन सावन के महीने में यहां भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। सावन माह में यहां विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
प्रयाग में स्थित हैं ऋणमुक्तेश्वर महादेव मन्दिर
ऋणमुक्तेश्वर महादेव के बारे में कहा जाता है कि यदि आपके ऊपर का कर्ज किसी भी प्रकार के उपाय के बाद भी नहीं उतर रहा है तो भगवान ऋणमुक्तेश्वर के शरण में शनिवार को जाने से अधिक लाभ मिलता है। संगम के निकट स्थित मनकामेश्वर संगम में पौराणिक महत्व के दो मंदिर हैं। पहले मनकामेश्वर महादेव कहते हैं तो दूसरे को ऋणमुक्ति महादेव (Rinmukteshwar Mahadev) कहते हैं। मनकामेश्वर मंदिर में पूजन अर्चन करने वालों के मन की सभी मनोकामना पूरी होती हैं तो ऋण मुक्तेश्वर महादेव में जल चढ़ाने वालों को हर तरह के ऋण से मुक्ति मिलती है।
मात्र जल चढ़ाने से ही मिल जाता है कर्ज से छुटकारा
मंदिर के महंत स्वामी श्री धरानंद जी महाराज के अनुसार त्रेता युग में वनवास पर भगवान राम ने भी यहीं पर पूजा की शुरुआत की थी। ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के महंत स्वामी श्री धरानंद जी महाराज और पुजारी चंदन तिवारी का कहना है कि भगवान भोलेनाथ ऋणमुक्तेश्वर महादेव (Rinmukteshwar Mahadev) स्वरूप में अत्यंत कम जगह पर हैं। उनका कहना है कि कई लोगों का तो इस मंदिर पर बहुत गहरा विश्वास है कि यहां लोग पीढ़ी दर पीढ़ी से आ रहे हैं। यह मंदिर द्वारिका पृथिवी के पूर्वजों का भी स्थान है।
भगवान राम ने भी त्रेता में की है यहाँ पर पूजा
ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती तो यहाँ वर्ष में कई बार यात्रा करते थे। मंदिर के वास्तविक स्वरूप को उन्होंने ही तैयार किया था। प्रयाग में कुछ महीनों बाद कुंभ आयोजित होने वाला है इसके चलते भारी संख्या में भक्त आने वाले हैं। इसलिए ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर (Rinmukteshwar Mahadev) का जीर्णोद्धार का काम चल रहा है। मंदिर कि मान्यता दूर-दूर तक फैली हुई है।